Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजतमिलनाडु: पुनर्जीवन के अंधविश्वास में 20 दिन से पड़ा रहा महिला कांस्टेबल का शव:...

तमिलनाडु: पुनर्जीवन के अंधविश्वास में 20 दिन से पड़ा रहा महिला कांस्टेबल का शव: ईसाई पादरी और सिस्टर गिरफ्तार

इस घटना के बाद उसकी बहन और बेटियों ने एक चौकाने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा कि इंद्रा सो रही है और वह जल्द ही जाग जाएगी। उसके परिवार ने कथित तौर पर पादरी के कहने पर उसकी लाश को इस विश्वास के साथ घर में रखा था कि वह जादुई रूप से फिर से 'पुनर्जीवित' हो जाएगी।

डिंडीगुल पुलिस ने 38 वर्षीय अन्नाई इंद्रा नाम की एक ईसाई महिला पुलिस कांस्टेबल की मौत के मामले में गुरुवार को एक ईसाई पादरी सुदर्शनम सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, मृतक महिला डिंडीगुल के ऑल वीमेन पुलिस स्टेशन में एक पुलिस कांस्टेबल थी। पट्टिवेरनपट्टी के रहने वाले व्यक्ति पलराज से उसने शादी की थी। शादी के बाद पलराज पर जबरन ईसाई धर्म कबूलने का दबाव बनाने लगी। पति के इनकार करने पर ईसाई महिला ने दो साल पहले उसे छोड़ दिया था। जिसके बाद से महिला अपनी दो बेटियों, सिस्टर वासुकी और पादरी सुदर्शनम के साथ नंदनवनपट्टी ट्रेजरी कॉलोनी में किराए पर रहने लगी।

कुछ महीनों बाद, इंद्रा ने स्वास्थ्य कारणों के चलते स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया था। वह 16 नवंबर से एक लंबी छुट्टी पर थी। वहीं जब बुधवार को पुलिस उसे मिले आदेश को उसके घर पहुँचाने गई, तो उन्हें घर के भीतर दुर्गंध महसूस हुई। पुलिस ने जब वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर जाँच किया तो उन्हें इंद्रा का सड़ता हुआ शव मिला। 7 नवंबर को उसकी मौत हो गई थी और उसका शरीर एक कपड़े से ढका हुआ था।

वहीं इस घटना के बाद उसकी बहन और बेटियों ने एक चौकाने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा कि इंद्रा सो रही है और वह जल्द ही जाग जाएगी। उसके परिवार ने कथित तौर पर पादरी के कहने पर उसकी लाश को इस विश्वास के साथ घर में रखा था कि वह जादुई रूप से फिर से ‘पुनर्जीवित’ हो जाएगी।

पुलिस ने शव को सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जाँच में जुट गई है। पुलिस ने पादरी सुदर्शनम और महिला की बहन वासुकी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) धारा 176, 304 ए, 406 और 420 के तहत मामला दर्ज किया है। वहीं पुलिस को इस प्रकरण के पीछे पादरी सुदर्शनम का हाथ होने का शक है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -