भारत में कोरोनावायरस के संक्रमण की दूसरी लहर सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है। पिछले कई दिनों से लगातार रोजाना 3 लाख से अधिक संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। राज्यों की स्वास्थ्य सुविधाओं पर भारी दबाव आ रहा है। ऐसे में देश के सभी नागरिक अपने स्तर पर लोगों की सहायता कर रहे हैं। कोई सोशल मीडिया के माध्यम से तो कोई जमीनी स्तर पर, अपनी जान जोखिम में डाल कर। लेकिन इस संकट की घड़ी में भी कुछ ऐसे लोग हैं जो पीएम मोदी और आरएसएस के लोगों की मौत की प्रार्थना कर रहे हैं।
अपने को भरतीय टेलीविजन की अभिनेत्री कहने वाली और एक्टिविस्ट मोना अम्बेगाँवकर ने आरएसएस के सदस्यों, संघ के समर्थकों और चौकीदार (पीएम मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान खुद को जनता चौकीदार बताया था) के लिए एक दर्दनाक मौत की इच्छा जाहिर की है। मोना ने लिखा, “मैं अब इस ‘नीच आदमी’ को और श्राप नहीं दे सकती। मैं खुद को इन संघी गुंडों के समर्थकों, उनके अम्ब्रेला संगठन (आरएसएस) और चौकीदार-तड़ीपार जोड़ी के लिए एक दर्दनाक मौत की दुआ माँगने से नहीं रोक पा रही हूँ। जिन ‘a—holes’ हिंदुओं ने इन्हें वोट दिया है, अब मरो।“
एक और ट्विटर यूजर ने अपनी बेहद आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हुए लिखा, “मोदी और उसके संघी प्रेमियों की मौत की दुआ करना पूरी तरह से जायज है।“
F#@kBJP नाम के इस ट्विटर हैन्डल से लगातार पीएम मोदी के लिए आपत्तिजनक बातें कही गईं और लगातार कानूनी व्यवस्था और शासन के विरुद्ध लोगों को उकसाने का कार्य किया गया। इस ट्विटर हैन्डल से कहा गया कि मोदी किसी अगले जन्म में सजा नहीं भुगतेगा। यह सत्ता में रहने वालों की बनाई हुई एक कल्पना है जिससे आम आदमी शासकों के महलों को न जलाएँ। इसने कहा, “हमें गुस्सा दिखाना चाहिए और और हमारा गुस्सा ऐसा हो कि ये डर से काँप जाएँ। हम किसी कर्म के न्याय की प्रतीक्षा में बैठे नहीं रह सकते हैं।”
@rtrRavirao नाम के ट्विटर हैन्डल से कहा गया कि मौत इनके लिए कम है। इनके लिए एक भयानक दर्द और कष्ट की दुआ की जानी चाहिए।
हालाँकि, यह सब जिस आरएसएस या भाजपा के सदस्यों की मौत की दुआ कर रहे हैं वही जमीनी स्तर पर लोगों की सहायता कर रहे हैं। ये वहीं विचार हैं जिनके कारण पश्चिम बंगाल और केरल में कितने ही आरएसएस के सदस्यों और भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याएँ हुईं।
राजनैतिक और सामाजिक द्वेष लोगों को इतना अंधा कर देता है कि वो एक लोकतान्त्रिक तरीके से चुने गए प्रधानमंत्री के लिए भी सार्वजनिक मंचों पर मौत की दुआ माँग रहे हैं। हालाँकि, ये वामपंथी-कॉन्ग्रेसी गिरोह पहली बार नहीं कर रहा है इससे पहले भी चाहे किसान आंदोलन हो या कोई और मंच कई बार ये लोग अपनी ऐसी मंसा जाहिर कर चुके हैं।