Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजगर्भवती होते हुए भी नक्सलियों से मोर्चा लेने वाली कमांडो सुनैना पटेल ने बेटी...

गर्भवती होते हुए भी नक्सलियों से मोर्चा लेने वाली कमांडो सुनैना पटेल ने बेटी को दिया जन्म

छत्तीसगढ़ की 'सुपर वुमन' सुनैना पटेल ने नक्सलियों से लड़ने के लिए दंतेश्वरी फाइटर की टीम लीडर के तौर पर तब ज्वाइन किया था, जब वह दो महीने की गर्भवती थीं। वह मोर्चे पर लगातार डटी रहीं। अधिकारियों के कहने पर भी गर्भ के दौरान छुट्टी नहीं ली। एके-47 व अन्य हथियारों तथा 10 किलो का बैग पीठ पर लादकर पेट्रोलिंग करती रहीं।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके में तैनात कमांडो सुनैना पटेल की कहानी इस साल इंटरनेशनल वूमेंस डे पर इंटरनेट पर छाई हुई थी। इसकी वजह थी गर्भवती होते हुए भी मोर्चे पर उनका डटे रहना। यह स्टोरी न्यूज एजेंसी एएनआई के रिपोर्टर लोकेश ने की थी।

छत्तीसगढ़ की ‘सुपर वुमन’ सुनैना पटेल ने नक्सलियों से लड़ने के लिए दंतेश्वरी फाइटर की टीम लीडर के तौर पर तब ज्वाइन किया था, जब वह दो महीने की गर्भवती थीं।

इसके बाद से वह मोर्चे पर लगातार डटी रहीं। अधिकारियों के कहने पर भी गर्भ के दौरान छुट्टी नहीं ली। एके-47 व अन्य हथियारों तथा 10 किलो का बैग पीठ पर लादकर पेट्रोलिंग करती रहीं।

अब एएनआई के रिपोर्टर तन्मय ने ट्वीट कर बताया है कि सुनैना ने एक बच्ची को जन्म दिया है। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। इसके साथ ही उसने बेटी के साथ सुनैना की कुछ तस्वीरें भी शेयर की है।

दंतेवाड़ा के एसपी के मुताबिक ड्यूटी के दौरान एक बार सुनैना का गर्भ गिर चुका था। बावजूद इसके उन्होंने अपने कत्वर्य से पैर पीछे नहीं खींचे। हर किसी को उसकी और उसके बच्चे की चिंता थी। उन्होंने बताया कि सुनैना का हौसाल अन्य महिलाओं को भी नक्सल विरोधी फोर्स ज्वाइन करने की प्रेरणा देगा।

सुनैना के बेटी को जन्म देने की खबर सामने आने के बाद सोशल मीडिया में कई लोगों ने मॉं-बेटी के स्वास्थ्य की कामना करते हुए बधाई दी है। कहा है कि उनकी कहानी युवा पीढ़ी को प्रेरित करेगी और महिलाओं को राष्ट्र विरोधी ताकतों के खिलाफ मोर्चा लेने के लिए फोर्सेस ज्वाइन करने को प्रेरित करेगी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -