नरेंद्र मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का सफाया करने और विस्थापित कश्मीरी पंडितों को उनका हक दिलाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार कश्मीर में आतंकवादी हिंसा के चलते अपने घरों से पलायन कर गए कश्मीरी पंडितों की पैतृक संपत्ति को बहाल करने की कोशिश कर रही है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा में बुधवार (11 अगस्त) को कहा, ”अब तक कुल 9 कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में उनकी प्रॉप्रटी वापस दिलाई गई है। यह कश्मीरी पंडित उस प्रॉपर्टी के असली मालिक हैं।”
उन्होंने कहा कि सरकार उन सभी कश्मीरी हिंदू को वापस कश्मीर में बसाने और उनकी प्रॉपर्टी वापस कराने के प्रयास कर रही है, जो वहाँ कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकियों की हिंसा का शिकार हुए थे। आतंकियों के कारण उन्हें कश्मीर छोड़ कर पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा था। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने बताया कि जम्मू-कश्मीर विस्थापित अचल संपत्ति (संरक्षण, सुरक्षा एवं मजबूरी में बिक्री का निषेध) कानून 1997 के तहत राज्य के संबंधित जिलों के जिलाधीश विस्थापितों की अचल संपत्ति के कानूनी संरक्षक होते हैं।
Under the J&K Migrant Immovable Property Act, 1997, DMs of concerned districts are the legal custodians of the immovable properties of migrants, who take suo motto action on eviction proceedings in cases of encroachment: MoS Home Nityanand Rai to RS in a written reply
— ANI (@ANI) August 11, 2021
उन्होंने कहा कि अगर इस प्रॉपर्टी पर कोई गैर कानूनी तरीके से अतिक्रमण करता है तो डीएम इस पर कानूनी कार्रवाई करते हैं। अब अपनी जमीन वापस पाने के लिए कश्मीरी पंडित जिला मजिस्ट्रेट से भी संपर्क कर सकते हैं।
अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के बाद पुनर्वास डेटा का विवरण देते हुए, राय ने कहा, “सरकार द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के बाद कुल 520 प्रवासी प्रधानमंत्री विकास पैकेज-2015 के तहत नौकरी हासिल करने के लिए कश्मीर लौट आए हैं।”
As per the information provided by the Govt. of Jammu & Kashmir, after the abrogation of Article 370, a total of 520 migrants have returned to Kashmir for taking up the jobs under the Prime Minister’s Development Package-2015: MoS Home Nityanand Rai to Rajya Sabha
— ANI (@ANI) August 11, 2021
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गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के बाद 2 सालों में यहाँ कितने लोगों ने जमीन खरीदी। इस सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार (10 अगस्त) को कहा, ”अगस्त 2019 के बाद से अब तक सिर्फ दो बाहरी लोगों ने जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदी है।”
बता दें कि 1990 में इस्लामी कट्टरपंथियों के कारण हजारों कश्मीरी पंड़ितों को घाटी से पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा था। लेकिन साल 2019 में अनुच्छेद-370 और 35ए के हटने के बाद कश्मीरी पंडितों की घर वापसी की उम्मीद बंधी थी।