Sunday, December 22, 2024
Homeसोशल ट्रेंडस्वरा भास्कर का नया कारनामा, अब मजहबी भीड़ द्वारा अमर जवान ज्योति को रौंदने...

स्वरा भास्कर का नया कारनामा, अब मजहबी भीड़ द्वारा अमर जवान ज्योति को रौंदने वाली तस्वीर को बताया फोटोशॉप

कट्टरपंथी भीड़ द्वारा की गई हिंसा और उनकी कट्टरता पर हमेशा से लीपापोती और पर्दा डालने वाली स्वरा ने एक बार फिर देशद्रोहियों के प्रति अपने मन में छिपे प्यार को उजागर किया है। स्वरा ने दावा किया कि मुंबई में आज़ाद मैदान दंगों के दौरान अमर जवान स्मारक पर हमला करने वाली तस्वीरें असली नहीं बल्कि 'फोटोशॉप्ड' हैं।

बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर के लिए सच बोलना जितना मुश्किल है, उससे कहीं ज्यादा मुश्किल है सच्चाई स्वीकारना। कट्टरपंथी भीड़ द्वारा की गई हिंसा और उनकी कट्टरता पर हमेशा से लीपापोती और पर्दा डालने वाली स्वरा ने एक बार फिर देशद्रोहियों के प्रति अपने मन में छिपे प्यार को उजागर किया है। स्वरा भास्कर ने मंगलवार को दावा किया कि मुंबई के आज़ाद मैदान दंगों के दौरान दंगाइयों द्वारा अमर जवान स्मारक पर हमला करने वाली तस्वीरें असली नहीं बल्कि ‘फोटोशॉप्ड’ हैं।

बता दें विवादों से घिरी रहने वाली स्वरा भास्कर ने ट्विटर पर एक यूजर द्वारा की गई टिप्पणी का जवाब देते हुए यह दावा किया। दरअसल, एक यूजर ने अमर जवान ज्योति को लात मारते और उसका अपमान करते हुए कुछ फ़ोटो पोस्ट करते हुए लिखा, “जिस दिन तुमने अमर जवान को अपने पैरों से मारा, तभी से मैं मुस्लिमों से नफरत करने लगा।” वहीं इस पोस्ट का जवाब देते हुए स्वरा ने सीधे शब्दों में लिखा,”घटिया फोटोशॉप” मतलब आधुनिक टेक्निक्स द्वारा बनाई गई फ़ोटो। जबकि यह तस्वीर फोटोशॉप नहीं थी।

बता दें इन मशहूर तस्वीरों को मिड-डे के फोटोग्राफर अतुल कांबले ने 11 अगस्त, 2012 को क्लिक किया था। म्यांमार में रखाइन दंगों के विरोध में इस्लामिक संगठन रज़ा अकादमी ने इसके खिलाफ अपने समुदाय के लोगों को बरगलाया जिसके बाद आजाद मैदान में दंगे भड़क उठे। माना जाता है कि रोहिंग्याओं को उक्त दंगों के दौरान बहुत नुकसान हुआ था।

फोटोग्राफर अतुल कांबले द्वारा क्लिक फ़ोटो.1

यहाँ यह बात ध्यान देने योग्य है कि इन तस्वीरों की प्रामाणिकता को लेकर बहस करने का कोई मतलब नहीं है। आज़ाद मैदान में हुए दंगे और उससे पहले हुई हिंसा के इतने वर्षों बाद भी मुंबई के इतिहास पर एक धब्बा बने हुए है।

रज़ा अकादमी द्वारा लोगों को भड़काने और बरगलाने की वजह से हुए इन आत्मघाती दंगों के कारण, लोगों का गुस्सा जमकर इस इस्लामिक संगठन पर फूटा था। हालाँकि, आज भी लिबरल गिरोह अपने पापों पर पर्दा डालने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।

फोटोग्राफर अतुल कांबले द्वारा क्लिक फ़ोटो.2

उल्लेखनीय है कि उदारवादियों ने भी इतनी बेशर्मी से इन बातों से इंकार नहीं किया कि हिंसा हुई या यह आरोप लगाया गया कि ये तस्वीरें प्रामाणिक नहीं हैं। स्वरा भास्कर ने बिना किसी जानकारी या यूँ कहूँ तो इस्लामिक गतिविधियों पर पर्दा डालने के लिए इन तरह की हरकतें की है। असल में ऐसा भी हो सकता है कि 2012 में हुए दंगों को लेकर उनका ज्ञान कोसों दूर हो।

वहीं इस बीच कट्टरपंथियों के अपराधों पर पर्दा डालने और उनकी साइड लेने वाली स्वरा जैसे अन्य लोगों ने उनके ट्वीट को लाइक किया है। इन लोगों में द वायर के प्रोपेगेंडा पत्रकार आरफा खानम शेरवानी ने भी स्वरा के पोस्ट को लाइक किया है। जिसका स्क्रीनशॉट सामने आया है। हालाँकि, आरफा खानम द्वारा किए लाइक पर एक यूज़र ने उन्हें जमकर लताड़ा। आरफा पर तंज कसते हुए यूजर ने कहा कि मैडम हमें पता है कि आप तस्वीरों को फोटोशॉप करने में एक्सपर्ट है लेकिन यह तस्वीरें असली है। जहाँ आपके जिहादी दोस्तों ने मुंबई में अमर जवान ज्योति को ध्वस्त कर दिया था।

बहरहाल, यह सब प्रमाणित करता है कि हमारी तथाकथित पॉपुलर हस्तियाँ पूरी तरह से सार्वजनिक जीवन की वास्तविकताओं को लेकर अनाड़ी हैं। अगर कोई गंभीरता से दावा कर सकता है कि आज़ाद मैदान दंगे की तस्वीरें फर्जी है, तो इसके आगे क्या है? वह दिन दूर नहीं जब उनमें से कुछ यह दावा करेंगे कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के पारित होने के बाद एक भी मजहबी भीड़ ने दंगा नहीं किया था। लेकिन अब तो हम यह भी नहीं कह सकते क्योंकि ये लोग पहले से ही इस बात को साबित करने में तुले हुए है।

गौरतलब है कि लिबरल्स ने हर बार मजहबी भीड़ द्वारा किए गए हिंसा या हिंदुओं के प्रति उनके नफरत को छुपाने, लीपापोती करने या पर्दा डालने का काम किया है। वहीं जब इनके करतूतों के सबूत पब्लिक में सामने आते है तो ये लिबरल्स मिल कर उसे फर्जी साबित करने में लग जाते है। जिनमें स्वरा भास्कर भी एक है। वहीं अगर इनका बस चलता तो इस्लामवादियों द्वारा एक शिक्षक के सर को धड़ से अलग करने वाली घटना को भी ये फर्जी साबित कर देते।

लेकिन हम पहले से ही जानते थे कि जिस तरह से लिबरल गिरोह तो इस बात से भी इनकार करते है कि कश्मीरी पंडितों ने नरसंहार और बर्बरता मुस्लिमों के अत्याचार की वजह से अतीत में झेला हैं। वहीं यही बेशर्मी अब स्वरा भास्कर ने यह इनकार करते हुए किया है कि अमर जवान स्मारक पर आजाद मैदान के दंगों के दौरान हमला किया गया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

8 दिन पीछा कर पुलिस ने चोर अब्दुल और सादिक को पकड़ा, कोर्ट ने 15 दिन बाद दे दी जमानत: बाहर आने के बाद...

सादिक और अब्दुल्ला बचपने के साथी थी और एक साथ कई घरों में चोरियों की घटना को अंजाम दे चुके थे। दोनों को मिला कर लगभग 1 दर्जन केस दर्ज हैं।

बाल उखाड़े, चाकू घोंपा, कपड़े फाड़ सड़क पर घुमाया: बंगाल में मुस्लिम भीड़ ने TMC की महिला कार्यकर्ता को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, पीड़िता ने...

बंगाल में टीएमसी महिला वर्कर की हथियारबंद मुस्लिम भीड़ ने घर में घुस कर पिटाई की। इस दौरान उनकी दुकान लूटी गई और मकान में भी तोड़फोड़ हुई।
- विज्ञापन -