Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाज'किसान' आंदोलन में भीड़ बढ़ाने का तरीका: लालच देकर लाई गई 3 महिलाओं ने...

‘किसान’ आंदोलन में भीड़ बढ़ाने का तरीका: लालच देकर लाई गई 3 महिलाओं ने खोला काला चिट्ठा, लौटना चाहती हैं घर

सरकार ने घर दिया था। हर महीने राशन मिल रहा था। लेकिन उन्हें इलाज और रुपयों का लालच दिया गया। लालच में फँस कर तीनों महिलाएँ बरेली से यूपीगेट आ गईं। 'किसान' आंदोलन में बैठा दी गईं। जबकि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है, वो तो...

‘किसान’ आंदोलन के नाम पर प्रदर्शन स्थल पर बैठी 3 महिलाओं की पीड़ा जानने के बाद अब इस प्रदर्शन की मंशा पर सवाल उठना लाज़मी हो गया है। इन महिलाओं के नाम वीनू, सुनीता और पप्पी हैं। तीनों का आरोप है कि इन्हें एक व्यक्ति बरेली के फरीदपुर से यूपीगेट तक लाया और फिर वहाँ इन्हें बैठा कर गायब हो गया।

दैनिक जागरण में शनिवार (दिसंबर 19, 2020) को प्रकाशित हुई खबर के मुताबिक, यूपीगेट पर भीड़ बढ़ाने के लिए इन लोगों को लालच दिया गया और अब तीनों महिलाओं को इस लालच में फँसने का अफसोस हो रहा है।

महिलाएँ आपबीती सुनाते हुए उस व्यक्ति को कोसती हैं, जो उन्हें यूपी गेट तक लाया। वह कहती हैं कि इससे अच्छी तो वह फरीदपुर में ही थीं। सरकार ने उन्हें रहने के लिए घर दिया था। हर महीने राशन मिल रहा था। फैक्ट्री में नौकरी भी चल रही थी। लेकिन अब यूपीगेट में कुछ भी नही हैं। 

महिलाओं के अनुसार उन्हें इलाज के लिए पैसे चाहिए थे, इसलिए जब उन्हें पैसे देने को कहा गया तो वह उस व्यक्ति के साथ चल दीं। हालाँकि अब उनके पास सर्दी में ठिठुरने की बजाय कोई रास्ता नहीं है। खबर के अनुसार, महिलाओं के पास न कंबल है और न उन्हें गर्म कपड़े मिले हैं।

बता दें कि तीनों महिलाओं की अलग-अलग परेशानियाँ हैं, जिसका इस्तेमाल उन्हें यूपीगेट तक लाने के लिए किया गया। जैसे सुनीता के अनुसार, एक हादसे में उनके शरीर के कुछ हिस्से जल गए थे, जिस वजह से वह काफी परेशान हैं। वहीं पप्पी को पथरी हो गई थी और उन्होंने हाल में अपना ऑपरेशन करवाया था। वीनू कहती हैं कि उनके पति के हाथ में फ्रैक्चर है, जिसकी वजह से वह कई दिन से चारपाई पर पड़े हैं।

महिलाएँ बताती हैं कि उन्हें इलाज और रुपया दोनों का लालच दिया गया। इसी कारण वह बरेली से यूपीगेट आ गईं। वह कहती हैं कि जब इस आंदोलन से उनका कोई लेना-देना नहीं है और उनकी कोई मदद भी नहीं हो रही तो आखिर उनको यहाँ क्यों लाया गया। तीनों महिलाएँ सुरक्षित अपने घरों को वापस लौटना चाहती हैं। वहाँ जाकर वह अपना वही जीवन फिर से जीना चाहती हैं।

उल्लेखनीय है कि वीनू, सुनीता और पप्पी नाम की तीनों महिलाएँ एक ओर जहाँ इस आंदोलन के नाम पर ठगा हुआ महसूस कर रही हैं, वहीं केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे ‘किसानों’ ने आज (दिसंबर 21, 2020) से सभी धरना स्थलों पर 24 घंटे की क्रमिक भूख हड़ताल करने का ऐलान किया है।

‘किसानों’ ने कहा है कि वो 25-27 दिसंबर तक हरियाणा के सभी टोल नाकों को मुफ्त कर देंगे और दो दिनों तक हरियाणा के नाकों पर टोल नहीं वसूलने दिया जाएगा। जबकि, पंजाब में पहले से ही कई नाकों पर टोल की वसूली नहीं हो रही है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -