‘नारकोटिक्स और लव जिहाद’ वाले बयान के बाद केरल के सायरो मालाबार कैथोलिक चर्च के पाला डॉयसीज बिशप ‘जोसेफ कल्लारंगट‘ ने अब धर्मनिरपेक्षता पर बयान दिया है। उन्होंने केरल में बढ़ती कट्टरता और साम्प्रदायिकता पर चिंता व्यक्त की और कहा, “छद्म धर्मनिरपेक्षता भारत को तबाह कर देगी। इसलिए असली धर्मनिरपेक्षता की रक्षा करने की आवश्यकता है।”
चर्च से जुड़े अखबार ‘दीपिका’ में लिखे एक आर्टिकल में पादरी ने अपने पिछले बयान (नारकोटिक्स और लव जिहाद) का बचाव किया और कहा कि जो लोग इन बुराइयों के खिलाफ अपनी आवाज नहीं उठाते हैं, असल में वो इस तरह की बुराइयों को बढ़ावा देते हैं। इन बुराइयों को नजरअंदाज करने के बजाय ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इस पर विचार करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “धर्मनिरपेक्षता भारत का मूल है और ‘दिखावे की धर्मनिरपेक्षता’ भारत को तबाह कर देगी। हमारा संविधान धर्मनिरपेक्षता पर आधारित है। सभी धार्मिक समुदायों और धर्मनिरपेक्ष समुदाय को एक साथ रहना सीखना चाहिए। सभी धर्मों का सम्मान किया जाना चाहिए।” पादरी ने केरल में साम्प्रदायिक घटनाओं के बढ़ने और इसके ध्रुवीकरण पर अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि धर्मनिरपेक्षता का वास्तविक लाभ किसे मिलता है, इस पर अब सवाल उठने लगे हैं।
नारकोटिक्स जिहाद पर भी दिया था बयान
पिछले महीने जोसेफ कल्लारंगट ने एक बयान में कहा था कि केरल में कैथोलिक लड़कियाँ अब ‘लव और नारकोटिक्स जिहाद’ की शिकार हो रही हैं। उन्होंने कहा था कि केरल में एक खास ग्रुप है जो विभिन्न इलाकों में कैथोलिक और हिंदू युवाओं को ड्रग व अन्य नशा का आदी बना रहा है। ऐसे लोगों का मकसद दूसरे धर्म को भ्रष्ट करने का है।
इसके अलावा बिशप ने ये भी कहा था कि केरल में ‘लव जिहाद’ होने से इनकार करने का कोई भी प्रयास सच्चाई से मुँह मोड़ लेने जैसा है। बिशप ने कहा था कि मुस्लिम विचारों को जबरदस्ती लाने की योजना चल रही है। सभी कैथोलिकों को इसके बारे में पता होना चाहिए और सतर्क रहना चाहिए।