उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Aaditynath) ने गुरुवार (6 जनवरी 2021) को राजधानी लखनऊ में नायब तहसीलदारों और चयनित प्राध्यापकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। इस मौके पर सीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने माफियाओं के कब्जे से 64,366 हेक्टेयर जमीन मुक्त कराई। इनमें से कुछ जमीनें बांग्लादेश से उत्तर प्रदेश में आकर बसे हिंदू परिवारों को भी दी गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “पाकिस्तान और बांग्लादेश से जिन हिंदुओं को निकाला गया था, वो लोग दशकों से मेरठ में रह रहे थे, लेकिन उनको घर के लिए जमीन नहीं मिल पाई थी। ऐसे 63 बंगाली हिंदू परिवारों को हमने कानपुर देहात में प्रति परिवार दो एकड़ भूमि पट्टा के रूप में और 200 वर्ग गज जमीन मकान बनाने के लिए दिए हैं। इसके अलावा, इनके लिए वहाँ पर मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत एक-एक मकान बनवाने का कार्य संपन्न किया है। इस योजना के तहत प्रति परिवार एक लाख 20 हजार रुपए प्रति परिवार दिए जा रहे हैं। जमीनें उन्हें बिल्कुल मुफ्त दी गई हैं।”
पाकिस्तान व बांग्लादेश से जिन हिन्दूओं को निकाला गया था, वे लोग मेरठ में दशकों से रह रहे थे।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) January 6, 2022
ऐसे हिन्दू परिवारों को हम लोगों ने प्रति परिवार 02 एकड़ भूमि और 200 वर्गगज भूमि मकान बनाने के लिए उपलब्ध करवाकर के मुख्यमंत्री आवास योजना से आच्छादित किया: #UPCM श्री @myogiadityanath जी pic.twitter.com/gScqfPo0nk
अतिक्रमण मुक्त जमीनों से बना ‘लैंड बैंक’ (Land Bank)
अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराई गई जमीनों को लेकर सीएम योगी ने बताया कि इन जमीनों से प्रदेश में ‘लैंड बैंक’ (Land Bank) तैयार किया गया है। इसके तहत जिन गरीबों के पास जमीन नहीं है, उन्हें जमीन का आवंटन किया जा रहा है। इसके अलावा, इन जमीनों पर राज्य सरकार स्कूल, उद्योग धंधे जैसे कई कार्यक्रम कर सकती है।
समाजवादी पार्टी (Samajwadi party) पर निशाना साधते हुए सीएम योगी ने कहा कि 2017 से पहले पूर्ण पारदर्शिता के साथ नौकरी दे पाना अपने आप में एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन भाजपा सरकार ने तय समय-सीमा के अंदर चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। मुख्यमंत्री के मुताबिक, अब तक 1,75,000 से अधिक शिक्षकों को तैनाती की गई है। कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने 57 नायब तहसीलदारों, राजकीय महाविद्यालयों के 141 प्रवक्ताओं और 69 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र सौंपा।
गौरतलब है कि 1970 के दशक में बांग्लादेश से आए 63 विस्थापित हिंदू परिवारों के पुनर्वास योजना को योगी सरकार ने 10 नवंबर 2021 को मंजूरी दी थी। इसके तहत इन सभी को कानपुर देहात के रसूलाबाद तहसील के भैंसाया गाँव में बसाने की योजना तय की गई थी।