Thursday, May 9, 2024
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व्यूअरशिप में गड़बड़ी करने के लिए BARC ने लगाया था जुर्माना: ‘इंडिया टुडे’ ने ऑपइंडिया की खबर की पुष्टि की

इंडिया टुडे ने BARC द्वारा उस पर जुर्माना लगाए जाने को एक 'अलग मामला' बताते हुए लिखा कि वो उसके खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई करेगा, लेकिन उसने इस बात पर चुप्पी साध रखी है कि आखिर उस पर जुर्माना लगने का कारण क्या था। इसी बारे में ऑपइंडिया ने बड़ा खुलासा किया था।

फेक टीआरपी के मामले में ‘इंडिया टुडे’ ने बयान जारी कर सफाई दी है। इसमें उसने ऑपइंडिया की रिपोर्ट की पुष्टि कर दी है। उसने ये भी स्वीकार किया है कि उस पर ‘ब्रॉडकास्टर ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC)’ द्वारा जुर्माना लगाया गया था। हालाँकि ‘इंडिया टुडे’ ने आरोप लगाया है कि BARC ने बिना किसी पुष्ट सबूत और बिना न्यायिक कमिटी की जाँच के ही उस पर जुर्माना लगा दिया था।

साथ ही उसने BARC के खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई की भी धमकी दी है और आरोप लगाया है कि उसने गोपनीय सुनवाई के विवरणों को सार्वजनिक कर दिया। उसने BARC द्वारा उस पर जुर्माना लगाए जाने को एक ‘अलग मामला’ बताते हुए लिखा कि वो उसके खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई करेगा, लेकिन उसने इस बात पर चुप्पी साध रखी है कि आखिर उस पर जुर्माना लगने का कारण क्या था। इसी बारे में ऑपइंडिया ने बड़ा खुलासा किया था।

हमारे सूत्रों ने हमें जानकारी दी थी कि ‘इंडिया टुडे’ को 5 लाख रुपए का फाइन भरने को कहा गया था, क्योंकि उसने अपनी व्यूअरशिप बढ़ने के पीछे जो स्पष्टीकरण ‘BARC Disciplinary Council (BDC)’ को सौंपा, वह उन्हें संतोषजनक नहीं लगा। व्यूअरशिप में नजर आ रही गड़बड़ी (malpractice) के संबंध में टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड और BARC को 27 अप्रैल 2020 को कारण बताओ नोटिस भी भेजा गया था। 

इसके बाद टीवी टुडे द्वारा दिया गया जवाब BARC डिसिप्लिनरी काउंसिल को संतोषजनक नहीं लगा। बीडीसी ने इंडिया टुडे की प्रतिक्रिया पर कहा, चुनिंदा भौगोलिक क्षेत्रों (मुंबई और बेंगलुरु) में इंडिया टुडे चैनल की व्यूअरशिप में इतने उछाल के संबंध में दिया गया जवाब संतोषजनक नहीं है। इसके अलावा, BARC डिसिप्लिनरी काउंसिल ने कहा, “BARC Measurement Science Team द्वारा उपलब्ध कराए गए स्टैस्टिकल डेटा (statistical data) से पता चलता है कि व्यूअरशिप में असामान्य और सोच से परे वृद्धि हुई है।”

अब ‘इंडिया टुडे’ अपने 45 साल के काल की दुहाई देते हुए कह रहा है कि उसने पत्रकारिता का सर्वोच्च मानक स्थापित किया है और मीडिया संस्थान का हर कदम पत्रकारिता के स्वर्मिण मानक के मुताबिक व्यवहार करने की इच्छा से प्रेरित है। उसने मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के बारे में कहा कि उसे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी और न ही इस मामले में गिरफ्तार अभियुक्त से उसका कोई वास्ता है।

उसने ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ पर निशाना साधते हुए कहा कि दूसरा चैनल अपनी ‘आपराधिक करतूतों’ को छिपाने के लिए किसी और पर आरोप मढ़ने का प्रयास कर रहा है। उसने कहा कि BARC ने ‘बिना ठोस सबूत और बिना यथोचित न्यायिक कमिटी की बैठक बुलाए गोपनीय सुनवाई को लीक कर दिया’, जिसके बाद चैनल ‘इंसाफ के लिए’ क़ानूनी रास्ता अपनाएगा। साथ ही उसने मुंबई पुलिस की जाँच पर भी भरोसा जताया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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