Tuesday, November 26, 2024
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दिल्ली पुलिस को शेल्टर होम से गायब 10 लड़कियों की तलाश, DMRC ने कहा- तीस हजारी वाले चिल्ड्रेन होम में सिर्फ लड़के रहते हैं

दिल्ली पुलिस ने एक विज्ञापन देकर इन 10 लड़कियों का विवरण साझा किया था और इनके बारे में सूचना देने की अपील आमलोगों से की थी।

दिल्ली के तीस हजारी स्थित चिल्ड्रेन होम से 10 लड़कियों के गायब होने की खबर का दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने खंडन किया है। ये पूरा मामला दिल्ली पुलिस की ओर से इन लड़कियों की तलाश में अखबार में दिए एक विज्ञापन से सामने आया था। इससे पता चला था कि इन लड़कियों की मई 2021 से कोई खबर नहीं है। इनके अगवा होने को लेकर दिल्ली के द्वाराका सेक्टर-23 पुलिस थाने में 24 मई को रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी।

डीएमआरसी के खंडन के बाद मीडिया रिपोर्टों में दिल्ली पुलिस के हवाले से बताया गया है कि ये लड़कियाँ द्वारका के एक शेल्टर होम से गायब हैं और पुलिस इनका सुराग लगाने में जुटी हैं। हालाँकि इन रिपोर्टों में भी स्पष्ट नहीं है कि दिल्ली पुलिस के विज्ञापन में डीएमआरसी चिल्ड्रेन होम और सलाम बालक ट्रस्ट का जिक्र कैसे आया।

इससे पहले दिल्ली पुलिस की ओर से प्रकाशित विज्ञापन में कहा गया था कि ये लड़कियाँ तीस हजारी के डीएमआरसी चिल्ड्रेन होम से लापता/अगवा हैं। इस चिल्ड्रेन होम का संचालन सलाम बालक ट्रस्ट करता है। एएनआई के अनुसार डीएमआरसी ने एक बयान में कहा है, “दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी के डीएमआरसी चिल्ड्रेन होम से 10 लड़कियों के कथित अपहरण को लेकर विज्ञापन प्रकाशित किया है। यह स्पष्ट किया जाता है कि सलाम बालक ट्रस्ट द्वारा संचालित इस चिल्ड्रेन होम में केवल लड़के रहते हैं। कोई लड़की यहाँ नहीं रहती।”

दिल्ली पुलिस की ओर से शुक्रवार (2 जुलाई 2021) को टाइम्स ऑफ इंडिया में एक विज्ञापन दिया गया था। इसमें पुलिस ने 10 लड़कियों के बारे में विवरण देते हुए इनके बारे में सूचना देने की अपील आमलोगों से की है। विज्ञापन में गायब लड़कियों के नाम: निशा, सुष्मिता, सीता, सुषमा, सुशीला, सांचमाया, सिम्मी, संगीता, स्वीटी और अनीषा बताए गए हैं। इनकी उम्र 20 से 26 वर्ष के बीच बताई गई है।

स्ट्रीट चिल्ड्रेंस के लिए तीस हजारी स्थित बाल गृह का निर्माण डीएमआरसी ने 2010 में किया था और इसकी जिम्मेदारी गैर सरकारी संस्था सलाम बालक ट्रस्ट को सौंपी गई थी। आपको बता दें कि सलाम बालक ट्रस्ट की स्थापना इंडियन ट्रस्ट ऐक्ट 1908 के अंतर्गत दिसंबर 1988 में हुई थी। यह ट्रस्ट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कार्यशील और बेसहारा बच्चों को सहायता प्रदान करता है। यह ट्रस्ट दिल्ली के कई इलाकों में लड़के और लड़कियों के लिए शेल्टर होम और चिल्ड्रन होम चलाता है।

टाइम्स ऑफ इंडिया में 2 जुलाई 2021 को प्रकाशित विज्ञापन

दिल्ली के आश्रय गृहों से इस तरह महिलाओं के लापता होने का यह पहला मामला नहीं है। कुछ साल पहले दिल्ली के ही दिलशाद गार्डन स्थित एक शेल्टर होम से 9 लड़कियों के गायब होने की खबर आई थी। इनमें एक नाबालिग भी थी। शेल्टर होम के कर्मचारियों ने लड़कियों के भाग जाने के बारे में सूचना दी थी। लेकिन शेल्टर होम की दूसरी लड़कियों ने पुलिस को बताया था कि गायब हुई लड़कियों के साथ सही व्यवहार नहीं होता था। इस मामले में डीसीडब्ल्यू ने लड़कियों के अपहरण की आशंका भी जताई थी।

गौरतलब है कि 2018 में बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित एक शेल्टर होम से नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आने के बाद इन केंद्रों की स्थिति राष्ट्रीय मुद्दा बन गई थी। उसके बाद कई जगहों से इस तरह के मामलों की शिकायत मिली थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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