Thursday, March 28, 2024
Homeदेश-समाजPM मोदी का काफिले रोकने के पीछे स्थानीय गुरुद्वारा! पंजाब के अख़बार का खुलासा...

PM मोदी का काफिले रोकने के पीछे स्थानीय गुरुद्वारा! पंजाब के अख़बार का खुलासा – गुरुद्वारा से अनाउंसमेंट के बाद जुटी भीड़

"पास के एक गुरुद्वारे से घोषणा की गई, जिससे बड़ी संख्या में किसान मौके पर पहुँच गए और वहाँ स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इसके बाद एसपीजी के अधिकारियों ने पीएम मोदी को वापस बठिंडा एयरपोर्ट ले जाने का फैसला किया।"

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक के बाद उन्हें 5 जनवरी को अपनी फिरोजपुर रैली रद्द करनी पड़ी थी। वहीं, प्रदर्शनकारियों द्वारा जाम लगाने के कारण उनका काफिला 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फँसा रहा। द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, अब इस मामले में नया खुलासा हुआ है कि एक स्थानीय गुरुद्वारे ने पीएम मोदी की सुरक्षा में सेंध लगाने में बड़ी भूमिका निभाई थी।

‘द ट्रिब्यून’ ने बताया कि कैसे गुरुद्वारे से किसान प्रदर्शनकारियों को हाइवे को जाम करने की घोषणा की गई थी। इसमें कहा गया है, “पास के एक गुरुद्वारे से घोषणा की गई, जिससे बड़ी संख्या में किसान मौके पर पहुँच गए और वहाँ स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इसके बाद एसपीजी के अधिकारियों ने पीएम मोदी को वापस बठिंडा ले जाने का फैसला किया, क्योंकि उन्हें डर था कि अगर प्रदर्शनकारियों ने फ्लाईओवर के दूसरी तरफ भी जाम लगा दिया तो वह फँस सकते हैं।”

न्यूज ट्रैक ने मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए दावा किया है कि स्थानीय गुरुद्वारे से यह जानने के बाद कि प्रधानमंत्री फँस गए हैं, और भी किसान हाइवे को जाम करने के लिए पहुँच गए। उनके द्वारा लगाए गए ट्रैफिक जाम के कारण पीएम मोदी का काफिला 15 से 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फँसा रहा। दरअसल, पास के गुरुद्वारे से पीएम के संबंध में घोषणा की गई थी। इतना सुनते ही और किसान वहाँ जमा हो गए थे। पीएम मोदी की सुरक्षा को खतरे में देखते हुए एसपीजी टीम को उन्हें वहाँ से हटाने का फैसला करना पड़ा।

News Track की रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट

यह जानने के बाद कि कैसे एक गुरुद्वारे ने कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जान को खतरे में डाल दिया, राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के विश्लेषक दिव्य कुमार सोती ने धार्मिक संस्थान (दुरुपयोग निवारण) अधिनियम, 1988 को लागू करने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि इस अधिनियम में धार्मिक संस्थानों का दुरुपयोग करने पर 5 वर्ष के कारावास का प्रावधान है। इसे वर्ष 1988 में, खालिस्तानी आतंकवादियों द्वारा गुरुद्वारों पर कब्जा करने और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए उनका दुरुपयोग करने के मद्देनजर लाया गया था।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में सेंध का मामला सामने आया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने इसको लेकर बयान जारी किया था। MHA ने अपने बयान में कहा था कि बुधवार (5 जनवरी, 2022) को पीएम मोदी का विमान भठिंडा में लैंड हुआ था, जहाँ से उन्हें हैलीकॉप्टर से हुसैनीवाला स्थित ‘नेशनल मार्टियर्स मेमोरियल’ जाना था। वहाँ उन्हें ‘राष्ट्रीय शहीदी स्मारक’ में बलिदानी क्रांतिकारियों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि अर्पित करनी थी।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

RSS से जुड़ी सेवा भारती ने कश्मीर में स्थापित किए 1250 स्कूल, देशभक्ति और कश्मीरियत का पढ़ा रहे पाठ: न कोई ड्रॉपआउट, न कोई...

इन स्कूलों में कश्मीरी और उर्दू भाषा में पढ़ाई कराई जा रही है। हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे आतंकवादियों के सहयोगी बनें या पत्थरबाजों के ग्रुप में शामिल हों।

‘डराना-धमकाना कॉन्ग्रेस की संस्कृति’: 600+ वकीलों की चिट्ठी को PM मोदी का समर्थन, CJI से कहा था – दिन में केस लड़ता है ‘गिरोह’,...

"5 दशक पहले ही उन्होंने 'प्रतिबद्ध न्यायपालिका' की बात की थी - वो बेशर्मी से दूसरों से तो प्रतिबद्धता चाहते हैं लेकिन खुद राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचते हैं।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe