Sunday, September 8, 2024
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PFI के शाहीनबाग़ ऑफिस समेत कई ठिकानों पर UP STF की छापेमारी, CAA-विरोध से लेकर हाथरस तक में भूमिका

रउफ अब तक मथुरा जेल में बंद था। यह PFI की छात्र विंग 'कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया' (CFI) का पदाधिकारी है। इस पर दंगे के लिए विदेशी फंडिंग का भी आरोप है।

हाथरस कांड में दंगा भड़काने के लिए हुई टेरर फंडिंग के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने आज रविवार (फरवरी 21, 2021) को दिल्ली के शाहीन बाग में PFI के कार्यालय पर छापा मारा है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) PFI के अन्य कार्यालयों पर भी छापेमारी कर रही है। PFI का ये ऑफिस उसी जगह के करीब है, जहाँ शाहीनबाग में सीएए के खिलाफ महिलाएँ धरने पर बैठी थीं।

उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स हाल ही में PFI एजेंट रऊफ शरीफ को केरल से प्रॉडक्शन वारंट पर लेकर आई है। उस पर नागरिकता कानून और NRC विरोध प्रदर्शन भड़काने का भी आरोप है। रऊफ को इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने त्रिवेंद्रम से उस समय गिरफ्तार किया था, जब वो भारत छोड़कर भागने की कोशिश कर रहा था।

PFI एजेंट रऊफ शरीफ पर राजद्रोह सहित दंगा फैलाने की साजिश रचने का भी आरोप है। रउफ अब तक मथुरा जेल में बंद था। यह PFI की छात्र विंग ‘कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया’ (CFI) का पदाधिकारी है। इस पर दंगे के लिए विदेशी फंडिंग का भी आरोप है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित हाथरस मामले में जाँच कर रही पुलिस को पता चला था कि दंगे भड़काने के लिए PFI के सदस्य कप्पन और उसके साथियों को पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी रऊफ शरीफ व पी कोया द्वारा फंडिंग की गई थी। आरोपितों को 1.36 करोड़ रुपए ओमान व कतर में बैठे पीएफआइ सदस्यों के जरिए रऊफ तक पहुँचाई गई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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