महाराष्ट्र में अर्नब गोस्वामी के ख़िलाफ़ आत्महत्या के मामले में मुंबई पुलिस की कार्रवाई किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में एक ओर जहाँ महाराष्ट्र सरकार व मुंबई पुलिस की मंशा पर लगातार सवाल उठ रहे हैं और राज्य प्रशासन द्वारा इस बात का हवाला दिया जा रहा है कि कानून सबके लिए समान है, वहीं अब आत्महत्या का ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक बस कंडक्टर ने अपनी मौत का जिम्मेदार ठाकरे सरकार को बताया है।
इस केस के सामने आते ही सोशल मीडिया पर लोग सवाल पूछने लगे हैं कि ठाकरे सरकार इस कंडक्टर को इंसाफ दिलाने के लिए क्या करेगी? क्या परिवहन मंत्री को जेल में डाला जाएगा?
लोगों का दावा है कि मनोज चौधरी नाम के बस कंडक्टर ने आत्महत्या इसीलिए की क्योंकि उन्हें उनकी सैलरी नहीं मिली थी। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीर के साथ उनका आखिरी पत्र भी शेयर किया जा रहा है। लोगों का ठाकरे सरकार से पूछना है कि क्या वाकई सरकार मराठी मानुष के लिए काम कर रही है?
Manoj Chaudhary , Maharashtra ST bus conductor employee commits suicide by hanging himself. In his suicide note he blamed ST coprn & Thackeray Sarkar for non payment of their salaries since many months.
— Trunicle (@trunicle) November 9, 2020
Is this Sarkar really working for Common Marathi manoos ? pic.twitter.com/zkGOoDdedA
जानकारी के मुताबिक, पूरा मामला जलगाँव जिले के कुसुम्बा गाँव का है, जहाँ मनोज चौधरी नाम के एसटी (स्टेट ट्रांस्पोर्ट) कर्मचारी ने वेतन न मिलने के कारण अपने आवास पर फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कंडक्टर मनोज चौधरी ने अपने पत्र में एसटी निगम और ठाकरे सरकार को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया। आत्महत्या से पहले उन्होंने एक सुसाइड नोट भी लिखा।
इस पत्र में उन्होंने बताया कि सैलरी में होने वाली अनियमितताओं और कम वेतन के कारण वह आत्महत्या कर रहे हैं। इसके लिए जिम्मेदार एसटी निगम और ठाकरे सरकार के कामकाज के तरीके हैं। उन्होंने लिखा कि इन सबमें उनके परिवार का कोई लेना-देना नहीं है और संगठनों से अपील की कि उनके परिवार को पीएफ व एलआईसी की रकम प्राप्त करवाने में मदद करें।
#BREAKING
— Abhishek Pandey – अभिषेक पाण्डेय (@abhishekpandey2) November 9, 2020
स्टेट ट्रांसपोर्ट ST के एक ड्राइवर ने आत्महत्या की,चालक का नाम पांडरंग गडदे है
कल देर शाम फांसी लगाकर जान दी
पिछले 4 महीने से ST कर्मचारियों को सेलरी नहीं मिल रही है, सुसाइड की वजह सेलरी हो सकती है @advanilparab @AUThackeray @ChitraKWagh @CMOMaharashtra #StandWithST https://t.co/wPoG3u2zsX pic.twitter.com/LKiXFhBuiY
यहाँ बता दें कि सोशल मीडिया पर मनोज चौधरी के अलावा एक अन्य एसटी कर्मचारी के आत्महत्या की खबरें भी आ रही हैं। यह कर्मचारी बस ड्राइवर का काम करते थे। इनका नाम पांडरंग गडदे है। पत्रकार अभिषेक पांडे के अनुसार बस चालक ने कल देर शाम फाँसी लगाकर अपनी जान दी। इन्हें भी पिछले 4 माह से सैलरी नहीं मिली थी। माना जा रहा है कि आत्महत्या का कारण सैलरी हो सकती है।
अभिषेक पांडे ने इससे पहले 3 नवंबर को एसटी कर्मचारियों को सैलरी न मिलने का मामला उठाया था। उन्होंने लिखा था, “4 महीने से बिना पगार (सैलरी) काम करने का दर्द क्या होता है, महाराष्ट्र राज्य परिवहन के ड्राइवर और कंडक्टर से पूछिए। किसी दिन तनाव और पारिवारिक दबाव में बस चलाते समय हादसा हुआ तो जिम्मेदार कौन होगा? कोरोना में भूखे पेट काम संभव?”
4महीने से बिना पगार (सैलरी) काम करने का दर्द क्या होता है महाराष्ट्र राज्य परिवहन के ड्राइवर और कंडक्टर से पूछिए
— Abhishek Pandey – अभिषेक पाण्डेय (@abhishekpandey2) November 3, 2020
किसी दिन तनाव और पारिवारिक दबाव में बस चलाते हादसा हुआ तो जिम्मेदार कौन होगा?
कोरोना में भूखे पेट काम संभव?#STMaharashtra @advanilparab @AjitPawarSpeaks @ChitraKWagh pic.twitter.com/L083z8aRco