Thursday, May 2, 2024
Homeदेश-समाजश्रीकाशी विश्वनाथ धाम में अब नंगे पैर नहीं करनी होगी सेवा, कर्मचारियों-जवानों के लिए...

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में अब नंगे पैर नहीं करनी होगी सेवा, कर्मचारियों-जवानों के लिए PM मोदी ने भेजा जूट का जूता

मंदिर परिसर में चमड़े या रबर से बने जूते-चप्पलों के पहनने पर प्रतिबंध है। इसका एक विकल्प खड़ाऊँ है। लेकिन अधिकारियों के मुताबिक खड़ाऊँ पहन पाना सभी के लिए मुमकिन नहीं है।

समूचे उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। ऐसे में नंगे पाँव काम करने वालों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसी क्रम में वाराणसी (Varanasi) स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi vishvanath) के प्रांगण में काम करने वाले लोगों को भी नंगे पाँव अपनी ड्यूटी करनी पड़ती है। उनकी दिक्कतों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने काशी विश्वनाथ धाम के कर्मचारियों और वहाँ तैनात जवानों के लिए 100 जोड़ी जूट के जूते भिजवाए हैं।

इससे अब इन कर्मचारियों को कड़ाके की ठंड में काफी राहत मिलेगी। एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीधे-सीधे शामिल हैं और वो वाराणसी के विकास से जुड़े सभी आयामों पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। पीएम मोदी को निर्देश के बाद दिल्ली से जूट के 100 जूते कर्मचारियों के लिए भेजे गए हैं। दिल्ली से आने के बाद रविवार (9 जनवरी 2022) को मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने मंदिर में काम करने वाले शास्त्री, पुजारी, सीआरपीएफ जवानों, पुलिसकर्मियों, सेवादारों और सफाईकर्मियों को जूते का वितरण किया। जोनल कमिश्नर के मुताबिक, दिल्ली से और भी जूते आएँगे।

एक अधिकारी ने कहा कि ये कहने की जरूरत नहीं है कि काशी विश्वनाथ धाम में काम करने वाले लोग इससे काफी खुश हैं। साथ ही ये इस बात का एक और उदाहरण है कि प्रधानमंत्री छोटी से छोटी बातों का कितना ध्यान रखते हैं। उल्लेखनीय है कि मंदिर परिसर में चमड़े या रबर से बने जूते-चप्पलों के पहनने पर प्रतिबंध है। इसका एक विकल्प खड़ाऊँ है। लेकिन अधिकारियों के मुताबिक खड़ाऊँ पहन पाना सभी के लिए मुमकिन नहीं है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर 2021 को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया था। इसे जनता को समर्पित करते हुए पीएम ने कहा था, “विश्वनाथ धाम का ये पूरा नया परिसर एक भव्य भवन भर नहीं है, ये प्रतीक है, हमारे भारत की सनातन संस्कृति का! ये प्रतीक है, हमारी आध्यात्मिक आत्मा का! ये प्रतीक है, भारत की प्राचीनता का, परम्पराओं का! भारत की ऊर्जा का, गतिशीलता का।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

TV पर प्रोपेगेंडा लेकर बैठे थे राजदीप सरदेसाई, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने निकाल दी हवा: कहा- ये आपकी कल्पना, विपक्ष की मदद की...

राजदीप सरदेसाई बिना फैक्ट्स जाने सिर्फ विपक्ष के सवालों को पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त से पूछे जा रहे थे। ऐसे में पूर्व सीईसी ने उनकी सारी बात सुनी और ऑऩ टीवी उन्हें लताड़ा।

बृजभूषण शरण सिंह का टिकट BJP ने काटा, कैसरगंज से बेटे करण भूषण लड़ेगे: रायबरेली के मैदान में दिनेश प्रताप सिंह को उतारा

भाजपा ने कैसरगंज से बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काट दिया। उनकी जगह उनके बेटे करण भूषण सिंह को टिकट दिया गया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -