बच्चों को कोडिंग सिखाने वाली वेबसाइट WhiteHatJr के सीईओ करण बजाज ने शनिवार (नवंबर 21, 2020) को एक आलोचक के खिलाफ 17 करोड़ रुपए का मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इस कम्पनी का स्वामित्व BYJU’s के पास है। सॉफ्टवेयर प्रदीप पूनिया, जिनके खिलाफ ये मुकदमा दायर हुआ, ट्विटर पर उनका अकाउंट WhiteHatSnr नाम से है। सोमवार को ‘Wolf Gupta’ के इस मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई।
पूनिया पर ‘ट्रेड मार्किट एक्ट 1999’, ‘कॉपीराइट एक्ट 1957’ और ‘सिविल प्रक्रिया संहिता 1908’ के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। रजिस्टर्ड और अनरजिस्टर्ड ट्रेडमार्क के उल्लंघन के मामले में ये केस दर्ज कराया गया है। कम्पनी ने आरोप लगाया है कि उसके खिलाफ इंजीनियर ने आपत्तिजनक टिप्पणियाँ की। साथ ही कम्पनी के कर्मचारियों की निजता के उल्लंघन का भी आरोप लगाया गया है।
असल में ये पूरा मामला WhiteHatJr के एक एड के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसमें वो एक काल्पनिक बच्चे ‘Wolf Gupta’ के बारे में बताते हैं। उनके प्रचार में बताया जाता है कि 12 साल का ‘Wolf Gupta’ कोडिंग सीख कर करोड़ों कमा रहा है। किसी एड में उसे गूगल में जॉब करता हुआ बताया जाता है। यहाँ हम चार अलग-अलग एड का उदाहरण देकर आपको समझाते हैं कि असल में वो क्या करता है:
- मात्र 9 साल के ‘Wolf Gupta’ ने कम्प्यूटर सीख कर गूगल वीडिओज़ बना कर 150 करोड़ रुपए की कमाई शुरू कर दी, जबकि उसकी उम्र के बाकी बच्चे यूट्यूब वीडियो ही सर्फ़ करने में लगे हुए हैं।
- 13 साल के ‘Wolf Gupta’ ने स्कूल के बाद AI कोड सीख कर गूगल में 1.2 मिलियन डॉलर (8.88 करोड़ रुपए) का जॉब प्राप्त कर लिया।
- जब उसकी उम्र के अन्य बच्चों को पता तक नहीं था कि स्कूल के बाद करना क्या है, ‘Wolf Gupta’ ने AI कोड सीख कर गूगल में 1.2 करोड़ रुपए की नौकरी पा ली।
- 13 साल के ‘Wolf Gupta’ को गूगल से 20 करोड़ रुपए का जॉब मिला, जबकि उसकी उम्र के अन्य बच्चों को पता तक नहीं कि स्कूल के बाद करना क्या है।
ऊपर लिखी सारी बातें WhitHatJr की प्रचार सामग्रियों का हिस्सा होती हैं, जिन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुँचाया जाता है और फिर बच्चों को कोडिंग सीखने के लिए रजिस्टर करने को कहा जाता है। पूनिया के कई आरोपों के बाद WhiteHatJr ने ‘Wolf Gupta’ वाला एड हटा दिया था, जिसके बाद पूनिया ने आरोप लगाया कि कम्पनी ने ‘Wolf Gupta’ की हत्या कर दी है। साथ ही उन पर कम्पनी का स्लैक अकाउंट हैक कर के गोपनीय वार्तालाप को सार्वजनिक करने का आरोप लगाया।
प्रदीप पूनिया ने ट्विटर थ्रेड के जरिए WhiteHatJr के स्लैक अकाउंट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए आरोप लगाया कि उसकी एक कर्मचारी पूजा ने जब रात को अवसाद में होने को लेकर ट्वीट किया तो पूरी टीम ने मिल कर रिपोर्ट कर उसके अकाउंट को सस्पेंड करवा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया BYJU’s के हाथों बिका हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि चैट में उनके वीडियो को हटाने की भी बात की गई, जिससे पता चलता है कि आरोप पुष्ट थे।
साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि एक लड़की जब कम्पनी में काम के लिए इंटरव्यू देने आई तो उसकी तस्वीर क्लिक कर चैट में उसके बारे में गलत बातें की जा रही थीं। वहीं एक अन्य लड़की को ‘चाइनीज’ बताया गया, ऐसा उनका आरोप है। वहीं जब एक व्यक्ति ने कम्पनी के एक एड में पाया कि एक 10 साल के बच्चे ने फेस डिटेक्टिंग एप बनाया और उसका CEO बन गया, तो फिर उसने उस एप को देखने की इच्छा प्रकट की।
2. #WhiteHatJr entire ORM team jumps on the tweets of the already frustrated and suicidal girl & starts reporting it from their personal accounts as well & within hours by 4am puts a temp restriction on her tweets
— Pradeep Poonia (@whiteHatSnr) November 13, 2020
For reference, Nikhil Mittal is Marketing VP of #WhiteHatJrScam pic.twitter.com/0JDgO7hV5z
आरोप है कि कम्पनी के लोगों ने आपस में बात किया कि एप बना लिया जाए और करण बजाज ने कहा कि वो इसे लेकर कम्पनी भी बना लेंगे। हाल ही में Tekie नामक एक प्रतिद्वंद्वी कम्पनी ने आरोप लगाया था कि WhitHatJr ने गलत तरीकों से उसके मॉडल को कॉपी किया। कम्पनी ने बताया कि उसके एक क्लास के दौरान कैमरा ऑफ था और उधर से किसी 30 साल के आदमी की आवाज़ आ रही थी, जो उसके पढ़ाने के स्टाइल को कॉपी करने के लिए किया गया था।
दिल्ली हाईकोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी 6, 2021 को होगी। कोर्ट में कम्पनी की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि करण बजाज एक शिक्षक हैं, योग भी पढ़ाते हैं और उनके खिलाफ आरोप लगाने वाले प्रदीप पूनिया के बारे में कुछ नहीं पता कि वो कौन हैं और क्या उसके बच्चे WhiteHatJr के छात्र थे या नहीं? आरोप लगाया कि वो लगातार कम्पनी के कंटेंट्स को ट्रोल कर रहे हैं।
साथ ही आरोप लगाया कि वो ट्विटर के साथ-साथ टेलीग्राम पर भी ‘WhiteHat Poonia’ नाम से अकाउंट बना कर नक़ल कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पूनिया ने अपने 13 साल के कजन के माध्यम से WhiteHatJr की क्लासेज लेकर वीडियो रिकॉर्ड कर फैलाया। उन्होंने कहा कि पूनिया आरोप लगाते हैं कि हम गृहणियों के माध्यम से कोडिंग सिखाते हैं, जबकि हमारे पास PhD स्कॉलर शिक्षक हैं।
साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि वो अपने यूट्यूब चैनल ‘WhiteHatSr’ के माध्यम से WhiteHatJr के सारे क्लासेज ऑनलाइन मुफ्त में कराने का दावा भी करते हैं। साथ ही कम्पनी ने खुद पर पोर्नोग्राफिक कंटेंट्स को बढ़ावा देने के आरोपों पर भी आपत्ति जताई। वहीं पूनिया की तरफ से पेश वकील स्वाति सुकुमार ने पूछा की ये ‘Wolf Gupta’ कौन है? साथ ही जवाब दिया ये एक काल्पनिक पात्र है, जिसके नाम पर लिंक्डइन अकाउंट तक बनाया गया है। लेकिन कम्पनी ने अपने इस झूठ के बारे में कहीं भी डिस्क्लेमर नहीं लगाया।
उन्होंने कहा कि ये न बताना कि ‘Wolf Gupta’ एक काल्पनिक पात्र है, जनता के साथ धोखा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने माना कि ये एक काल्पनिक पात्र है और इसके प्रचार से बच्चों की मानसिक अवस्था पर ज़रूर प्रभाव पड़ेगा। लेकिन, साथ ही पूछा कि स्वस्थ विमर्श की बजाए इस तरह से आरोप लगाने का कारण क्या है? अधिवक्ता सुकुमार ने कहा कि स्वस्थ आलोचना का एक भाग ‘Parody’ भी हो सकता है।
HC: The suit entails several disputed questions of fact which it would be improper to enter upon at this stage. However, there are some facts which require an injunction. Poonia is restrained from these.
— Live Law (@LiveLawIndia) November 23, 2020
साथ ही उन्होंने सबूतों के साथ दिखाया कि WhiteHatJr उन कमेंट्स को हटा देता है, जिसमें उसकी आलोचना की जाती है। इसके बाद उन्होंने एक 12 साल की बच्ची का उदाहरण दिया, जिन्होंने ‘एडवर्टाइजमेंट रोस्ट’ के जरिए प्रचार समाग्रियों का मजाक बनाया था। उन्होंने कहा कि जिस तरह से गूगल और टेस्ला के साथ कम्पनी अपना जुड़ाव दिखती है, भारत के ‘एडवर्टाइजमेंट कैम्पेन’ के पास उससे जुड़ी 15 शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने माना कि दोनों पक्षों को सुनना जरूरी है, क्योंकि पूनिया ने ऐसा कर के किसी प्रकार का वित्तीय लाभ नहीं कमाया था। कम्पनी की तरफ से पेश वकील राजशेखर राव ने कहा कि अभिव्यक्ति की आज़ादी है, लेकिन वो कम्पनी को पोंजी स्कीम बताते हैं, जो ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि पूनिया ने भले ऐसा कर के रुपए नहीं कमाए हों, लेकिन वो WhiteHatJr के कंटेंट्स का इस्तेमाल तो कर ही रहे हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने अंत में आदेश दिया कि प्रदीप पूनिया अपने यूट्यूब चैनल से वो कंटेंट्स हटाएँ, जिनमें कम्पनी के प्राइवेट वार्तालाप को हैक कर उसकी सामग्रियाँ दिखाई गई हैं। साथ ही उन्हें ‘WhiteHatSr’ नाम से यूट्यब चैनल न चलाने को भी कहा। इसके बाद उन्होंने उन ट्वीट्स की भी लिस्ट दी, जो पूनिया को हटाने हैं। साथ ही उन्हें WhiteHatJr के शिक्षकों की योग्यता या नंबर पर टिप्पणी करने से मना किया।