Monday, December 23, 2024
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‘गौ रक्षा धर्म, दुखी हूँ कॉन्ग्रेस ने सरकार को बदनाम करने के लिए मेरी चोट की तस्वीर का किया इस्तेमाल’: गौ रक्षक ने दर्ज कराई शिकायत

कॉन्ग्रेस पार्टी और उसके नेताओं के भ्रामक दावों से नाराज टिंकू ने गुरुग्राम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि कुछ राजनीतिक नेताओं द्वारा राजनीतिक प्रचार के लिए उनकी तस्वीर का दुरुपयोग किया गया है।

28 अगस्त को करनाल में किसान प्रदर्शनकारियों के एक समूह की हरियाणा पुलिस के साथ हिंसक झड़प हुई थी। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। पुलिस की कार्रवाई के बाद, कॉन्ग्रेस नेताओं और कॉन्ग्रेस समर्थकों ने कथित पुलिस बर्बरता के बारे में सोशल मीडिया पर शिकायत करना शुरू कर दिया था।

महासचिव प्रियंका वाड्रा, रणदीप सुरजेवाला और इमरान प्रतापगढ़ी सहित कई सोशल मीडिया हैंडल ने अस्पताल के बिस्तर पर लेटे हुए एक व्यक्ति की तस्वीर का इस्तेमाल किया था, जिसके सिर पर गहरा घाव था। यहाँ तक कि कॉन्ग्रेस पार्टी के आधिकारिक मुख्य हैंडल ने ‘किसान प्रदर्शनकारियों’ पर हमला करने के लिए हरियाणा पुलिस को दोषी ठहराने के लिए तस्वीर का दुरुपयोग किया था।

झूठे दावों के साथ टिंकू की तस्वीर साझा कर रहे कॉन्ग्रेसी नेता (साभार: Swarajya)

तस्वीर को कई सोशल मीडिया हैंडल द्वारा साझा किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि गहरी चोट वाला व्यक्ति किसानों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता का शिकार है।

हालाँकि, स्वराज्य पत्रकार स्वाति गोयल शर्मा ने तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति का पता लगाया और पाया कि उसकी तस्वीर का इस्तेमाल कॉन्ग्रेस के हैंडल ने झूठा दावा करने के लिए किया है कि वह एक किसान प्रदर्शनकारी था और हरियाणा पुलिस ने उसके साथ बर्बरता की।

स्वाति शर्मा ने फोटो में दिख रहे शख्स टिंकू दयामा से बात की। वह गुरुग्राम के रहने वाले हैं। दयामा ने कहा कि उन्हें यह जानकर काफी दुख हुआ कि उनकी चोट की तस्वीर का इस्तेमाल कॉन्ग्रेस के हैंडल ने अपने राजनीतिक प्रचार के लिए किया है।

स्वाति से बात करते हुए, दयामा ने खुलासा किया, “जब मैंने पोस्ट देखे तो मुझे बहुत दुख हुआ। मुझे गौ रक्षा व्हाट्सएप ग्रुप पर इसकी जानकारी मिली। वे राजनीतिक लाभ के लिए मेरी चोटों का दुरुपयोग कैसे कर सकते हैं?”

टिंकू हरियाणा पुलिस द्वारा घायल ‘किसान प्रदर्शनकारी’ नहीं है। बल्कि वह एक गौ रक्षक है जिसे गुरुग्राम के पास पशु तस्करों के एक समूह को रोकने की कोशिश करते समय सिर में गहरी चोट लगी थी।

टिंकू दयामा गौ रक्षक हैं, न कि ‘किसान प्रदर्शनकारी’

कॉन्ग्रेस पार्टी और उसके नेताओं के भ्रामक दावों से नाराज टिंकू ने गुरुग्राम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि कुछ राजनीतिक नेताओं द्वारा राजनीतिक प्रचार के लिए उनकी तस्वीर का दुरुपयोग किया गया है।

Email by Tinku to the police
टिंकू दयामा की पुलिस से शिकायत (साभार: Swarajya)

हरियाणा पुलिस के साइबर सेल को अपनी ईमेल शिकायत में, टिंकू दयामा ने कहा है कि कॉन्ग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए दुर्भावनापूर्ण रूप से उनकी तस्वीरों का इस्तेमाल किया था और झूठे दावे करते हुए हरियाणा पुलिस को बदनाम करने की कोशिश की थी।

टिंकू की शिकायत में कहा गया है कि 25 अगस्त को गुरुग्राम अंतर्गत राजेश पायलट चौक उल्लावास गाँव के पास पशु तस्करों से भिड़ने के दौरान उनके सिर में गंभीर चोट आई थी। इस घटना से संबंधित एक FIR 26 अगस्त को पहले ही हरियाणा पुलिस में दर्ज की जा चुकी है। उन्होंने कृषि कानूनों का विरोध कर रही हिंसक भीड़ के हिस्से के रूप में गलत तरीके से चित्रित किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है।

टिंकू ने अपनी शिकायत में कहा है कि प्रतापगढ़ी द्वारा साझा की गई पोस्ट को हजारों अन्य लोगों द्वारा साझा किया गया था और हरियाणा सरकार की छवि खराब करने के लिए एक शातिर राजनीतिक एजेंडे का प्रचार करने के लिए उनकी चोट और व्यक्तिगत पीड़ा की तस्वीर का इस्तेमाल देखकर उन्हें दुख हुआ है।

बजरंग दल की मदद से टिंकू गायों को पशु तस्करों से बचाने का काम करता है

स्वराज्य में स्वाति की रिपोर्ट के अनुसार, टिंकू के समूह ‘गौ रक्षा दल’ में स्थानीय स्वयंसेवक शामिल हैं जो एक दूसरे को सचेत करते हैं और पशु तस्करों को ट्रैक करने और रिपोर्ट करने के लिए काम करते हैं। वे स्वयंसेवकों के एक व्हाट्सएप समूह के माध्यम से संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करते हैं, जैसे मवेशियों को तंग वैन या मिनी-ट्रकों में जबरन डालना, अवैध लेनदेन आदि। गौ रक्षा दल उसका पीछा करता है और पशु तस्करों को रोकने की कोशिश करता है एवं स्थानीय पुलिस को अपराधियों को पकड़ने में मदद करता है।

टिंकू के समूह के स्वयंसेवक भी गौशालाओं में भेजकर गायों के पुनर्वास का काम करते हैं।

टिंकू ने कहा है कि गौ रक्षक का प्राथमिक लक्ष्य गायों को वध से बचाना है। उन्होंने कहा, “तस्करों को पकड़ना हमेशा गौण होता है क्योंकि उन्हें जमानत मिल जाता है और वो अपनी गतिविधियाँ फिर से शुरू कर देते हैं।”

गौ रक्षा धर्म है

टिंकू की माँ ने उन्हें लगे चोट को याद करते हुए बताया कि टिंकू गंभीर रूप से घायल हो गया था और गौ माता के आशीर्वाद के कारण ही वह जीवित है। टिंकू एक गुर्जर है और वे एक गुर्जर गाँव में रहते हैं। उनका परिवार छोटा किसान हैं। परिवार का मानना है कि गौ सेवा ही उनका धर्म है और गाँव वाले भी बताते हैं कि टिंकू बहुत अच्छा काम कर रहा है।

टिंकू के परिवार को यह समझ में नहीं आता कि मुख्यधारा के मीडिया में गौ रक्षकों को कुख्यात अपराधियों के रूप में कैसे चित्रित किया जाता है। उनका मानना है कि गौ रक्षा धर्म है और गौ रक्षा दल के स्वयंसेवकों को गाँव में प्यार और सम्मान दिया जाता है। जब पत्रकार ने कहा कि मुख्यधारा का मीडिया अक्सर गौ रक्षकों को गुंडों के रूप में चित्रित करता है, तो टिंकू ने कहा, “यह केवल आपके शहरों में होता है।”

पुलिस के साथ काम करते हैं गौ रक्षक

स्वराज्य रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि कैसे गौ रक्षक अक्सर पुलिस के साथ काम करते हैं। टिंकू ने बताया कि गौ रक्षक दल कभी भी पुलिस को सूचित किए बिना हस्तक्षेप नहीं करता है और अक्सर स्थानीय पुलिस पशु तस्करों को रोकने के लिए उनकी मदद लेती है।

टिंकू के परिवार ने बताया कि जब ग्रामीणों को टिंकू की चोट के बारे में पता चला, तो कई लोग उसके पास अस्पताल गए और बड़ों ने उसके पैर भी छुए, लोगों ने गायों को वध से बचाने के उसके पवित्र कार्य की सराहना की।

रिपोर्ट के मुताबिक, इलाके में काम करने वाले ज्यादातर गौ तस्कर मेवात क्षेत्र के मेव मुसलमान हैं। मेवात पशु तस्करी और अन्य अपराधों में तेजी से वृद्धि के लिए कुख्यात रहा है। 2019 में, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने क्षेत्र में पशु तस्करी के मामलों पर अंकुश लगाने में विफल रहने के लिए राज्य सरकारों को फटकार लगाई थी।

अदालत ने कई सुनवाई के दौरान, पुलिस प्रमुख से विस्तृत कारण बताने को कहा था कि 2015 के बाद से राज्य के गोहत्या विरोधी कानूनों के तहत दर्ज 800 मामलों में से किसी भी आरोपित को दोषी क्यों नहीं ठहराया गया था। पुलिस ने तब अदालत को सूचित किया था कि पुलिसकर्मी मेवात में बेहद प्रतिकूल माहौल में काम करते हैं, जिसमें अक्सर जान जोखिम में पड़ जाती है।

जमीनी हकीकत के विपरीत, मुख्यधारा का मीडिया गौ रक्षकों को लिंचिंग करने वाला और गुंडों के रूप में चित्रित करता है, जबकि तस्करों को निर्दोष पीड़ितों के रूप में उसके कुकर्मों को छिपाता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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