अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में हुई घटना को ‘हिंदू आतंकवाद’ कहने वाली ब्रिटिश सिख सांसद प्रीत कौर गिल ने अब अपना ‘विवादित’ ट्वीट डिलीट कर दिया है। ये कदम उन्होंने ब्रिटिश हिंदुओं का विरोध और नेटीजन्स का गुस्सा देखने का बाद उठाया।
We live in times where British MPs @houseofcommons can be employed to defend mob-lynching in countries beyond their jurisdiction. pic.twitter.com/Kn0HiteyLF
— Rashmi Samant (@RashmiDVS) December 20, 2021
अपने विवादित ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि हिंदू आतंकवादी को स्वर्ण मंदिर में सिखों के खिलाफ हिंसा के कृत्य से रोक दिया गया। इसी ट्वीट के बाद उनकी आलोचना शुरू हो गई। जगह-जगह ट्वीट के स्क्रीनशॉट शेयर होने लगे। कई हिंदुओं ने इस पर आपत्ति जताई। भारतीय उच्चायोग की ओर से भी ब्रिटिश सांसद की टिप्पणी को अस्वीकार किया गया।
No place of worship or community should be targeted in this way. Awful scenes from Harmandir Sahib. 🙏 https://t.co/jYHs9ctOmm
— Preet Kaur Gill MP (@PreetKGillMP) December 18, 2021
हिंदू फोरम ऑफ ब्रिटेन की अध्यक्ष तृप्ति पटेल ने कहा, “हिंदू समुदाय के लोग ये ट्वीट देखने के बाद हैरान हैं…। उन्होंने बिन किसी तथ्य को जाँचे उन बातों पर यकीन किया और हिंदू विरोधी फर्जी न्यूज फैलाई जबकि वो जानती थीं कि हिंदू सिर्फ आत्मरक्षा में एक्शन लेते हैं और कभी किसी को नहीं मारते।” इसी तरह ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी में नस्लवाद का शिकार हुईं रश्मि सामंत ने भी इस घटना पर ब्रिटिश सांसद की निंदा की।
ऐसे ही विरोध और आलोचनाएँ झेलने के बाद प्रीत कौर ने अपने ट्वीट को डिलीट किया। इसके बाद उन्होंने एक अन्य ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा था, “इस तरह से किसी भी पूजा स्थल या समुदाय को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। श्री हरमिंदर साहिब से भयानक दृश्य देखने को मिले हैं।”
Beadbi incidents are unacceptable but the lynching of another person is also unacceptable and no one should take matters into their own hands. We need a full enquiry into these matters. @SGPCAmritsar @PMOIndia
— Preet Kaur Gill MP (@PreetKGillMP) December 20, 2021
प्रीत कौर गिल ने मामले को हिंदू आतंकवाद से जोड़कर पहले जो ट्वीट किया उसे हटाने के बाद उन्होंने लिखा, “बेअदबी की घटना अस्वीकार्य हैं लेकिन दूसरे बंदे की लिंचिंग भी बर्दाश्त योग्य नहीं है। किसी को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। हमें इस मामले में पूरे इंक्वॉयरी चाहिए।”
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार गिल ने अपनी गलती मानने की बजाय उन लोगों को नफरत से भरा और विभाजनकारी बताया जिन्होंने उनके ट्वीट के ऊपर सवाल उठाए। वह बोलीं, “मैंने अपने ट्वीट पोस्ट किए हैं। लेकिन अगर लोगों को मेरे डिलीट किए गए पोस्ट पर भी ध्यान देना है तो उनका अलग एजेंडा है जो नफरत से भरा और विभाजनकारी है।” उनका आरोप है कि उन्हें लगातार एक ट्वीट के लिए ट्रोल किया जा रहा है।
गौरतबल है कि 18 दिसम्बर (शनिवार) को पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में युवक को गुरु ग्रन्थ साहिब की बेअदबी के आरोप में मार डाला गया था। हत्या बड़ी बेरहमी से की गई थी। बताया गया था कि मौत से पहले 25 वर्षीय उस अज्ञात युवक की उँगलियों को तोड़ डाला गया था। इसी के साथ उनके सिर पर कड़े से वार किए गए थे। मौत के बाद भी बाहर जमा भीड़ उसकी लाश लेने के लिए हंगामा कर रही थी।
इस मामले की निंदा करने बजाय राजनेताओं ने युवक के विरुद्ध ही अपने बयान जारी किए थे। कॉन्ग्रेस पार्टी के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब में एक जनसभा के दौरान खुलेआम धर्मग्रंथों की बेअदबी करने वालों को फाँसी की पैरवी की थी। उनका कहना था, “भगवत गीता, कुरान या गुरुग्रंथ साहिब में से किसी की भी बेअदबी करने वाले को सरेआम फाँसी पर लटका देना चाहिए। इन हरकतों को गलती नहीं बल्कि एक कौम को दबाने की साजिश के रूप में माना जाना चाहिए। ये हमारी जड़ों में दीमक लगाना चाह रहे हैं लेकिन इन्हे सफल नहीं होने दिया जाएगा।”