Wednesday, November 27, 2024
Homeदेश-समाजयोगी राज में गाँव लौटा फौजी का परिवार, अखिलेश के CM रहते परिवार के...

योगी राज में गाँव लौटा फौजी का परिवार, अखिलेश के CM रहते परिवार के 5 लोगों की कर दी गई थी हत्या

प्रवेश राठी सेना में जवान और अभी जयपुर में तैनाती है। उन्होंने कहा जब से योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की कमान सँभाली है तब से प्रदेश का माहौल बहुत बेहतर हुआ है। जिस तरह सरकार ख़ूँख़ार अपराधियों पर कार्रवाई कर रही है और उन्हें सज़ा सुनाई जा रही है, वह सराहनीय है।

परिवार के 5 लोगों की हत्या के बाद एक फौजी का परिवार उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित अपना गॉंव छोड़कर चला गया था। लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार में कानून-व्यवस्था में सुधार के बाद यह परिवार 7 साल बाद फिर अपने गॉंव लौट आया है। गॉंव पहुॅंचकर पुलिस की मदद से उन्होंने अपना घर, जमीन और संपत्ति भी वापस पा ली है।

प्रवेश राठी सेना में जवान और अभी जयपुर में तैनाती है। मीडिया वालों से बात करते हुए उन्होंने कहा जब से योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की कमान सँभाली है तब से प्रदेश का माहौल बहुत बेहतर हुआ है। जिस तरह सरकार ख़ूँख़ार अपराधियों पर कार्रवाई कर रही है और उन्हें सज़ा सुनाई जा रही है, वह सराहनीय है। 

प्रदेश के तमाम जिलों में लोगों के बीच अपराध को लेकर भय कम हुआ है। इस देखकर मुझे लगा कि हालात पहले से बेहतर हैं और मेरी वापसी संभव है। इस दौरान बागपत के पुलिस अधीक्षक, आईजी मेरठ समेत कई अधिकारियों ने प्रदेश की क़ानून-व्यवस्था को लेकर आश्वासन भी दिया था।

दरअसल एक पुराने विवाद के चलते प्रवेश राठी के परिवार के 5 लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। मरने वालों में उनकी माता सरोज, पिता रामवीर, उनके भाई प्रवीण और संजीव शामिल थे। इसके अलावा भी उनके घर पर कई बार गोलीबारी की गई थी। हत्या का आरोप गाँव के ही प्रमोद गंगनोली और उसके परिवार वालों पर लगा था। प्रमोद गंगनौली पर एक लाख रुपए का इनाम भी रखा गया था। उसे हाल ही में गिरफ्तार किया गया है। 

इस घटना से भयभीत और आहत होकर फौजी के परिवार ने गाँव छोड़ दिया था। यह घटना साल 2013 में हुई थी जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। यह हत्याएँ उस वक्त हुई जब पुलिस की तरफ से सुरक्षा मिली हुई थी। वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद प्रवेश राठी का मनोबल बढ़ा और उन्होंने गाँव वापस लौटने का फैसला लिया।  

रविवार (6 सितंबर 2020) को पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में प्रवेश राठी ने अपने खेत की जुताई की। इसके अलावा पुलिस ने उन्हें अपना पैतृक गाँव स्थित घर भी वापस दिलाया। राठी ने कहा कि अब वह अपना गाँव छोड़ कर कहीं नहीं जाएँगे, क्योंकि अब प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था पहले की तुलना में काफी बेहतर है। हम अपने गाँव में शांति से रह सकते हैं अब हमें किसी का डर नहीं है।  

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मस्जिद-कब्रिस्तान की जमीन भले ही प्रयोग में नहीं, लेकिन वो रहेगी हमेशा मुस्लिमों की: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट, वक्फ के खिलाफ दायर याचिका खारिज

जिस जमीन पर मस्जिद-कब्रिस्तान बना दी गई, उसे कपूरथला के राजा जगतजीत सिंह ने 1922 में निक्के और सलामत शाह को दान में दी थी।

अमेरिकी मुकदमे में गौतम अडानी और सागर अडानी पर रिश्वत देने के आरोप नहीं, मीडिया ने ‘लापरवाही’ में की रिपोर्टिंग: कारोबारी समूह बोला- इससे...

अडानी समूह ने कहा कि अमेरिका में दायर किए गए मुकदमे में गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर रिश्वत में शामिल होने का आरोप नहीं लगा है।
- विज्ञापन -