केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के बीच नई दिल्ली की सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन स्थल पर कई स्तरों पर बैरिकेड लगाए हैं और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है। इसे लेकर पुलिस से कई प्रकार के सवाल भी पूछे जा रहे हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार (फरवरी 02, 2021) को पत्रकारों को संबोधित करते हुए, दिल्ली के पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि वह ये देखकर आश्चर्यचकित हैं कि 26 जनवरी के दिन जब पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया और प्रदर्शनकारियों द्वारा बैरिकेड्स तोड़कर हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया गया, उन पर कम सवाल उठाए गए।
I’m surprised that when tractors were used, Police was attacked, barricades were broken on 26th no questions were raised. What did we do now? We’ve just strengthened barricading so that it’s not broken again: Delhi Police Commissioner when asked about barricading at Delhi borders pic.twitter.com/FQkI1qZ75q
— ANI (@ANI) February 2, 2021
दिल्ली के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “मुझे आश्चर्य है कि जब ट्रैक्टर का इस्तेमाल पुलिस पर हमला करने के लिए किया गया और 26 तारीख को बैरिकेड तोड़ दिए गए थे, उस पर मीडिया ने कोई सवाल नहीं उठाया। अब हमने क्या किया? हमने सिर्फ बैरिकेडिंग को मजबूत किया है ताकि यह फिर से टूट न जाए।”
हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ नई दिल्ली की सीमाओं पर ज्यादा प्रदर्शनकारी किसानों को एकत्र होने से रोकने के लिए, पुलिस ने लोहे की कीलें और लकड़ी के बोर्ड सड़कों पर लगाए हैं। कॉन्सर्टिना के कटीले तारों और कंक्रीट स्लैब की दोहरी परतों से लोहे की बैरिकेड्स को मजबूत किया गया है, जिन पर कि ट्रैक्टरों का भी चलना मुश्किल है। गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 6 फरवरी को राष्ट्रव्यापी ‘चक्का जाम’ की घोषणा की है।
एसएन श्रीवास्तव ने संवाददाताओं से कहा कि कृषि कानूनों के विरोध से जुड़ी हिंसा में 510 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। आंंदोलन को देखते हुए प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) और त्वरित कार्य बल (आरएएफ) सहित सैकड़ों सुरक्षा कर्मियों को सतर्क रखा गया है।
दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा के संबंध में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कुल 44 FIR दर्ज की हैं और 122 लोगों को गिरफ्तार किया। हिंसा के सम्बन्ध में पुलिस ने 54 से अधिक किसान नेताओं और 200 ट्रैक्टर मालिकों को भी नोटिस भेजे हैं।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि हिंसा के दिन के वीडियो और तस्वीरें भेजने के लिए आम जनता से भी अपील की है और 1,000 से अधिक वीडियो फुटेज के साथ ही फोटो और मेल भी प्राप्त किए हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें स्कैन किया जा रहा है और एफआईआर के जरिए मामले की जाँच कर रहे हैं।