Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजभैसों के सामने आने से पलटी गाड़ी, पिस्टल छीन कच्चे रास्ते से भाग रहा...

भैसों के सामने आने से पलटी गाड़ी, पिस्टल छीन कच्चे रास्ते से भाग रहा था विकास दुबे: यूपी STF

एसटीएफ के अनुसार लखनऊ एसटीएफ की टीम विकास दुबे को तेज बहादुर सिंह की अगुवाई में लेकर आ रही थी। कानपुर में आने वाले सचेंडी थाने के नज़दीक कन्हैया लाल अस्पताल के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग पर भैंसों का एक झुंड सामने आ गया। उन्हें बचाने की कोशिश में वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया।

गैंगस्टर विकास दुबे आज सुबह मुठभेड़ में मारा गया था। यूपी एसटीएफ (STF) ने बयान जारी कर पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी है। विकास दुबे के मामले में अब एक और पक्ष सामने आया है।

एसटीएफ के अनुसार लखनऊ एसटीएफ की टीम विकास दुबे को तेज बहादुर सिंह की अगुवाई में लेकर आ रही थी। कानपुर में आने वाले सचेंडी थाने के नज़दीक कन्हैया लाल अस्पताल के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग पर भैंसों का एक झुंड सामने आ गया। उन्हें बचाने की कोशिश में वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया, जिसके बाद कुछ पुलिस अधिकारी और पुलिसकर्मी घायल हो गए। 

चोट लगने की वजह से कुछ पुलिसकर्मी अचेत हुए जिसका फायदा उठाकर विकास दुबे पुलिस निरीक्षक रमाकांत पचौरी की सरकारी पिस्टल उठा कर कच्चे रास्ते से भागने लगा। पीछे आ रहे बाकी पुलिसकर्मियों का वाहन यह देखकर दुर्घटनाग्रस्त वाहन के पास आकर रुका। घायल हुए पुलिसकर्मियों ने उन्हें बताया कि विकास दुबे कच्चे रास्ते से भागा है। 

घायल पुलिसकर्मियों को नज़दीकी अस्पताल भेजने के बाद शेष पुलिस कर्मियों को आदेश दिया गया कि वह विकास दुबे के पीछे जाएँ। पीछे करते हुए पुलिस जब उसके नजदीक पहुँची तो उसने फायर कर दिया। अभियुक्त को ज़िंदा पकड़ने की कोशिश में पुलिसकर्मी उसके नज़दीक गए भी लेकिन अंतिम क्षण में उसने फिर गोली चला दी। 

ऐसी स्थिति में कोई विकल्प न बचने के बाद पुलिसकर्मियों ने आत्मरक्षा और कत्वर्य का पालन करते हुए गोली चला दी। जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे को गोली लगी और वह घायल होकर गिर पड़ा। पुलिस ने उसे मौके पर प्राथमिक उपचार दिया और इसके बाद सरकारी अस्पताल लेकर गए। चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया, फिलहाल घायल पुलिसकर्मियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -