Sunday, September 8, 2024
Homeराजनीतिजिस कॉन्ग्रेस ने राम के अस्तित्व को सुप्रीम कोर्ट में किया था खारिज, वो...

जिस कॉन्ग्रेस ने राम के अस्तित्व को सुप्रीम कोर्ट में किया था खारिज, वो अब ‘भारत के राम’ विवाद में कूदी

भगवान राम पर ये टिप्पणी उस पार्टी के युवा विंग ने की है, जिसने एक समय में सुप्रीम कोर्ट में श्रीराम के अस्तित्व को खारिज कर दिया था। इसी कॉन्ग्रेस ने रामसेतु पर मामला उठने पर सर्वोच्च न्यायालय को कहा था कि श्री राम के अस्तित्व का कोई ऐतिहासिक सबूत नहीं है और रामायण में वैज्ञानिक व ऐतिहासिक सत्यता का अभाव है।

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कल श्राीराम भगवान के जन्मस्थान अयोध्या को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने दावा किया कि भारत में मौजूद अयोध्या नकली है और असली अयोध्या नेपाल में है। इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर एक अलग बहस छिड़ गई। 

स्वयं नेपाल के लोगों ने ही PM ओली को उनकी इस टिप्पणी पर घेर लिया और भारतीयों ने भी इस पर उनकी खूब आलोचना की। नेपाल की विपक्षी पार्टियों ने भी इसे हास्यास्पद बताया। इसी बीच यूथ कॉन्ग्रेस ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। 

यूथ कॉन्ग्रेस ने मौके का फायदा उठाकर अपने ट्विटर पर लिखा, “पहले उन्होंने भारतीय न्यूज चैनलों को बैन किया और अब नेपाल की इतनी हिम्मत कि ये कह रहे हैं कि भगवान राम भारतीय मिट्टी के पुत्र नहीं हैं।” जिसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें ट्रोल कर दिया और बताया कि कैसे कॉन्ग्रेस ने राम मंदिर पर अड़ंगे लगाए थे।

दरअसल, कॉन्ग्रेस की इस टिप्पणी पर सबसे पहले तो ये गौर करने वाली बात है कि नेपाल ने श्रीराम को ‘नेपाली’ नहीं कहा है। बल्कि सिर्फ़ केपी शर्मा ओली ने उन्हें नेपाली बोला है। मगर, कॉन्ग्रेस ने इस बात पर केपी शर्मा को आड़े हाथों लेने की बजाय पूरे नेपाल पर ही निशाना साध दिया।

सबसे हैरत की बात है कि भगवान राम पर ये टिप्पणी उस पार्टी के युवा विंग ने की है, जिसने एक समय में सुप्रीम कोर्ट में श्रीराम के अस्तित्व को खारिज कर दिया था। इसी कॉन्ग्रेस ने रामसेतु पर मामला उठने पर सर्वोच्च न्यायालय को कहा था कि श्री राम के अस्तित्व का कोई ऐतिहासिक सबूत नहीं है और रामायण में वैज्ञानिक व ऐतिहासिक सत्यता का अभाव है।

सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कॉन्ग्रेस ने कहा था कि वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस को प्राचीन भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है, लेकिन ये इसमें मौजूद पात्रों के अस्तित्व और उसमें चित्रित घटनाओं को अस्तित्व साबित करने के लिए ऐतिहासिक रिकॉर्ड नहीं कहा जा सकता।

अब खुद सोचिए, एक पार्टी जिसे श्रीराम के अस्तित्व पर ही संदेह हो और एक समय में वह उसे खारिज करने का प्रयास कर चुकी हो। आज उसकी यूथ विंग ऐसे ट्वीट करके क्या लोगों में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही। और क्या पूरे नेपाल का नाम लेकर भारत के साथ उसके संबंधों को बिगाड़ने का प्रयास नहीं कर रही?

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -