पिछले कुछ वर्षों में कॉन्ग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव जीतने के लिए धरातल पर कुछ कार्य करने के बजाए बाकी हर हथकंडा और करतब करते हुए देखी गई है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, इस उम्रदराज पार्टी के नेतृत्व द्वारा रचनात्मकता के नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं।
आज सुबह से ही कॉन्ग्रेस द्वारा, जमीन घोटाले सम्बंधित मामलों को लेकर रोजाना ED ऑफिस के चक्कर काट रहे रॉबर्ट वाड्रा के साले और पार्टी के युवा अध्यक्ष राहुल गाँधी के लोकसभा सीटों के सेलेक्शन को लेकर नई चुनावी चकल्लस देखने को मिली है। रचनात्मकता की सभी हदें पार करते हुए राहुल गाँधी की इस पारिवारिक पार्टी के सदस्यों को उनसे ये रिक्वेस्ट करते हुए भी दिखाया गया है कि राहुल गाँधी को इस बार अमेठी नहीं, बल्कि केरल की किसी सीट से चुनाव लड़ना चाहिए।
कुछ समर्थकों ने कॉन्ग्रेस पार्टी अध्यक्ष को प्रियंका गाँधी की दादी, यानी इंदिरा गाँधी की तरह ही दक्षिण भारत अभियान करने की भी सलाह दी हैं। ये बात और है कि उनकी दादी या बाकी लोग नए क्षेत्र में वर्चस्व बढ़ाने के लिए चुनाव लड़ते हैं, जबकि चिरयुवा अध्यक्ष राहुल गाँधी अपने गढ़ में पिछले 5 सालों में स्मृति ईरानी के बेहतर कार्यों के कारण शायद अपनी निश्चित हार को सामने देखकर ये माहौल बना रहे हैं। जो व्यक्ति अपनी पार्टी में ही पूर्ण स्वीकार्यता नहीं पा सका, वो ‘पैन-इंडियन’ कहाने की बहानेबाज़ी क्यों कर रहा है, ये समझ के बाहर है।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस पर प्रतिक्रिया करते हुए ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है, “अमेठी ने भगाया, जगह-जगह से बुलावे का स्वांग रचाया, क्योंकि जनता ने ठुकराया। #BhaagRahulBhaag सिंहासन खाली करो राहुल जी कि जनता आती है।”
अमेठी ने भगाया,
— Chowkidar Smriti Z Irani (@smritiirani) March 23, 2019
जगह-जगह से बुलावे का स्वांग रचाया,
क्योंकि जनता ने ठुकराया। #BhaagRahulBhaag
सिंहासन खाली करो राहुल जी कि जनता आती है pic.twitter.com/oVEox3YyHh
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी इस बार पूरी तैयारी के साथ अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने जा रही हैं। अपने जन्मदिन के अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा है, “अमेठी है तैयार #PhirEkBaarModiSarkaar।”
Extremely grateful for your blessings Sir. अमेठी है तैयार #PhirEkBaarModiSarkaar ? https://t.co/plYDUH9q8J
— Chowkidar Smriti Z Irani (@smritiirani) March 23, 2019
राहुल गाँधी के दक्षिण भारत से चुनाव लड़ने की अटकलों पर कुछ लोगों ने ट्विटर पर लिखा है कि राहुल गाँधी अमेठी में अपनी हार स्वीकार कर चुके हैं और केरल से चुनाव लड़ने का यह उनका बस एक बहाना मात्र है। देखा जाए तो कॉन्ग्रेस दल इस बार चुनाव जीतने की तैयारियों से ज्यादा हार का ठीकरा फोड़ने और उसके अनुसार ही जवाबदेही तय करने पर ज्यादा काम करती नजर आ रही है।
चुनाव लड़ने के लिए, कभी अमेठी और कभी केरल जाने की तैयारियाँ कॉन्ग्रेस पार्टी का मात्र राहुल गाँधी की जीत और हार के बाद की रणनीति को ध्यान में रखकर ही किया गया प्रयास से ज्यादा कुछ नजर नहीं आता है। इस तरह से कॉन्ग्रेस के साथ-साथ बाकी अन्य दलों के समर्थक भी बस यही कह रहे हैं कि जो भी है, लेकिन अध्यक्ष राहुल गाँधी जी मनोरंजन में कमी नहीं आने दे रहे हैं।