Friday, October 18, 2024
Homeदेश-समाज1984 सिख विरोधी दंगा पीड़ितों के लिए मोदी सरकार का पैकेज, मृतकों के आश्रितों...

1984 सिख विरोधी दंगा पीड़ितों के लिए मोदी सरकार का पैकेज, मृतकों के आश्रितों को ₹3.50 लाख

लोकसभा में मंत्रालय द्वारा जानकारी दी गई कि 2014 में केंद्र सरकार द्वारा 1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों को राहत देने की योजना शुरू की गई थी। 2021-22 के केंद्रीय बजट में इसके लिए 4.5 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया गया था।

केंद्र की मोदी सरकार ने 1984 के सिख दंगा पीड़ितों के लिए पुनर्वास पैकेज की घोषणा की है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा गुरुवार (05 अगस्त 2021) को घोषित किए गए इस पैकेज में मृतकों के आश्रितों के लिए 3.50 लाख रुपए एवं घायलों के लिए 1.25 लाख रुपए की व्यवस्था की गई है।

अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा लोकसभा में जानकारी दी गई कि इस योजना में राज्य सरकारों द्वारा मृतकों की विधवाओं और बुजुर्ग परिजनों को 2,500 रुपए की मासिक पेंशन देने का भी प्रावधान किया गया है। मंत्रालय द्वारा बताया गया कि पेंशन पर आने वाला खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

लोकसभा में मंत्रालय द्वारा जानकारी दी गई कि 2014 में केंद्र सरकार द्वारा 1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों को राहत देने की योजना शुरू की गई थी। 2021-22 के केंद्रीय बजट में इसके लिए 4.5 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया गया था। मंत्रालय ने कहा कि बढ़ाई गई राहत राशि का भुगतान राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने फंड से करेंगे, बाद में गृह मंत्रालय द्वारा यूटिलाइजेशन रिसिप्ट के आधार पर उन्हें फंड जारी किया जाएगा।

ज्ञात हो कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद राजधानी दिल्ली समेत देश के कई अन्य स्थानों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। कई दिनों तक चलने वाले इस नरसंहार में दिल्ली में ही लगभग 3,000 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा लगभग 50,000 सिख बेघर हो गए थे। सिखों के खिलाफ हुए इस क्रूर नरसंहार के बाद ही प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने कहा था, “जब बड़ा पेड़ गिरता है तो आसपास की जमीन हिलती है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘टुकड़े-टुकड़े कर रामगोपाल मिश्रा के शव को कर देते गायब’: फायरिंग के बीच हिंदू युवक को बचाने जो अब्दुल हमीद की छत पर पहुँचा,...

किशन ने बताया कि जब वो रामगोपाल का शव लेने गए तो सरफराज ने उनपर भी गोली चलाई, अगर वो गोली निशाने पर लगती तो शायद उनका भी शव अब्दुल हमीद के घर में मिलता।

बांग्लादेश को दिए गौरव के कई क्षण, पर अब अपने ही मुल्क नहीं लौट पा रहे शाकिब अल हसन: अंतिम टेस्ट पर भी संशय,...

शाकिब के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर का अंत अब बिना आखिरी टेस्ट खेले ही हो सकता है। उनके देश वापसी को लेकर फिलहाल कोई स्पष्टता नहीं है, और वे दुबई से अमेरिका लौट सकते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -