Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाज'सबको नहीं मारा, भाग्यशाली हैं... अब आए तो सबको मार देंगे' - असम पुलिस...

‘सबको नहीं मारा, भाग्यशाली हैं… अब आए तो सबको मार देंगे’ – असम पुलिस को खुलेआम धमकी देने वाले मिजोरम सांसद दिल्ली से ‘गायब’

मिजोरम के रेजिडेंट कमिश्नर ने असम पुलिस की जाँच में शामिल होने के लिए वनलालवेना को दिए गए नोटिस को प्राप्त करने से इनकार कर दिया, इसलिए असम पुलिस ने उनके आवास पर नया नोटिस चिपकाया है।

मिजोरम के सांसद के. वनलालवेना असम पुलिस को जान से मारने की धमकी देने के बाद से लापता हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, असम पुलिस दिल्ली में उनके आवास और मिजोरम हाउस भी गई, लेकिन वह कहीं भी नहीं मिले। दरअसल, असम पुलिस ने असम-मिजोरम अंतरराज्यीय सीमा पर हुई हिंसा की साजिश में कथित संलिप्तता को लेकर पूछताछ के लिए वनलालवेना को 2 अगस्त को ढोलाई पुलिस स्टेशन बुलाया है। ऐसे में उनका लापता होना कई गंभीर सवाल खड़े करता है।

मी​डिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली आई असम पुलिस और सीआईडी की एक टीम वनलालवेना को ढूंढने उनके आवास और मिजोरम हाउस गई, लेकिन वह वहाँ नहीं मिले। ऐसे में माना जा रहा है कि वनलालवेना टीम से बच रहे हैं। वहीं, मिजोरम के रेजिडेंट कमिश्नर ने असम पुलिस की जाँच में शामिल होने के लिए वनलालवेना को दिए गए नोटिस को लेने से इनकार कर दिया, इसलिए असम पुलिस ने उनके आवास पर नया नोटिस चिपका दिया है।

नोटिस में कहा गया, ”पता चला है कि आपने घटना के संबंध में मीडिया में सिविल और पुलिस अधिकारियों को निशाना बनाते हुए धमकी भरा बयान दिया है, जो जाँच का विषय है। इसलिए, तथ्यों और परिस्थितियों का पता लगाने के लिए आपसे पूछताछ की जानी है।”

रिपोर्ट्स के अनुसार, असम पुलिस और सीआईडी की एक टीम गुरुवार (29 जुलाई 2021) को दिल्ली पहुँची थी। उस दौरान उन्होंने मिजोरम के सांसद के. वनलालवेना के खिलाफ नोटिस जारी किया था। असम के स्पेशल डीजीपी जीपी सिंह ने कहा, ”असम पुलिस की एक टीम CID अधिकारियों के साथ असम-मिजोरम सीमा विवाद को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले सांसद वनलालवेना के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए दिल्ली के लिए रवाना हो रही है।”

गौरतलब है कि संसद के बाहर वनलालवेना ने बुधवार (28 जुलाई) को कहा था, “200 से अधिक असम के पुलिसकर्मियों ने हमारे क्षेत्र में प्रवेश किया और उन्होंने हमारे पुलिसकर्मियों को हमारी ही चौकियों से पीछे धकेल दिया और हमसे पहले उन्होंने फायरिंग के आदेश दिए।” उन्होंने कहा था, ”वे भाग्यशाली हैं कि हमने उन सभी को नहीं मारा। यदि वे फिर आएँगे तो हम उन सबको मार डालेंगे।”

बता दें कि 26 जुलाई को मिजोरम पुलिस की ओर से असम के अधिकारियों की एक टीम पर की गई गोलीबारी में असम पुलिस के 5 जवान और एक आम व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसके साथ ही एक पुलिस अधीक्षक सहित 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -