राजस्थान से एक ऐसा मामला आया है, जिसको सुनकर रिश्ते पर से विश्वास उठ जाएगा। दरअसल, एक माँ ने अपनी ही बेटी का सौदा कर दिया। इस कलयुगी माँ ने 7 साल की अवधि में अपनी बेटी का जिस्म के सौदागरों के हाथों तीन बार सौदा कर 30 लाख रुपये में बेच दिया। यह मामला तब खुला, जब गुमशुदा बेटी ने पुलिस को आपबीती सुनाई।
अब 16 साल की हो चुकी पीड़ित लड़की ने पुलिस को बताया कि जब वह 9 साल की थी, तब पहली बार उसकी माँ ने बेचा था। उस दौरान उसकी माँ ने मुंबई के एक ब्रोकर के हाथों 20 लाख रुपये में सौदा कर दिया था। इसके बाद वह ब्रोकर उसे जिस्मफरोशी कराने लगा। उसे नशे का इंजेक्शन देकर एक दिन में 30 से 40 लोगों के साथ संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता था।
दूसरी बार उसे 10 लाख रुपये में एक डांस बार में बेचा गया। वहाँ भी लड़की के साथ यौन शोषण होता था। वहाँ से किसी तरह भागकर लड़की अपनी माँ के पास पहुँची। इसके बाद उसकी माँ ने तीसरी बार उसे नागपुर में एक साड़ी की दुकान चलाने वाली एक महिला के हाथों 10 हजार रुपये में बेच दिया। किशोरी वहाँ से एक ग्राहक की मदद से भाग निकली और उसी के साथ रहने लगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सीमा पोद्दार ने बताया कि अगस्त में बूँदी जिले के डबलाना थाने में लड़की की मौसी ने अपनी 16 वर्षीय भाँजी की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। उसके बाद पुलिस ने महाराष्ट्र पुलिस की मदद से लड़की को नागपुर के लकड़गंज से ढूँढ़ निकाला। सीडब्ल्यूसी के आदेश पर 8 सितंबर से 14 सितंबर तक उसे बालिका सुधार गृह में भेज दिया गया था।
25 सितंबर को लड़की को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। समिति के समक्ष पेश करने के बाद उसे माँ के हवाले कर दिया गया। बाल कल्याण समिति द्वारा बालिका को सँभालने के साथ मांडलगढ़ थाने में प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए भी उसकी माँ को पाबंद किया गया था।
इस दौरान लड़की को लगा कि उसकी माँ विवाह के नाम पर फिर से उसे बेचने की कोशिश कर रही है। उसके बाद बालिका अपनी दादी की मदद से वह 4 साल के अपने भाई को लेकर घर से भाग गई। पुलिस ने जाँच शुरू की, लेकिन लड़की खुद महाराष्ट्र के लकड़गंज थाने पहुँच गई और पुलिस अपनी आपबीती सुनाई। नाबालिग का कहना है कि उसकी माँ उसके छोटे भाई के साथ भी मारपीट करती थी। सारा मामला सुनने के बाद इस घटना से पर्दा उठा। इसके बाद लड़की को सीडब्ल्यूसी बूंदी के सुधार गृह में रखा गया है।
नागपुर पुलिस ने बाल कल्याण समिति के साथ मिलकर बच्ची के पक्ष में गहन विचार-विमर्श किया। उसके बाद आरोपियों पर धारा 370, 372, 373, 376, 344 उप धारा 6, 8, 12 पॉक्सो 3, 4, 5, 6, 7 के तहत मामला दर्ज किया। वहीँं, 11 लोगों की टीम ने सीडब्ल्यूसी के साथ उसकी माँ सहित 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। महाराष्ट्र पुलिस बूँदी और भीलवाड़ा जिलों में छापेमारी कर बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है।