मिजोरम के सांसद के. वनलालवेना असम पुलिस को जान से मारने की धमकी देने के बाद से लापता हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, असम पुलिस दिल्ली में उनके आवास और मिजोरम हाउस भी गई, लेकिन वह कहीं भी नहीं मिले। दरअसल, असम पुलिस ने असम-मिजोरम अंतरराज्यीय सीमा पर हुई हिंसा की साजिश में कथित संलिप्तता को लेकर पूछताछ के लिए वनलालवेना को 2 अगस्त को ढोलाई पुलिस स्टेशन बुलाया है। ऐसे में उनका लापता होना कई गंभीर सवाल खड़े करता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली आई असम पुलिस और सीआईडी की एक टीम वनलालवेना को ढूंढने उनके आवास और मिजोरम हाउस गई, लेकिन वह वहाँ नहीं मिले। ऐसे में माना जा रहा है कि वनलालवेना टीम से बच रहे हैं। वहीं, मिजोरम के रेजिडेंट कमिश्नर ने असम पुलिस की जाँच में शामिल होने के लिए वनलालवेना को दिए गए नोटिस को लेने से इनकार कर दिया, इसलिए असम पुलिस ने उनके आवास पर नया नोटिस चिपका दिया है।
नोटिस में कहा गया, ”पता चला है कि आपने घटना के संबंध में मीडिया में सिविल और पुलिस अधिकारियों को निशाना बनाते हुए धमकी भरा बयान दिया है, जो जाँच का विषय है। इसलिए, तथ्यों और परिस्थितियों का पता लगाने के लिए आपसे पूछताछ की जानी है।”
रिपोर्ट्स के अनुसार, असम पुलिस और सीआईडी की एक टीम गुरुवार (29 जुलाई 2021) को दिल्ली पहुँची थी। उस दौरान उन्होंने मिजोरम के सांसद के. वनलालवेना के खिलाफ नोटिस जारी किया था। असम के स्पेशल डीजीपी जीपी सिंह ने कहा, ”असम पुलिस की एक टीम CID अधिकारियों के साथ असम-मिजोरम सीमा विवाद को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले सांसद वनलालवेना के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए दिल्ली के लिए रवाना हो रही है।”
गौरतलब है कि संसद के बाहर वनलालवेना ने बुधवार (28 जुलाई) को कहा था, “200 से अधिक असम के पुलिसकर्मियों ने हमारे क्षेत्र में प्रवेश किया और उन्होंने हमारे पुलिसकर्मियों को हमारी ही चौकियों से पीछे धकेल दिया और हमसे पहले उन्होंने फायरिंग के आदेश दिए।” उन्होंने कहा था, ”वे भाग्यशाली हैं कि हमने उन सभी को नहीं मारा। यदि वे फिर आएँगे तो हम उन सबको मार डालेंगे।”
बता दें कि 26 जुलाई को मिजोरम पुलिस की ओर से असम के अधिकारियों की एक टीम पर की गई गोलीबारी में असम पुलिस के 5 जवान और एक आम व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसके साथ ही एक पुलिस अधीक्षक सहित 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे।