Sunday, September 8, 2024
Homeविविध विषयमनोरंजन'चुप बैठो मूर्ख, ये किसान नहीं बल्कि आतंकी हैं': ₹4400 Cr की संपत्ति वाली...

‘चुप बैठो मूर्ख, ये किसान नहीं बल्कि आतंकी हैं’: ₹4400 Cr की संपत्ति वाली रिहाना को कंगना ने लताड़ा

कंगना रनौत ने रिहाना को 'मूर्ख' की संज्ञा देते हुए उन्हें चुप कर बैठने की सलाह दी। उन्होंने लिखा, "तुम नकली लोगों की तरह हम अपने देश को कभी नहीं बेच सकते।"

दिल्ली में चल रहे ‘किसान आंदोलन’ के समर्थन में अब विदेशी सेलेब्रिटीज भी आगे आने लगे हैं। अंतरराष्ट्रीय गायिका एवं अभिनेत्री रिहाना ने भी CNN की एक खबर का लिंक शेयर करते हुए पूछा कि हम इस पर क्यों बात नहीं कर रहे हैं?

रिहाना ने जिस खबर को शेयर किया था, उसमें दावा किया गया है कि दिल्ली में केंद्र सरकार ने इंटरनेट कनेक्शन काट दिया है और किसानों के साथ पुलिस अत्याचार कर रही है। ग्रेटा थनबर्ग ने भी रिहाना के सुर में सुर मिलाया। बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने ‘किसान किसान आंदोलन’ पर रिहाना के सवाल का जवाब दिया है।

उन्होंने कहा, “इसके (किसान आंदोलन) बारे में बात इसलिए नहीं हो रही है, क्योंकि वो किसान हैं ही नहीं। वो ऐसे आतंकी हैं, जो भारत को विभाजित करने के प्रयास में लगे हुए हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि हमारा देश टूट जाए और फिर कमजोर हुए देश पर चीन अपना कब्ज़ा जमा ले। फिर वो इसे अपनी चाइनीज कॉलोनी बना लेगा, USA की तरह।” उन्होंने दिल्ली में हुई हिंसा के प्ररिप्रेक्ष्य में ये बातें कहीं।

कंगना रनौत ने रिहाना को ‘मूर्ख’ की संज्ञा देते हुए उन्हें चुप बैठने की सलाह दी। उन्होंने लिखा, “तुम नकली लोगों की तरह हम अपने देश को कभी नहीं बेच सकते।” लोगों ने कंगना रनौत की इस प्रतिक्रिया पर ख़ुशी जताई और उनकी तारीफ़ की।

बता दें कि रिहाना को फ़ोर्ब्स मैगजीन ने ‘दुनिया की सबसे अमीर सेल्फ-मेड महिलाओं’ की सूची में शामिल किया है। उन्होंने ‘फेंटी ब्यूटी’ नामक कॉस्मेटिक्स ब्रांड की भी स्थापना की है।

रिहाना को अमरीका की सबसे अमीर सेल्फ-मेड महिलाओं की सूची में 33वाँ स्थान दिया गया था। साथ ही उन्हें ‘पॉवर वुमन 2020′ की सूची में 69वाँ स्थान मिला था। साथ ही सेलेब्रिटी 100 में फ़ोर्ब्स ने उन्हें 60वाँ स्थान दिया था। मैगजीन ने उन्हें 2014 में ’30 अंडर 30’ की सूची में स्थान दिया था। 32 वर्षीय रिहाना की संपत्ति 600 मिलियन डॉलर (4378.11 करोड़ रुपए) की आँकी गई है। वो सबसे अमीर सेलेब्स में शामिल हैं।

सोशल मीडिया पर लोग ग्रेटा थनबर्ग की भी आलोचना कर रहे हैं क्योंकि जहाँ एक तरफ वो दुनिया भर में पर्यावरण बचाने के नाम पर घूमती रहती हैं, लेकिन दूसरी तरफ उन किसानों का समर्थन कर रही हैं, जो हर साल पराली जलाते हैं। लोगों ने पूछा कि प्लास्टिक के प्रयोग के खिलाफ अभियान चला रहीं ग्रेटा उन लोगों का समर्थन क्यों कर रही हैं, जिनके कारण पूरी दिल्ली महीनों प्रदूषण में डूबी रहती है? कुछ लोगों ने दोनों के ट्वीट्स को खालिस्तानियों का ‘पेड कैम्पेन’ बताया।

हाल ही में दिल्ली के पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने भी कहा है कि वह ये देखकर आश्चर्यचकित हैं कि 26 जनवरी के दिन जब पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया और प्रदर्शनकारियों द्वारा बैरिकेड्स तोड़कर हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया गया, उन पर कम सवाल उठाए गए। उन्होंने कहा कि 26 तारीख को बैरिकेड तोड़ दिए गए थे, उस पर मीडिया ने कोई सवाल नहीं उठाया। वहीं अब बैरिकेडिंग मजबूत की जा रही है तो सब सवाल पूछ रहे हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -