प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अनेक टीमों ने कल (3 दिसंबर 2020) को पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफ़आई) के कई ठिकानों पर छापेमारी अभियान चलाया। पीएफ़आई पर विदेशी फंडिंग लेने और विरोध प्रदर्शन की आड़ में षड्यंत्र रचने का आरोप है जिसके चलते ईडी ने कार्रवाई की। इसी कड़ी में ईडी की टीम ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में भी छापा मारा जिसके बाद अलग ही नज़ारा सामने आया। वहाँ ईडी की कार्रवाई के बाद पीएफ़आई के लोगों ने ईडी के अधिकारियों को धमकाते हुए रैली निकाली और संगठन के समर्थन में ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे भी लगाए। जिसे वीडियो में 10.23 और 11.10 पर सुना जा सकता है।
ईडी ने अपने छापेमारी अभियान के तहत महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में पीएफ़आई के कार्यालय पर छापा मारा। इस कार्रवाई के कुछ ही देर बाद पीएफ़आई के समर्थन में कट्टरपंथी भीड़ भी नज़र आई। इस भीड़ ने सार्वजनिक रूप से पीएफ़आई के झंडे भी लहराए, अधिकारियों को सार्वजनिक रूप से धमकी दी और संगठन के समर्थन में नारे भी लगाए। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें लोग देश के अन्य संगठनों के लिए मुर्दाबाद और पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया के लिए ज़िंदाबाद का नारा लगा रहे हैं।
इस वीडियो में मौजूद लोगों को ‘अल्लाह-हू-अकबर’ का नारा लगाते हुए भी सुना जा सकता है। इसी बीच एक व्यक्ति मीडिया वालों से बात करते हुए मोदी सरकार पर आपत्तिजनक टिप्पणी करता है और कहता है कि हम रास्ते जाम कर सकते हैं। वीडियो में ही एक और व्यक्ति कहता है कि पीएफ़आई पर आँच भी आ गई तो औरंगाबाद की बस्तियों से आदमी, औरत और बच्चे सभी निकल कर आएँगे और सरकार को मुँह तोड़ जवाब देंगे। फ़िलहाल इस वीडियो को लेकर पूरे सोशल मीडिया पर काफी प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं।
पिछले कुछ समय में पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफ़आई) का नाम विदेशी फंडिंग से लेकर विरोध प्रदर्शन की आड़ में षड्यंत्र रचने में सामने आया है। इसी कड़ी में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) देश के अलग-अलग क्षेत्रों में छापेमारी अभियान चला रही है। ईडी के समूहों ने 9 राज्यों में स्थित कुल 26 ठिकानों पर छापा मारा था, इसी बीच उत्तर प्रदेश के लखनऊ और बाराबंकी में भी छापा मारा गया।
इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कल ही पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफ़आई) के नेशनल एग्जीक्यूटिव काउंसिल मेम्बर करमना अशरफ मौलवी के तिरुअनंतपुरम स्थित पूंथुरा आवास पर छापा मारा था। ईडी ने साल 2018 के दौरान पीएफ़आई के कई सदस्यों पर धन शोधन निरोधक अधिनियम (मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत मामला दर्ज किया था। इसके अलावा कोज़ीकोड़े, मल्लापुरम और एर्नाकुलम स्थित पीएफ़आई नेताओं के आवासों पर भी छापा मारा गया।