Sunday, September 8, 2024
HomeराजनीतिYouTube पर प्रधानमंत्री मोदी के 1 करोड़ सब्सक्राइबर, यहाँ भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन...

YouTube पर प्रधानमंत्री मोदी के 1 करोड़ सब्सक्राइबर, यहाँ भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सहित दुनियाभर के नेताओं से निकले आगे

YouTube के अलावा, पीएम मोदी के 75.3 मिलियन यानी 7 करोड़ 5 लाख से अधिक फॉलोअर्स ट्विटर पर हैं। उनका यह रिकॉर्ड भी अभी तक कोई भी लीडर नहीं तोड़ पाया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के यूट्यूब (YouTube) चैनल पर मंगलवार (1 फरवरी 2022) को 10 मिलियन यानी 1 करोड़ सब्सक्राइबर हो गए हैं। वह दुनिया के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने यह ​मुकाम ​हासिल किया है। पीएम मोदी सोशल मीडिया पर खासा एक्टिव रहते हैं। यही कारण है कि उनके फेसबुक और ट्विटर जैसे अन्य प्लेटफार्मों पर भी करोड़ों फॉलोअर्स हैं। उन्होंने 26 अक्टूबर 2007 को यूट्यूब जॉइन किया था। दुनियाभर के नेताओं में प्रधानमंत्री मोदी के बाद अब ब्राजील के प्रेसिडेंट जायर बोल्सोनारो हैं। उनके 36 लाख सब्सक्राइबर हैं।

नरेंद्र मोदी के यूट्यूब चैनल ने मंगलवार को एक करोड़ सब्सक्राइबर का आँकड़ा पार कर लिया है

प्रधानमंत्री नई घोषणाएँ करने, अपने विचार व्यक्त करने, जनता को संबोधित करने और विश्व के नेताओं से जुड़ने के लिए अक्सर सोशल मीडिया का सहारा लेते हैं। YouTube के अलावा, पीएम मोदी के 75.3 मिलियन यानी 7 करोड़ 5 लाख से अधिक फॉलोअर्स ट्विटर पर हैं। उनका यह रिकॉर्ड भी अभी तक कोई भी लीडर नहीं तोड़ पाया है। इसके अलावा फेसबुक पर पीएम मोदी के 46.8 मिलियन यानी 4 करोड़ 6 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं और इंस्टाग्राम 65.1 मिलियन यानी 6 करोड़ से अधिक फॉलोअर्स हैं।

वहीं बात करें विश्व के अन्य नेताओं की तो ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो (36 लाख फॉलोअर्स), मैक्सिकन राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज़ ओब्रेडोर (30.7 लाख), व्हाइट हाउस के ऑफिशियल अकाउंट (19 लाख) और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के यूट्यूब पर केवल 7 लाख फॉलोअर्स ही हैं। पीएम मोदी देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के नेताओं से भी सोशल मीडिया पर सबसे आगे हैं। पीएम मोदी की तुलना में राहुल गाँधी के यूट्यूब पर 5.24 लाख, शशि थरूर (4.39 लाख) और असदुद्दीन ओवैसी (3.7 लाख) फॉलोअर्स हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -