जम्मू-कश्मीर (Jammu kashmir) में इस्लामिक अत्याचारों से पीड़ित हुए कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandit) के लिए काम करने वाले संगठन ‘ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा (GKPD)’ ने फिल्म में दिखाई गई घटनाओं को सच बताया और RSS की तारीफ की है। संगठन के अंतरराष्ट्रीय समन्वयक उत्पल कौल ने कहा कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने 1990 के दशक में कश्मीरी हिंदुओं के पलायन को संक्षिप्त रूप से दिखाया है। ये उन घटनाओं का केवल 10 फीसदी है।
उत्पल कौल ने कहा, “द कश्मीर फाइल्स फिल्म में जो दिखाया गया है वह सच है। यह घाटी में जो कुछ भी हुआ, उसका केवल 10% है। इसके अलावा और भी बहुत कुछ है।” राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तारीफ करते हुए कौल ने कहा, “संघ के कारण आज कई कश्मीरी हिंदू जीवित हैं।”
उन्होंने कहा कि 1990 के दशक में आरएसएस ने कश्मीर पंडितों को घाटी छोड़ने में मदद की थी। इसके अलावा डोगरा समाज, आर्य समाज और सिखों ने भी हिंदुओं की खूब सहायता की थी। कौल ने कड़े शब्दों में कहा कि जब दिसंबर 1990 में कश्मीर से हिंदुओं का पलायन शुरू हुआ था तो उस दौरान तत्कालीन सरकार कहीं नहीं दिखी थी। 19 जनवरी को पूरे कश्मीर में अपमानजनक नारेबाजी की गई और बड़े पैमाने पर नरसंहार किया गया। यह सब इतिहास में पहली बार हो रहा था।
कौल बताते हैं, “हमें अपनी जान और सम्मान बचाने के लिए भागना पड़ा। हम विस्थापित होकर जम्मू की सड़कों पर आ गए। हमें पता भी था कि हमें आगे क्या करना है। बाद में संघ ने हजारों हिंदुओं को गीता भवन में शरण दिया। 700 से भी अधिक जगहों पर काम करे रहे संघ ने हमें 1.5 करोड़ रुपए की मदद भी भेजी।”
गौरतलब है कि विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ 11 मार्च को रिलीज हुई थी। इसमें 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार और पलायन की वास्तविक घटना को पर्दे पर दिखाया गया है।