केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार (जून 11, 2021) को भाजपा मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित किया। उन्होंने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ‘हर घर अन्न’ की बात कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम ऑक्सीजन पहुँचा नहीं सके, मोहल्ला क्लीनिक से दवा तो पहुँचा नहीं सके। उन्होंने ‘हर घर अन्न’ को एक जुमला करार दिया।
केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट कहा कि दिल्ली सरकार राशन माफिया के नियंत्रण में है। साथ ही जानकारी दी कि भारत सरकार देश भर में 2 रुपए प्रति किलो गेहूँ, 3 रुपये प्रति किलो चावल देती है। ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के तहत पिछले साल की तरह इस बार भी नवंबर तक गरीबों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि चावल का खर्चा 37 रुपए प्रति किलो होता है और गेहूँ का 27 रुपए प्रति किलो होता है।
अधिक जानकारी देते हुए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार सब्सिडी देकर प्रदेशों को राशन की दुकानों के माध्यम से बाँटने के लिए अनाज देती है, जिसमें सालाना करीब 2 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। साथ ही बताया कि ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ नामक भारत सरकार द्वारा बहुत महत्वपूर्ण योजना शुरू की गई है और देश के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ये चल रही है।
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि अभी तक इस पर 28 करोड़ पोर्टेबल ट्रांजेक्शन हुए हैं। उन्होंने AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से पूछा कि दिल्ली में ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ लागू क्यों नहीं हुआ? उन्होंने दिल्ली सीएम से पूछा कि आपको क्या परेशानी और क्या दिक्कत है इस ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ योजना से? दिल्ली की राशन की दुकानों में अप्रैल 2018 से अब तक पीओएस मशीन का ऑथेंटिकेशन क्यों नहीं शुरू हुआ?
भाजपे ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल SC-ST वर्ग की चिंता नहीं करते हैं, प्रवासी मजदूरों की चिंता भी नहीं करते हैं, और गरीबों की पात्रता की भी चिंता नहीं करते हैं। इस योजना को अब तक सिर्फ तीन प्रदेशों असम, पश्चिम बंगाल और दिल्ली ने लागू नहीं किया है। अरविंद केजरीवाल ने कुछ दिन पहले दावा किया था कि दिल्ली में जल्द ही घर-घर राशन पहुँचाने की योजना शुरू होने वाली थी, इसे लेकर सारी तैयारियाँ हो चुकी थीं मगर केंद्र सरकार द्वारा 2 दिन पहले इसे रोक दिया गया।