अमेरिका में जो बायडेन ने राष्ट्रपति का पद संभालते ही पहले 17 एक्जक्यूटिव आदेश पर हस्ताक्षर किए। इनमें से कई पिछले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा किए गए फैसलों को पलटने से सम्बंधित थे। इनमें सबसे ज्यादा ‘मुस्लिम ट्रेवल बैन’ को ख़त्म करना वायरल हुआ। इसके तहत कुछ खास देश के नागरिकों को अमेरिका यात्रा की अनुमति नहीं थी। इसी बीच सोशल मीडिया पर कैपिटल हिल के सामने जुमे की नमाज पढ़ते हजारों मुस्लिमों की तस्वीरें वायरल हो गई।
‘मुस्लिम ट्रेवल बैन’ के तहत 7 इस्लामी मुल्कों के लोगों को अमेरिका में यात्रा से प्रतिबंधित कर दिया गया था, लेकिन 2017 के इस फैसले को अब पलट दिया गया है। इस पर सोशल मीडिया के माध्यम से कई मुस्लिमों ने ख़ुशी जताई। सोशल मीडिया पर वायरल कैपिटल हिल के सामने मुस्लिमों द्वारा नमाज पढ़ी जाने की तस्वीरों के बारे में दावा किया जा रहा है कि जो बायडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद आए पहले शुक्रवार को ऐसा हुआ।
रवींद्र भारतीय नामक ट्विटर यूजर ने लिखा, “जो बायडेन का नया अमेरिका – कैपिटल हिल के सामने जुमे के दिन”। इसी तरह सोशल मीडिया पर भी कई लोगों ने इसे अमेरिका में बदली सत्ता के बाद का प्रभाव बताया और लिखा कि मुस्लिम अब खुलेआम कैपिटल हिल इमारत के सामने हजारों की संख्या में नमाज पढ़ रहे हैं। उन्होंने इसे शेयर करते हुए अमेरिका में बढ़ते इस्लामी कट्टरपंथ को लेकर भी आवाज़ उठाई।
Event of Sep 25, 2009 .. it is not recenthttps://t.co/pcm6d4flUn
— Thiyagu (@jThiyagu) January 22, 2021
अब आइए आपको बताते हैं कि इन तस्वीरों की सच्चाई क्या है। दरअसल, ये दावा भ्रामक है। जो तस्वीर शेयर की जा रही है, वो एक दशक से भी ज्यादा पुरानी है। सितम्बर 25, 2009 को ‘इस्लाम ऑफ कैपिटल हिल’ नमाज कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम के आयोजकों का दावा था कि वो अमेरिका के मुस्लिमों और नॉन-मुस्लिमों के बीच एकता बढ़ाने और उनके साथ मिल कर काम करने के उद्देश्य से इसे आयोजित किया गया।
‘इस्लाम ऑन कैपिटल हिल’ नामक इस कार्यक्रम की तस्वीरें तब की कई मीडिया रिपोर्ट्स में उपलब्ध हैं। इस तरह की एक तस्वीर ‘Getty’ इमेज सर्विस पर भी है, जिसे फोटोग्राफर अलेक्स वोंग ने लिया है और उस पर भी 2009 की वही तारीख अंकित है। न्यू जर्सी के एलिजाबेथ में स्थित दारुल इस्लाम मस्जिद ने इसका आयोजन किया था। तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा आपसी सहयोग के लिए दिए गए एक भाषण से प्रभावित होकर ऐसा किया गया था।
हाल ही में पद संभालने के कुछ ही देर बाद बायडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने कहा था कि प्रतिबंध ‘हमारे देश पर एक दाग से कम नहीं था और यह ज़ेनोफोबिया (अपरिचित या विदेशियों को पसंद ना करना) और धार्मिक दुश्मनी ही थी’। 2017 में ट्रंप के कार्यालय में पहले सप्ताह से ही लागू, मुस्लिम प्रतिबंध ने शुरू में सात मुस्लिम-बहुसंख्यक देशों- ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन से यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया था।