अक्सर अपने विवादित बयानों और अजीबोगरीब अंग्रेजी शब्दावली के इस्तेमाल के लिए चर्चा में रहने वाले शशि थरूर ने सबरीमाला मंदिर विवाद पर अपना विचार रखकर सबको चौंका दिया है। शशि थरूर ने इस विषय पर बोलते हुए कहा, “सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का जाना भड़काऊ, उकसाने वाला और गैरज़रूरी काम है।” साथ ही स्पष्टीकरण देते हुए शशि थरूर ने ये भी कहा है कि हालांकि वो महिला सशक्तिकरण के समर्थक हैं, लेकिन फिर भी सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का जाना उकसाने वाला काम है। अपने बयान में शशि थरूर ने ये आरोप भी लगाए हैं कि सी.पी.एम.और भाजपा द्वारा किसी पवित्र स्थान को राजनीति का मंच बना देना एक निंदनीय काम है।
शशि थरूर का ये बयान बुधवार को करीब 40 वर्ष की दो महिलाओं, बिन्दु और कनकदुर्गा के बुधवार सुबह 3.45 मिनट पर मंदिर में प्रवेश करने की घटना के बाद आया है। न्यूज़ चैनल ‘मिरर नाव’ को दिये गए अपने इंटरव्यू में शशि थरूर ने कहा है, “कोई भी महिला जो भगवान अयप्पा में श्रद्दा रखती है, अपनी पचास साल कि उम्र से पहले भगवान अयप्पा कि पूजा नहीं करना चाहेगी।” महिलाओं के प्रवेश के पश्चात मंदिर के ‘शुद्धिकरण’ के फैसले भी देशभर में, विशेषकर लिबरल मीडिया के लोगों ने नाराजगी व्यक्त की है।
#WATCH Two women devotees Bindu and Kanakdurga entered & offered prayers at Kerala’s #SabarimalaTemple at 3.45am today pic.twitter.com/hXDWcUTVXA
— ANI (@ANI) January 2, 2019
क्योंकि सबरीमाला मंदिर विवाद आस्था से जुड़ा हुआ प्रश्न है, इसीलिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा भगवान अयप्पा के मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को मंजूरी मिलने के बाद से ही इस बात पर लगातार बहस का माहौल बना हुआ है, कि क्या वाकई में महिलाओं को इस मंदिर में प्रवेश करना चाहिए या नहीं ?
वहीं वामपंथी मीडिया इस बात से हैरान भी है कि अक्सर महिलाओं के समर्थन में बयान देने वाले शशि थरूर ने अचानक महिलाओं के प्रवेश को उकसाऊ कैसे बता दिया है। शशि थरूर के समर्थकों ने भी ट्वीटर पर शशि थरूर के महिलाओं के प्रति नजरिए के विरोध में ट्वीट कर उनसे अपनी नाराजगी व्यक्त की। कुछ लोगों ने प्रश्न किए कि अगर मंदिर मुद्दे पर भाजपा और सी.पी.एम. हीरो और विलेन का रोल निभा रही है तो फिर काँग्रेस का इसमें क्या योगदान रहा है ? ट्वीटर पर शशि थरूर के प्रसंशकों ने उनपर अपनी ‘सुविधानुसार उदारवादी’ होने के आरोप भी लगाए हैं।
The convenient liberal https://t.co/rXNrVtWA6Z
— Pooja Prasanna (@PoojaPrasanna4) January 3, 2019
इस बयान पर बरखा दत्त ने ट्वीट कर के कहा है कि “शशि थरूर ने सबरीमाला पर अपनी स्थिति बदल दी है।” शशि थरूर ने बरखा दत्त को दिये इंटरव्यू में ये भी कहा है, ” भले ही वो सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं लेकिन फिर भी वो आस्था के मसले पर जनता कि भावनाओं के साथ हैं। “
. @ShashiTharoor changed his position on #Sabarimala – went from being a liberal who suported the entry of women to a status quoist. I dont agree with him – but you can watch Shashi explain his reasons here & tell me if you do #Mojo #Townhall @TheWeekLive https://t.co/exwv1OT5dF
— barkha dutt (@BDUTT) January 3, 2019
शशि थरूर अक्सर सामाजिक और राजनीतिक घटनाक्रमों पर अपनी राय देकर चर्चा मे आ जाते हैं और महिला सशक्तिकरण पर जनता उनके बयानों को लेकर उत्साहित भी रहती है। इसलिए सबरीमाला विवाद पर शशि थरूर का बयान उनके समर्थकों के लिए हतोत्साहित करने वाली घटना रही है। यह देखना भी दिलचस्प होगा कि राजनीतिक परिस्थितियों के अनुरूप महिला विरोधी बयान के बाद अपने अगले बयान में शशि थरूर किस दिशा में राय रखते हैं ?