Thursday, May 2, 2024
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सैटेलाइट तस्वीरों में नजर आए PLA के शिविर, क्या LAC के इस ओर फिर लौट रहे हैं चीनी सैनिक?

सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही इन तस्वीरों से भ्रम की स्थिति भी बनती नजर आ रही है। यानी, कुछ लोगों का यकीन है कि चीन की सेना वास्तविक नियन्त्रण रेखा के इस पार आकर बंकरों का निर्माण कर रही है जबकि कुछ लोगों का कहना है कि जिस क्षेत्र में चीनी सैनिक लौटे हैं वह अभी भी भारत द्वरा तय की गई वास्तविक नियन्त्रण रेखा से बाहर ही है।

भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख स्थित गलवान घाटी में गत 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के सैन्‍य अधिकारियों के बीच कई दौर की बातचीत हुई और अब दोनों देशों ने अपने सैनिकों को पीछे हटाने पर आपसी सहमती बनाई थी।

सेना के सूत्रों ने मंगलवार (23 जून) को बताया कि सोमवार (22 जून) को दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच हुई बातचीत सौहार्दपूर्ण, सकारात्मक और रचनात्मक माहौल में हुई।

लेकिन गलवान घाटी की ताजा सैटलाइट तस्‍वीरें से नजर आ रहा है कि PLA (People’s Liberation Army) के सैनिक एक बार फिर इस जगह लौटकर अपने बंकरों का निर्माण कर रहे हैं। लेकिन क्या इन तस्वीरों का आशय यह है कि चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में घुस आए हैं? बताया जा रहा है कि यह क्षेत्र उस इलाके से भी 19 किलोमीटर दूर है, जहाँ भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी।

इन नवीनतम सैटेलाइट तस्वीरों से यह भी पता चलता है कि एलएसी के दूसरी तरफ पैंगोंग त्सो झील (Pangong Tso Lake) के पास चीनी सेना व्यापक स्तर पर गतिविधियों को अंजाम दे रही है। इन चित्रों में देखा जा सकता है कि चीनी पीएलए सैनिक यहाँ चौकियों का निर्माण कर रहे हैं।

शिव अरूर द्वारा ट्विटर पर पोस्ट की गई सैटेलाइट तस्वीरों में 16 जून और 22 जून की स्थिति दिखाई गई है। 16 जून को जिन जगहों पर चीनी सेना के गन पोजिशन और उनकी मौजूदगी के निशान नजर आ रहे थे तो वहीं 22 जून की तस्वीरों में यहाँ पर बड़ी मात्र में बंकर देखे जा सकते हैं।

यह सैटेलाइट तस्वीरें इस कारण चिंता का विषय हैं क्योंकि यह दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद चीन की कम्युनिस्ट सरकार की मंशा को और स्पष्ट कर रही हैं। दरअसल, भारत और चीन के शीर्ष सैन्य कमांडरों के बीच सोमवार (22 जून) को हुई बैठक के दौरान दोनों देशों की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी स्थानों से हटने पर सहमति बनी थी।

गलवान घाटी में भारतीय सैनिक और चीनी सैनिकों की स्थिति

बातचीत के दौरान भारत की ओर से स्पष्ट कह दिया गया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा में जैसी स्थिति 5 मई के पहले थी वैसे ही होनी चाहिए। यानी भारत द्वारा साफ शब्दों में चीन को अपनी सीमा पर वापस लौटने का कह दिया गया था।

सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही इन तस्वीरों से भ्रम की स्थिति भी बनती नजर आ रही है। यानी, कुछ लोगों का यकीन है कि चीन की सेना वास्तविक नियन्त्रण रेखा के इस पार आकर बंकरों का निर्माण कर रही है जबकि कुछ लोगों का कहना है कि जिस क्षेत्र में चीनी सैनिक लौटे हैं वह अभी भी भारत द्वरा तय की गई वास्तविक नियन्त्रण रेखा से बाहर ही है।

इसका आशय यह भी लगाया जा रहा है कि हाल ही में हुई झड़प में मीडिया में खबर आइन थीं कि भारतीय सैनिकों ने चीन की सेना को दो किलोमीटर खदेड़ दिया है, यानी यह इतिहास में पहली बार हुआ है जब चीनी सैनिक अपने द्वारा कब्जाए गए हिस्से से पीछे हटे हों, ऐसे में यदि वह वापस 100 मित्र के दायरे में आकर बंकरों का निर्माण करते हैं, तो वो तब भी उस हिस्से से दूर ही हैं, जिस पर वह वर्षों से अपना अधिकार बताते आ रहे थे।

हालाँकि, सैटलाइट तस्वीरें अभी भी कोई स्पष्ट दावा कर पाने में असमर्थ हैं कि गलवान घाटी में क्या चल रहा है। लेकिन यह तस्वीरें पूर्वी लद्दाख क्षेत्र को लेकर चीन का कुटिल रवैया जरुर स्पष्ट कर रहा है। यानी, एक ओर जहाँ वह सेना और अधिकारियों के साथ बातचीत का दिखावा कर रहा है, उसी समय उनके सैनिक भारतीय क्षेत्र में वापस घुसपैठ करने की योजना बना रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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