Sunday, September 8, 2024
Homeराजनीति'जय श्री राम' और 'रामनवमी' से पूरी तरह अनजान है 'महान' अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन

‘जय श्री राम’ और ‘रामनवमी’ से पूरी तरह अनजान है ‘महान’ अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन

"शायद अमर्त्य सेन बंगाल को नहीं जानते हैं। क्या वो बंगाल और भारतीय संस्कृति के बारे में जानते हैं? जय श्री राम का नारा अधिकतर जगहों पर लगाया जाता है और अब पूरा बंगाल इसे कह रहा है।"

लोकसभा चुनाव के दौरान बंगाल में ‘जय श्री राम’ के नारे को लेकर चल रहा बवाल फिलहाल थमता हुआ नजर नहीं आ रहा। बंगाल में जय श्री राम के नारे को लेकर टीएमसी और भाजपा आमने-सामने हैं। अब इस विवाद पर नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। 

अमर्त्य सेन ने कहा है कि ‘जय श्री राम’ के नारे का बंगाली संस्कृति से कोई संबंध नहीं है। सेन ने कहा कि ‘माँ दुर्गा’ के जयकारे की तरह ‘जय श्री राम’ का नारा बंगाली संस्कृति से जुड़ा हुआ नहीं है। उनका कहना है कि उन्होंने पहले कभी जय श्री राम का नारा नहीं सुना। अब इसका इस्तेमाल लोगों को पीटने के लिए किया जा रहा है। सेन के अनुसार, जय श्री राम का बंगाली संस्कृति से कोई संबंध नहीं है।

अमर्त्य सेन ने ये बात शुक्रवार (जुलाई 5, 2019) को जादवपुर विश्वविद्यालय में कही। उन्होंने कहा कि आज कल राम नवमी काफी लोकप्रिय हो रही है, मगर उन्होंने पहले कभी इसके बारे में नहीं सुना। उनका कहना है कि ‘माँ दुर्गा’ बंगालियों के जीवन में सर्वव्याप्त हैं और अब बंगाल में जय श्री राम का इस्तेमाल लोगों को पीटने के लिए किया जा रहा है। साथ ही सेन ने कहा कि उन्होंने अपनी चार साल की पोती से पूछा कि आपका पसंदीदा भगवान कौन है, तो उसने जवाब देते हुए कहा कि ‘माँ दुर्गा’ उसकी पसंदीदा देवी हैं। सेन का कहना है कि रामनवमी के साथ माँ दुर्गा के महत्त्व की तुलना नहीं की जा सकती।

अमर्त्य सेन के इस बयान पर अब पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि शायद अमर्त्य सेन बंगाल को नहीं जानते हैं। क्या वो बंगाल और भारतीय संस्कृति के बारे में जानते हैं? जय श्री राम का नारा अधिकतर जगहों पर लगाया जाता है और अब पूरा बंगाल इसे कह रहा है।

गौरतलब है कि, जय श्री राम बीते लोकसभा चुनाव से ही बंगाल में चर्चा में बना हुआ है। आम लोगों से ज्यादा यह नारा सियासी गलियारों में गूँजता दिखाई दे रहा है। बंगाल में जय श्री राम का नारा भाजपा की पहचान का पर्याय बन गया है और इस नारे को लगाने वाले की पहचान भारतीय जनता पार्टी के समर्थक के तौर पर होने लगी है। ऐसा देखा गया है कि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जय श्री राम के नारे से काफी चिढ़ती हैं और जय श्री राम बोलने पर वो लोगों को जेल भी भिजवा चुकी हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

असम के मुस्लिम बहुल इलाकों में जनसंख्या से अधिक आधार कार्ड: CM सरमा का ऐलान- जिसका NRC का आवेदन नहीं, उसे AADHAAR नहीं

असम के सीएम सरमा ने कहा है कि जिन लोगों ने NRC के लिए आवेदन नहीं किया है, उन्हें आधार कार्ड नहीं जारी किया जाएगा।

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -