केरल के तिरुवनंतपुरम शहर के पट्टम क्षेत्र में एक निजी होटल के बाहर रविवार (9 जनवरी, 2022) को एक कार खड़ी मिली। इस पर मोदी विरोधी नारे लिखे गए थे। बता दें कि कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर लोकसभा में तिरुवनंतपुरम से सांसद हैं।
कार पर मोदी मोदी विरोधी लिखे गए कुछ नारे यह थे- “मोदी द्वारा 750 से अधिक किसानों की हत्या की गई’, ‘मोदी जेंटलमैन नहीं है’, ‘आरएसएस एक आतंकवादी समूह है’, ‘भारत के लखीमपुर खीरी में योगी द्वारा 4 लोगों की हत्या की गई।”
जानकारी के मुताबिक, कार उत्तर प्रदेश के ओंकार के नाम पर रजिस्टर्ड थी। दोपहर करीब दो बजे एक पंजाबी व्यक्ति कथित तौर पर कार को पट्टम के एक प्राइवेट होटल ले गया था। कार पर मोदी विरोधी नारे लिखा देख कर सुरक्षा गार्डों ने उससे पूछताछ की।
इसके बाद आरोपित होटल के बार में चला गया, लेकिन उसके अजीबोगरीब व्यवहार को देखकर कर्मचारियों ने उसे शराब सर्व करने से मना कर दिया। इसके बाद पंजाबी व्यक्ति ने सुरक्षा गार्डों को धमकाया और होटल में अफरातफरी की स्थिति पैदा कर दी। फिर वह मोदी विरोधी नारों लिखा कार वहीं पर होटल के बाहर छोड़ कर दूसरी कार में बैठ कर भाग गया।
कर्मचारियों ने इसकी सूचना पुुलिस को दी। जिसके बाद मौके पर पहुँची पुलिस ने लावारिस कार को जब्त कर लिया। आगे की जाँच के लिए कार को थाने ले जाया गया। पुलिस ने बम स्क्वायड और डॉग स्क्वायड को भी बुलाया। पुलिस ने गाड़ी के अंदर मिले बैगों से केबल, इलेक्ट्रॉनिक सामान और पुराने कपड़े बरामद किए। इस घटना ने पुलिस को हैरान कर दिया है कि कैसे इस तरह के नारों से लिखी कार उत्तर प्रदेश से केरल तक यात्रा करने में कामयाब रही। आरोपित की गिरफ्तारी के लिए जाँच शुरू कर दी गई है।
पंजाब में सुरक्षा में सेंध, फ्लाईओवर पर फँसे थे पीएम मोदी
गौरतलब है कि इससे पहले पंजाब के फिरोजपुर में भी PM मोदी के विरोध में उनके सुरक्षा से खिलवाड़ का मामला सामने आया था। जब पीएम मोदी का काफिला बुधवार (5 जनवरी 2022) को पंजाब में मोगा-फिरोजपुर राजमार्ग पर एक फ्लाई ओवर में फँस गया था। दरअसल, प्रदर्शनकारियों के झुंड ने पीएम का काफिला रोका, हुसैनीवाला से करीब 30 किलोमीटर दूर फ्लाई ओवर पर पीएम मोदी के काफिले को 20 मिनट तक फँसे रहना पड़ा। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि पीएम का काफिला पंजाब में डीजीपी से आवश्यक पुष्टि के बाद ही शुरू हुआ था और यह घटना पंजाब पुलिस की एक बड़ी चूक थी। इसके अलावा यह बात भी सामने आई थी कि एक स्थानीय गुरुद्वारे ने लोगों से राजमार्ग को जाम करने के लिए उकसाया था।