Sunday, September 8, 2024
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अर्नब गोस्वामी को मुंबई पुलिस ने फिर भेजा समन, पहले कोरोना संक्रमित अधिकारी से कराया था पूछताछ

रजा अकादमी के इरफान अबुबकर शेख ने अर्नब गोस्वामी के खिलाफ यह शिकायत दर्ज की थी। शिकायत में अर्नब पर आरोप लगाया गया है कि वह बांद्रा प्रोटेस्ट को मस्जिद से जोड़कर मुस्लिम समुदाय को बदनाम करना चाहते हैं।

पिछले महीने 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद मुंबई पुलिस ने एक बार फिर रिपब्लिक टीवी के प्रमुख अर्नब गोस्वामी को समन भेजा है। इस बार मुंबई पुलिस ने अर्नब गोस्वामी के साथ रिपब्लिक टीवी के मुख्य वित्तीय अधिकारी सुंदरम को भी पूछताछ के लिए 10 जून को पायधुनी पुलिस थाने बुलाया है।

अर्नब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी के प्रमुख वित्तीय अधिकारी को भेजे गए इस पत्र में मुंबई पुलिस ने उन्हें जाँच अधिकारी सुरेश गायकवाड के सामने प्रस्तुत होने को बोला है। ये पूछताछ 2 मई 2020 को दर्ज हुए एक मामले से संबंधित है। जिसे आईपीसी की धारा 153, 153 ए, 295ए, 500, 505 (2), 501 (1) (B) (C), 511, 120 (B) के तहत दायर किया गया था।

गौरतलब है कि बांद्रा में 14 अप्रैल को प्रवासी मजदूरों की भीड़ को इकट्ठा देखकर रिपब्लिक टीवी ने इस विषय पर अपनी रिपोर्टिंग की थी। इसी के मद्देनजर मुंबई पुलिस ने 2 मई को मीडिया संस्थान पर केस दर्ज किया था। ये FIR पायधुनी पुलिस थाने में दर्ज हुई थी। इस शिकायत को दर्ज करने वाले रजा अकादमी के इरफान अबुबकर शेख थे।

इस शिकायत में अर्नब गोस्वामी पर आरोप लगाया गया था कि वह बांद्रा प्रोटेस्ट को मस्जिद से जोड़कर मुस्लिम समुदाय को बदनाम करना चाहते हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार पूरे मामले में मस्जिद का भीड़ इकट्ठी होने से कोई लेना-देना नहीं था।

शेख ने यह भी आरोप लगाया कि रिपब्लिक भारत के एंकर अर्नब गोस्वामी ने बांद्रा के रेलवे स्टेशन पर प्रवासियों के आंदोलन की फुटेज का इस्तेमाल अपने शो में किया। जबकि मस्जिद के पास खुली जगह में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए थे। मस्जिद और प्रोटेस्ट का कोई आपसी लेना-देना नहीं है। लेकिन अर्नब ने जानबूझकर साम्प्रदायिक अशांति पैदा करने के लिए मस्जिद को उजागर किया।

यहाँ बता दें कि पिछले माह 27 अप्रैल को भी अर्नब गोस्वामी से 12 घंटे तक मुंबई पुलिस ने पूछताछ की थी। उस समय केस सोनिया गाँधी पर टिप्पणी को लेकर था। अर्नब पर अलग-अलग राज्यों में दर्ज की गई एफआईआर का एक जैसा स्वरूप देखते हुए कोर्ट ने इस मामले में सभी एफआईआर को एक में जोड़ दिया था और सबको मुंबई ट्रांसफर कर दिया था। मगर, एक हफ्ते बाद, बांंद्रा वाले पुराने मामले को लेकर रजा अकादमी ने यह एफआईआर की थी।

इस समय हालातों के मद्देनजर सबसे हैरानी की बात है कि जब महाराष्ट्र की स्थिति कोरोना के कारण काबू से बाहर हो रखी है और केवल मुंबई में 50 हजार कोरोना के केस आ चुके हैं, उस समय में भी मुंबई पुलिस अर्नब पर शिकंजा कसने से नहीं चूक रही।

याद दिला दें कि जब पिछली बार लंबी पूछताछ के लिए अर्नब को बुलाया गया था, तो उसके बाद मालूम चला था कि जिस अधिकारी ने उनसे पूछताछ की वो कोरोना पॉजिटिव था। इस बात की सूचना खुद अर्नब के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में एक केस की सुनवाई के दौरान दी थी। वहीं कोर्ट ने भी कहा था कि अब अर्नब के ख़िलाफ़ पालघर मामले में सोनिया गाँधी को लेकर जो टिप्पणी थी, उस पर कोई एफआईआर नहीं होगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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