NDTV के पत्रकार श्रीनिवासन जैन एक बार फिर अपने शो में मोदी सरकार के ख़िलाफ़ माहौल तैयार करते पकड़े गए। इस बार HDFC के चेयरमैन दीपक पारेख उनके शो का हिस्सा थे। चेयरमैन का इंटरव्यू लेते हुए श्रीनिवासन ने अपना एजेंडा चलाने का प्रयास तो किया लेकिन उन्हें जवाब के बदले सिर्फ निराशा हाथ लगी।
श्रीनिवासन जहाँ इंटरव्यू के टाइम असंतोष का रोना रोते रहे। वहीं दीपक पारेख ने इस बात पर ध्यान आकर्षित करवाया कि विपक्षी पार्टियाँ अपने लोकतांत्रिक ड्यूटी को अच्छे से निभा पाने में असफल हो रही हैं। जिसके बाद श्रीनिवासन ने यह सुन कर पहले तो उनसे सहमति प्रकट की। लेकिन बाद में उन्हें जवाब में शर्मिंदगी झेलनी पड़ी।
दीपक पारेख ने कहा, “मुझे लगता है ये कुछ ज्यादा या बहुत ज्यादा होगा। जब हमारी पीएम के साथ हाल में मीटिंग हुई। वो मीटिंग संप्रभु धन निधि को लेकर थी। उस समय हममें से कुछ को बोलने को कहा गया था,और तब मुझे लगा कि वह चीजों को सुनने के लिए तैयार हैं। मुझे नहीं लगता कि उन्हें मामला सुनने में कोई परेशानी है।”
#NDTVExclusive | “In a democracy, you need a strong opposition – we do not have a strong opposition. And that is the worrying factor”: Deepak Parekh, Chairman, HDFC, on the state of democracy in India pic.twitter.com/mHPSG20lZi
— NDTV (@ndtv) December 25, 2020
इस तरह आलोचना और असंतोष पर अपनी चिंता व्यक्त करने वाले श्रीनिवासन का प्रोपगेंडा हवा पाने पहले से पस्त पड़ गया। बता दें कि इससे पूर्व NDTV के पत्रकार श्रीनिवासन जैन को हाल में एक इंटरव्यू के दौरान व्यवसायी व निवेशक राकेश झुनझुनवाला ने मीडिया रिपोर्टिंग पर नैतिकता का पाठ पढ़ाया था। साक्षात्कार के दौरान झुनझुनवाला ने एनडीटीवी पत्रकार और उनके मीडिया हाउस को मोदी से घृणा करने वाला बताया था। उन्होंने पत्रकार से कहा था, “आप सिर्फ़ सरकार की आलोचना करते हो।”
झुनझुनवाला ने जैन से कहा था, “मैं मोदी का फैन हूँ। ये बात जगजाहिर है। भारतीय होने के नाते मेरा अधिकार है अपनी राजनैतिक पसंद रखने का लेकिन मुझे तुम पक्षपाती लग रहे हो। मुझे सरकार के ख़िलाफ़ एनडीटीवी पक्षपाती लगता है।”
उल्लेखनीय है कि एचडीएफसी चेयरमैन दीपक पारेख इससे पहले केंद्र सरकार के बदलावों की सराहना कर चुके हैं। उन्होंने कृषि में बदलावों और श्रम कानून में आए बदलावों में भी सरकार का समर्थन किया था। उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था के लिहाज से बहुत कुछ बुरा है, लेकिन कई क्षेत्रों में रिकवरी हो रही है। अपनी बातचीत में उन्होंने ‘द इकोनॉमिस्ट’ को भी लताड़ लगाई जिसने कुछ समय पहले दावा किया था कि भारत और शेष विश्व में लोकतंत्र ख़त्म हो रहा है।
चेयरमैन ने पीएम मोदी को परिस्थितियों में आशावादी बताया और कहा कि उन्हें विश्वास है चीजें जल्दी अच्छी होंगी। उन्होंने कहा, “यह निश्चित रूप से चिंता की बात है कि हम क्या देख रहे हैं लेकिन मैं द इकोनॉमिस्ट पर ज्यादा जोर नहीं दूँगा। पिछले 30 सालों में मैंने द इकोनॉमिस्ट द्वारा एक भी सकारात्मक लेख नहीं देखा। इसलिए मैं इकोनॉमिस्ट को एक मार्गदर्शक सिद्धांत या फिर ऐसे किसी व्यक्ति की तरह नहीं लूँगा, जो हमेशा भारत विरोधी रहे हैं। चाहे सरकार कोई भी हो।”