राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने माइक्रो ब्लॉगिंग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के खिलाफ FIR दायर करने के लिए दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा है। ट्विटर पर आरोप है कि उसने आयोग को झूठी जानकारी दी। कानूनगो ने बताया कि ट्विटर पर कुछ ऐसे व्हाट्सएप्प ग्रुप्स के लिंक्स उपलब्ध हैं, जहाँ बच्चों के यौन शोषण (चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज) की सामग्रियाँ भरी पड़ी हैं।
उन्होंने बताया कि इन आपत्तिजनक वीडियो की खरीद-बिक्री भी हो रही है। इसी तरह ‘डार्क वेब’ के टूलकिट भी उस पर उपलब्ध हैं। NCPCR के अध्यक्ष ने उस घटना का भी जिक्र किया, जब AltNews वाले जुबैर ने एक बच्ची की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी थी, जिसके बाद लोगों ने उसे बलात्कार की धमकी दी थी। कानूनगो ने कहा कि ट्विटर पर बच्चे असुरक्षित हैं और यहाँ बच्चों का यौन शोषण करने वाले (Pedofile) और इसकी धमकी देने वाले लोग मौजूद हैं।
प्रियंक कानूनगो ने कहा, “ट्विटर पर डार्क वेब और डीप वेब जैसी इंटरनेट की घातक दुनिया में जाने की व्यवस्था उपलब्ध हो, वो जगह बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं हो सकती। आयोग ने इस सम्बन्ध में ट्विटर को समन किया था। ट्विटर ने आयोग को गलत जानकारी दी। पॉक्सो एक्ट की धारा-11,15,19 का उल्लंघन किया। IPC की धारा-199 का उल्लंघन किया। इसीलिए हमने दिल्ली पुलिस को इस मामले के बारे में सूचित कर ट्विटर के खिलाफ FIR दर्ज करने को कहा है।”
उन्होंने ये भी जानकारी दी कि NCPCR ने भारत सरकार के IT मंत्रालय को भी लिखा है कि जब तक ट्विटर बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं हो जाता, तब तक बच्चों को इस साइट के एक्सेस से प्रतिबंधित किया जाए। दरअसल, जब ट्विटर को ऐसे मामलों को भारतीय कानून के तहत पुलिस को रिपोर्ट करने को कहा गया तो उसने कहा कि ये अमेरिकी कंपनी का काम है, उनका काम नहीं है। ये बातचीत ‘ट्विटर कम्युनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ से हुई थी।
राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग @NCPCR_ के अध्यक्ष @KanoongoPriyank ने कमिशन को झूठी जानकारी देने के आरोप में @Twitter के ख़िलाफ़ कारवाई करने के लिये लिखा है। pic.twitter.com/xguZHjxwvZ
— Jitender Sharma (@capt_ivane) May 30, 2021</blockquoteNCPCR अध्यक्ष के अनुसार, जब आयोग ने अधिक जानकारी खँगाली तो पता चला कि ‘ट्विटर कम्युनिकेशन इंडिया’ के पास 10,000 शेयर्स हैं, जिनमें से 9999 शेयर्स का मालिक ट्विटर इंक था, लेकिन ट्विटर इंडिया कह रहा था कि उससे इस कंपनी का कोई वास्ता नहीं। उन्होंने बताया कि ट्विटर इंडिया के 3 निदेशकों में से 2 ट्विटर इंक के अधिकारी हैं। इससे पता चलता है कि इन्होंने आयोग के समक्ष झूठ बोला।
..@kanoongopriyank जी ने RSS के अख़बार पाँचजन्य से बात करते हुए ट्विटर पर FIR दर्ज करने की बात कही।
— गरिमा तिवारी (@Garima1907) May 30, 2021
सरकार से बच्चों के Twitter अकाउंट बंद करने की भी अपील की 🙏🏻🙏🏻 pic.twitter.com/29B3vpdJKHजब तक ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से यौन शोषण और इसकी धमकियों के मामलों को भारतीय उच्चाधिकारियों के समक्ष रिपोर्ट नहीं करता, तब तक बच्चों को इस प्लेटफॉर्म से दूर रखने की बात की गई है। ट्विटर कॉन्ग्रेस के बताए जाने वाले टूलकिट को ‘छेड़छाड़ किया हुआ कंटेंट’ बता कर पहले ही फँसा हुआ है। इस सम्बन्ध में उसके गुरुग्राम और दिल्ली के दफ्तरों में दिल्ली पुलिस ने जाकर नोटिस भी दिया था