पुडुचेरी में हाल के दिनों में कॉन्ग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद वहाँ की कॉन्ग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई है। ऐसा लग रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश का राजनीतिक ड्रामा अप्रैल में होने वाले विधानसभा चुनावों तक यूँ ही चलता रहेगा। अब केंद्र सरकार ने उप-राज्यपाल किरण बेदी को अपने पद से हटा दिया है। उनकी जगह तेलंगाना की राज्यपाल तमिलसाई सुंदरराजन को पुडुचेरी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
तमिलसाई पहले तमिलनाडु में भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष हुआ करती थीं। मंगलवार (फरवरी 16, 2021) की रात राष्ट्रपति भवन की इस अधिसूचना के बाद घटनाक्रम तेज़ी से बदलने लगा। राष्ट्रपति भवन ने कहा है कि जब तक पुडुचेरी के उप-राज्यपाल के रूप में अगली नियुक्ति नहीं की जाती, तमिलसाई सुंदरराजन अतिरिक्त प्रभार संभालती रहेंगी। भाजपा के एक यूनिट के कुछ नेताओं ने भी किरण बेदी के कामकाज से आपत्ति जताई थी।
किरण बेदी को मई 2016 में उप-राज्यपाल बनाया गया था, ऐसे में उनका कार्यकाल पूरा होने को मात्र 3 महीने ही बचे हुए थे। कॉन्ग्रेस पार्टी ने लगातार पुडुचेरी में ये बात फैलाई थी कि किरण बेदी के कामकाज से जनता नाराज़ है और वो चुनी हुई सरकार के ऊपर हावी हैं। स्थानीय भाजपा यूनिट ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को 3 बार याचिका भेज कर किरण बेदी को हटाने की माँग की थी।
किरण बेदी ने पुडुचेरी में ट्रैफिक नियमों में सख्ती की थी और हेलमेट न पहनने पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया था। गरीबों को अनाज के बदले ‘डायरेक्ट बेनेफिर ट्रांसफर (DBT)’ पर जोर दिया गया था। प्रदेश सरकार ने जब सरकारी स्कूल के बच्चों को प्रदेश के इंजीनियरिंग/मेडिकल कॉलेजों में 10% आरक्षण देने का फैसला लिया तो किरण बेदी ने इसे नकार दिया था। कॉन्ग्रेस इन बातों से नाराज थी।
किरण बेदी के हटाए जाने की खबर के साथ ही प्रदेश भर में कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़ कर अपनी ख़ुशी जताई। कॉन्ग्रेस के दफ्तरों में जश्न मनाया गया। खुद मुख्यमंत्री वेलु नारायणसामी ने नेताओं के बीच मिठाई बाँट कर जश्न मनाया।
सीएम नारायणसामी ने कुछ दिनों पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से किरण बेदी को हटाने की माँग की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि बेदी प्रदेश सरकार की विकास और जन-कल्याणकारी योजनाओं पर ब्रेक लगा रही हैं।
वी नारायणसामी ने इस फैसले के तुरंत बाद एक प्रेस बैठक बुलाई और उसमें कहा कि ये न सिर्फ कॉन्ग्रेस पार्टी, बल्कि पुडुचेरी की जनता की भी जीत है। उन्होंने कहा कि सरकारी कामकाज में किरण बेदी के लगातार हस्तक्षेप के बाद जनता के अधिकार सुरक्षित नहीं रह गए थे। उन्होंने कहा कि पुडुचेरी की जनता ने किरण बेदी को ‘एक बड़ा सबक सिखाया’ है। किरण बेदी अब तक इस मामले में खामोश ही हैं।
Her office was a BJP/RSS office. She only worked for the BJP/RSS and was always an obstacle in the way of @INCPuducherry‘s welfare & pro-people work. Just so INC does not get credit, she deprived the people of so many opportunities. Shameful & Disgraceful exit. https://t.co/pvYxvLJ2QI
— Hasiba | حسيبة 🌈 #Andolanjivi (@HasibaAmin) February 16, 2021
एक और अटकल ये लगाई जा रही है कि किरण बेदी सक्रिय राजनीति में वापसी कर सकती हैं, इसीलिए उन्हें हटाया गया है। पिछले साढ़े 4 वर्षों से भी अधिक समय के अपने कार्यकाल में उन्होंने पुडुचेरी में बतौर उप-राज्यपाल प्रतिदिन जनसंपर्क को प्राथमिकता दी है। ये बात नारायणसामी के प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी गूँजी। नारायणसामी ने कहा कि अगर वो भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में आती हैं तो उनका स्वागत है।
नारायणसामी ने कहा कि हमने न जाने कितने ही उपवास किए और धरने दिए, तब जाकर केंद्र सरकार की अब नींद खुली है। उन्होंने कहा कि अब पुडुचेरी की जनता खुश है। हालाँकि, कॉन्ग्रेस पार्टी ने इसे भाजपा का ड्रामा बताते हुए कहा कि पार्टी को पता था कि अगर बेदी इस पद पर रहतीं तो भाजपा को वोट नहीं मिलते। अब सभी की नजरें राहुल गाँधी पर हैं, जो 4 दिनों के चुनावी कैम्पेन के लिए आज पुडुचेरी पहुँच रहे हैं। कॉन्ग्रेस की सोशल मीडिया संयोजक ने बेदी और संघ/भाजपा के लिए काम करने के आरोप लगाए।
बता दें कि पुडुचेरी में कॉन्ग्रेस की सरकार अल्पमत में आ गई है क्योंकि पार्टी के एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री वेलु नारायणसामी (Velu Narayanasamy) सरकार ने एक विधायक के जाने से बहुमत खो दिया है। विधायक ए जॉन कुमार ने मंगलवार (फरवरी 16, 2021) को विधानसभा से अपना इस्तीफा स्पीकर वीपी शिवाकोलुन्थु को सौंप दिया है। कॉन्ग्रेस यहाँ DMK (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) के साथ गठबंधन बना कर सत्ता में है।