केंद्र की मोदी सरकार ने जब से लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने का निर्णय लिया है उसी के बाद से जगह-जगह निकाह (Nikah) के मामलों में इज़ाफा देखने को मिल रहा है। हालात ये है कि अकेले मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक महीने के भीतर ही निकाह करने वालों की संख्या 700 फीसदी बढ़ गई है। अक्टूबर से दिसंबर 2021 के दौरान मस्जिदों में हुए निकाह के आँकड़ों की स्टडी से ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश के भोपाल, रायसेन, विदिशा समेत 10 शहरों से कलेक्ट किए गए आँकड़ों से पता चला है कि इन शहरों में निकाह मामलों में 42 फीसदी से 700 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। इसमें से सबसे अधिक मामले राजधानी भोपाल से सटे रायसेन जिले में बढ़े हैं। वहाँ 700 फीसद वृद्धि दर्ज की गई।
अचानक से निकाह में आई तेजी को लेकर भोपाल की मसाजिद कमेटी के सचिव यासिर अराफात बताते हैं कि अकेले भोपाल में दिसंबर में निकाह के लिए 950 रजिस्ट्रेशन हुए हैं। इनमें से अधिकतर ने निकट तारीखों में ही निकाह करवाने की माँग की है। इसकी वजह के बारे में अराफात कहते हैं कि एक तो लड़कियों की शादी की मिनिमम आयु 21 साल करने का डर है और दूसरा कोरोना के चलते लॉकडाउन का भी डर सता रहा है।
पीएम मोदी के फैसले का दिख रहा असर
सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाफिज मोहम्मद दानिश के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निकाह के लिए जो उम्र सीमा तय कर दी है, उसके कारण निकाह की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसकी दूसरी वजह लॉकडाउन का डर भी है।
इसको लेकर भोपाल के जिंसी के रहने वाले रियाज कुरैशी ने कहा कि उनका निकाह माहविया के साथ तय हुआ था, लेकिन कुछ साल के बाद इसे होना था। हालाँकि, 21 साल की उम्र सीमा तय होने के बाद पिछले महीने ही परिजनों ने निकाह करा दिया।
गौरतलब है कि सरकार के इस फैसले का असर हरियाणा में भी देखा जा रहा है। प्रदेश के मेवात जिले में लोग इस विधेयक के कानून बनने से पहले ही अपनी लड़कियों की शादी करा देना चाहते हैं। पिछले महीने मुस्लिम बहुल नूँह में तो लोग ऐसे लड़कों की तलाश में थे जो 2 दिनों में निकाह के लिए तैयार हों।