Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजउमर खालिद पर गोली चलने का अकेला चश्मदीद भी यही खालिद सैफ़ी था, जो...

उमर खालिद पर गोली चलने का अकेला चश्मदीद भी यही खालिद सैफ़ी था, जो आज दिल्ली दंगो की साजिश में हुआ गिरफ्तार

"ये हैं खालिद सैफी - दिल्ली दंगो में हथियार लाने और ताहिर हुसैन को हथियार और पैसे दिलवाने के लिए गिरफ्तार। जब उमर खालिद पर गोली चलने की झूठी खबर आई थी। तब मीडिया में गोली चलने का अकेला विटनेस ये खालिद सैफी ही था। मैंने ये बात 13 अगस्त 2018 को ही बताई थी।"

दिल्ली दंगों की साज़िश के मामले में एसआईटी ने खालिद सैफी (Khalid Saifi) को गिरफ्तार किया है। खालिद सैफी (Khalid Saifi) को चाँद बाग में हुई हिंसा की साजिश में शामिल होने के आरोप में अरेस्ट किया गया है।

खालिद सैफी की गिरफ्तारी के बाद भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि ये वही खालिद सैफी है जो उमर खालिद पर गोली चलने का अकेला गवाह था।

खालिद सैफी की गिरफ्तारी के बाद भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ANI की एक पुरानी खबर का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा है –

“ये हैं खालिद सैफी – दिल्ली दंगो में हथियार लाने और ताहिर हुसैन को हथियार और पैसे दिलवाने के लिए गिरफ्तार। जब उमर खालिद पर गोली चलने की झूठी खबर आई थी। तब मीडिया में गोली चलने का अकेला विटनेस ये खालिद सैफी ही था। मैंने ये बात 13 अगस्त 2018 को ही बताई थी।”

उमर खालिद को गोली लगने की घटना का अकेला चश्मदीद था खालिद सैफ़ी

दरअसल, JNU छात्र नेता उमर खालिद पर कथित रूप से गोली लगने का यह मामला 13 अगस्त 2018 को सामने आया था। तब कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में ‘खौफ से आजादी’ नाम के कार्यक्रम का आयोजन ‘यूनाइटेड अंगेस्ट हेट’ और ‘नॉट इन माई नेम’ नाम की संस्थाओं के बैनर तले किया गया था।

इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उमर खालिद भी पहुँचे थे। इस मौके पर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा था कि कार्यक्रम शुरू होने के पहले कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के बाहर उमर अपने कुछ साथियों के साथ चाय पी रहे थे, इतने में हाथ में पिस्तौल लिए सफेद शर्ट पहने एक शख्स आया और उसने उमर को मारने के लिए जैसे ही पीछे दबोचा तो उनके साथियों ने उसे पकड़ने का प्रयास किया। 

उस प्रत्यक्षदर्शी ने कहा था कि हमलावर ने वहाँ से भागते हुए उमर खालिद पर गोली चलाई थी। यह प्रत्यक्षदर्शी और कोई नहीं बल्कि दिल्ली दंगों के पहले इसी JNU छात्र उमर खालिद (Umar Khalid) और ताहिर हुसैन के बीच शाहीनबाग (Shaheen Bagh) में मीटिंग करवाने वाला खालिद सैफी ही था। 08 जनवरी को शाहीनबाग में हुई मीटिंग में उमर खालिद, ताहिर हुसैन और खालिद सैफी शामिल थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -