Saturday, November 16, 2024
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तेलंगाना के भैंसा में फिर भड़की सांप्रदायिक हिंसा, घर और वाहन फूँके; धारा 144 लागू

आदिलाबाद के पुलिस अधीक्षक विष्णु एस वारियर भी भैंसा हुँचे। कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है। कुछ वीडियो सामने आए हैं जिसमें लोग घर में आग लगाते और पथराव करते दिख रहे हैं।

तेलंगाना के निर्मल जिले के भैंसा नगर में हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच झड़प की कल कई खबरें सामने आईं। शुरुआती जानकारी के अनुसार मीडियाकर्मी, पुलिसकर्मी व आम नागरिकों को मिला कर लगभग 10 लोग घायल हुए। इनके अतिरिक्त दो घरों व एक ऑटोरिक्शा में आग लगाई गई। तीन घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

पुलिस का कहना है कि इस संबंध में 50 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ हो रही है। उनके ख़िलाफ़ मुकदमे भी दर्ज हो गए हैं। सीसीटीवी फुटेज खँगाली गई है अब आगे की जाँच भी हो रही है।

रिपोर्ट्स बताती हैं कि कल करीब 8:30 बजे के बाद एक बाइक चालक और दूसरे समुदाय के व्यक्ति में जेलफेकार लेन (Zelfekar lane) पर बहस हुईं। जिसके बाद पूरी हिंसा भड़की। रिपोर्ट्स का कहना है कि हिंसा जुल्गीकार मस्जिद के आसपास हुई और एक बहस ने ही इसको भड़काया। बाद में जैसे ही पुलिस को पता चला सुरक्षाकर्मी फौरन घटनास्थल पर इकट्ठा हुए। इलाके में धारा 144 लगाई गई।

आदिलाबाद के पुलिस अधीक्षक विष्णु एस वारियर भी भैंसा हुँचे। कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है। कुछ वीडियो सामने आए हैं जिसमें लोग घर में आग लगाते और पथराव करते दिख रहे हैं।

बीजेपी के निजामाबाद से सांसद अरविंद धर्मपुरी ने अपील की, कि पुलिस अराजक तत्वों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई करे। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, “जाहिर है, सांप्रदायिक झड़पों के कुछ परेशान करने वाले दृश्य भैंसा से सामने आ रहे हैं। मैं तेलंगाना डीजीपी से अनुरोध करता हूँ कि इससे पहले कि ये हिंसा अधिक भड़क जाए और अधिक नुकसान पहुँचाए, वह स्थिति का जायजा लें और अतिरिक्त बलों को तैनात करें।”

गौरतलब है कि ये पहली बार नहीं जब भैंसा साम्प्रादायिक हिंसा का गवाह बना हो। साल 2020 में यहीं हिंदुओं और मुस्लिमों में बात बिगड़ी थी। पूरे 11 लोग घायल हुए थे। कोरबागल्ली सड़क पर 18 घरों को जलाया गया था और कई बाइक भी आग के हवाले की गई थीं। 

भाजपा सांसद राजा सिंह को इस घटना के बाद हाउस अरेस्ट किया गया था। वहीं उन्होंने हिंदुओं पर हुए हमले के पीछे AIMIM का हाथ बताया था। इसके बाद 3 फरवरी को यह पता चला था कि सरकार ने एक पत्रकार पर मामला दर्ज किया, क्योंकि उसने रिपोर्ट में बताया था कि दंगाई ‘अल्लाह हु अकबर’ के नारों के बीच हिंदुओं के घर पर हमले बोल रहे थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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