कॉन्ग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी की पार्टी तो अक्सर हिन्दू विरोधी नैरेटिव फैलाने के लिए जानी जाती है। अब राहुल गाँधी ने भी सोशल मीडिया के सहारे झूठ फैलाने का प्रयास किया है। उन्होंने एक वीडियो शेयर कर के केंद्र सरकार पर संविधान के अनुच्छेद-15 और अनुच्छेद-25 को ‘बेचने’ का आरोप लगाया। उन्होंने जो वीडियो शेयर किया, उसे कई घटनाओं की तस्वीरों को मिला कर बनाया गया था।
इन्हीं घटनाओं के सहारे राहुल गाँधी ने भारत में मुस्लिमों के खिलाफ भेदभाव वाला प्रोपेगंडा फैलाने की कोशिश की। एक तरह से उनका इशारा था कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद ये सब शुरू हुआ है। ध्यान देने वाली बात ये है कि कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने भगवान श्रीकृष्ण की जयंती, जन्माष्टमी के मौके पर इस ट्वीट को पोस्ट किया। जब हिन्दू अपने त्योहार में मशगूल रहते हैं, राहुल गाँधी ने इस तरह का हथकंडा आजमाया है।
आगे बढ़ने से पहले बता दें कि अनुच्छेद-15 में लिखा है कि राज्य, किसी नागरिक के विरुद्ध के केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा। वहीं अनुच्छेद-25 के अनुसार, देश के सभी नागरिकों को अंतःकरण की और धर्म की अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता है। वो किसी भी स्थिति में हों, उन्हें ये स्वतंत्रता संविधान देता है।
लेकिन, इस वीडियो में एक क्लिप कुछ हफ़्तों पहले गाजियाबाद से आए एक मामले का भी है। उस घटना के आधार पर दावा किया गया था कि एक बुजुर्ग मुस्लिम को जबरन ‘जय श्री राम’ बोलने को मजबूर किया गया। सबा नकवी, राना अयूब और मोहम्मद जुबैर जैसों ने ये नैरेटिव फैलाया था। उक्त बुजुर्ग का वीडियो उम्मीद पहलवान नामक एक स्थानीय सपा नेता ने रिकॉर्ड किया था। हालाँकि, इस मामले की सच्चाई कुछ और ही निकली।
अब्दुल समद से मारपीट के केस में गाजियाबाद पुलिस अब तक 11 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। पूछताछ में पता चला है कि केस दर्ज होने के बाद खुद को फँसता देख उम्मेद पहलवान ने अब्दुल समद से हलफनामे पर यह लिखवाने की कोशिश की थी कि उससे जबरन ‘जय श्री राम’ बुलवाया गया था। इसके बाद आरोपित ने वीडियो को वायरल कर दिया। इस मामले के अधिकतर आरोपित भी मुस्लिम समुदाय से ही थे।
मामला कुछ यूँ था कि 5 जून, 2021 को गाजियाबाद में अब्दुल समद को परवेश गुर्जर, आरिफ, आदिल, मुशाहिद और कल्लू नाम के लड़कों ने बुरी तरह पीटा। आरोपितों का कहना था कि जो ताबीज अब्दुल ने उन्हें दी उसका उनके परिवार पर बुरा असर पड़ा जिसके बाद उन्होंने चोरी-छिपे अब्दुल से बदला लेने की योजना बनाई। शिकायत में अब्दुल के बेटे बब्बू सैफी ने कहा कि उनके अब्बा को कुछ अंजान लोगों के समूह ने उठाया, वो भी तब जब वह अपनी दरगाह पर थे।
संविधान के अनुच्छेद 15 व 25 भी बेच दिए? #Article15#Article25 pic.twitter.com/1bpJyIiWl3
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 30, 2021
शिकायत में लिखवाया गया कि इसके बाद उन्हें अंजान जगह पर ले जाया गया और उनकी दाढ़ी काट दी गई। साथ ही मारते हुए उनके जबरन जय श्रीराम के नारे लगवाए गए और उन्हें पेशाब पीने को दिया गया। पुलिस की जाँच में पता चला कि अब्दुल समद बुलंदशहर से लोनी बॉर्डर स्थित बेहटा आया था। वो एक अन्य व्यक्ति के साथ मुख्य आरोपित परवेश गुज्जर के घर बंथना गया था। वहीं पर कल्लू, पोली, आरिफ, आदिल और मुशाहिद आ गए।
वहाँ पर बुजुर्ग के साथ मारपीट शुरू कर दी गई। अब्दुल समद ताबीज बनाने का काम करता है। आरोपितों का कहना है उसके ताबीज से उनके परिवार पर बुरा असर पड़ा। अब्दुल समद गाँव में कई लोगों को ताबीज दे चुका था। आरोपित उसे पहले से ही जानते थे। पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपित पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। कल्लू और आदिल भी गिरफ्तार कर लिए गए। अन्य अभियुक्तों की जल्द गिरफ़्तारी का आश्वासन भी पुलिस ने दिया।
AltNews वाले मुहम्मद जुबैर ने इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने में बड़ा रोल निभाया। बता दें कि कॉन्ग्रेस और AltNws का याराना चलता रहता है। खुद को फैक्ट-चेकर कहें वाले इस प्रोपेगंडा संस्थान ने टूलकिट मामले में भी कॉन्ग्रेस का बचाव किया था। इस्लामी कट्टरवानथी विचारधारा को वो ‘फैक्ट-चेक’ के नाम पर परोसता रहता है। अब गाजियाबाद वाले मामले में राहुल गाँधी ने वहीं से शुरू किया है, जहाँ इस संस्थान ने ख़त्म किया था।