Sunday, September 8, 2024
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तेलंगाना HC ने वक्फ बोर्ड के CEO को पाया कब्रिस्तान के अतिक्रमण में शामिल होने का दोषी: दिया निष्कासन का आदेश

न्यायाधीशों ने कहा कि अगर स्टेशन हाउस अधिकारी ने मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया, तो सीईओ को पुलिस अधीक्षक से संपर्क करना चाहिए था, जिस पर कासिम ने कहा कि उन्होंने सीआरपीसी नहीं पढ़ा है।

तेलंगाना उच्च न्यायालय ने सोमवार (नवंबर 17, 2020) को वक्फ बोर्ड की निंदा करते हुए राज्य सरकार से तेलंगाना वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) को तत्काल बर्खास्त करने का आदेश दिया। अदालत ने सरकार को उनकी जगह पर एक ऐसे अधिकारी को नियुक्त करने के लिए कहा जो इन संपत्तियों की रक्षा कर सके।

आरोप है कि उन्हें भारतीय आपराधिक संहिता प्रक्रिया (सीआरपीसी) के प्रावधानों की जानकारी नहीं थी वक्फ संपत्तियों के अतिक्रमण के मामले में वह भी शामिल थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, चीफ जस्टिस राघवेंद्र सिंह चौहान और जस्टिस बी विजयसेन रेड्डी की खंडपीठ ने यह आदेश तब दिया जब वक्फ बोर्ड के सीईओ मोहम्मद कासिम ने कहा कि उन्हें सीआरपीसी के प्रावधानों की जानकारी नहीं है।

मोहम्मद कासिम ने अदालत से कहा कि उन्होंने सीआरपीसी के प्रावधानों को नहीं पढ़ा था। बता दें कि इस प्रावधान का इस्तेमाल वक्फ संपत्तियों को अतिक्रमणकारियों से बचाने के लिए किया जा सकता है। अदालस ने कासिम से पूछा कि उन्होंने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को अतिक्रमणकारियों से बचाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संपर्क क्यों नहीं किया?

दरअसल, हैदराबाद में मुस्लिम कब्रिस्तानों को अतिक्रमणकारियों से बचाने के लिए कोर्ट में तीन याचिकाएँ डाली गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा, “वह अतिक्रमणकारियों के साथ मिले हुए हैं।” टीओआई ने जुलाई में बताया था कि राज्य में वक्फ के स्वामित्व वाली जमीन की कीमत लगभग 1 लाख करोड़ रुपए है।

न्यायाधीशों ने कासिम से अतिक्रमित संपत्तियों पर कई सवाल पूछे, लेकिन उनका एक ही जवाब था कि पुलिस ये कहते हुए एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया कि ये नागरिक विवाद हैं, जिसमें पुलिस के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। इससे इतर पीठ ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि हैदराबाद में 86 मुस्लिम कब्रिस्तानों का अतिक्रमण किया गया है, जबकि बोर्ड ने केवल पाँच मामलों में एफआईआर दर्ज करवाया था।

न्यायाधीशों ने कहा कि अगर स्टेशन हाउस अधिकारी ने मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया, तो सीईओ को पुलिस अधीक्षक से संपर्क करना चाहिए था, जिस पर कासिम ने कहा कि उन्होंने सीआरपीसी नहीं पढ़ा है। इस पर पीठ ने आश्चर्य व्यक्त किया और उसे हटाने का आदेश दिया।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “मैं कासिम के रवैये से हैरान हूँ। उसे उसके पद से मुक्त करो। वह अल्लाह के संपत्तियों की रक्षा कैसे कर सकता है? हैदराबाद में कई वक्फ संपत्तियाँ हैं। यह सीईओ उनमें से कई की रक्षा करने में विफल रहा है। राज्य को कासिम द्वारा कर्तव्य के प्रादुर्भाव के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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