Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजजम्मू-कश्मीर: नमाज पढ़ने मस्जिद जा रहे थे इंस्पेक्टर परवेज अहमद, इस्लामी आतंकियों ने गोलियाँ...

जम्मू-कश्मीर: नमाज पढ़ने मस्जिद जा रहे थे इंस्पेक्टर परवेज अहमद, इस्लामी आतंकियों ने गोलियाँ दाग ली जान

परवेज अहमद डार 2000 बैच के पुलिस अधिकारी थे। पहले से घात लगाए बैठे आतंकियों ने पीछे से उन पर हमला किया और भाग निकले।

जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के कनिपोरा में नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद जा रहे पुलिस इंस्पेक्टर परवेज अहमद डार की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। वे काउंटर इंटेलीजेंस यूनिट में तैनात थे। हमला मंगलवार (22 जून 2021) की रात करीब 8.15 बजे हुआ। दो इस्लामी आतंकियों ने हमले को अंजाम दिया।

जम्मू कश्मीर पुलिस ने बताया कि दो आतंकवादियों ने पुलिस इंस्पेक्टर परवेज अहमद डार पर उस समय गोलियाँ चला दी, जब वह मगरिब की नमाज अदा करने जा रहे थे। घटना के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ उन्होंने अंतिम साँस ली।

घटना सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई है। इसमें दो आतंकी पिस्टल से फायरिंग करते देखे गए हैं। इस मामले में केस दर्ज छानबीन शुरू कर दी गई है। इसके अलावा इलाके की घेराबंदी कर संदिग्धों से पूछताछ भी की जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकी पहले से घात लगाए हुए थे। आतंकियों ने इंस्पेक्टर पर पीछे से हमला किया और भाग निकले। परवेज अहमद डार 2000 बैच के पुलिस अधिकारी थे। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकियों ने इंस्पेक्टर परवेज अहमद डार को तीन गोलियाँ मारी थी।

इंस्पेक्टर परवेज अहमद डार की हत्या की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंट फ्रंट (TRP) ने ली है। इस संगठन ने इसे टारगेट किलिंग करार देते हुए युवाओं को प्रताड़ित करने वाले पुलिस के जवानों को चेतावनी दी है। इससे पहले बीते 17 जून 2021 को भी आतंकियों ने श्रीनगर के पुराने शहर के ईदगाह इलाके एक पुलिस के जवान की हत्या कर दी थी। वीरगति पाने वाला जवान जावेद अहमद डार एक जज के पीएसओ के तौर पर तैनात थे। इस हमले की जिम्मेदारी भी द रदिस्टेंट फ्रंट ने ही ली थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -