Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाजदेश के गद्दारों को... दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा- मुस्कुरा कर कही, इसमें सांप्रदायिकता...

देश के गद्दारों को… दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा- मुस्कुरा कर कही, इसमें सांप्रदायिकता कहाँ?

जस्टिस चंद्रधारी सिंह ने कहा कि जब कोई बात मुस्कराहट के साथ कही जाती है, तब उसमें कोई अपराधिकता नहीं होती, लेकिन किसी चीज को अगर आपत्तिजनक तरीके से कहा जाए तो उसमें अपराधिकता हो सकती है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने वामपंथी नेताओं वृंदा करात और केएम तिवारी दिल्ली दंगों से जुड़ी एक याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। बता दें कि ट्रायल कोर्ट ने ‘हेट स्पीच’ के आरोप में केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ-साथ पश्चिमी दिल्ली से सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश देने से इनकार कर दिया था। इसके खिलाफ CPM के दोनों नेता दिल्ली हाईकोर्ट पहुँचे थे।

ये मामला फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगों से जुड़ा हुआ है। याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि चुनाव के समय जिस तरह के भाषण दिए जाते हैं, वो सामान्य परिस्थितियों में दिए गए भाषणों से अलग होते हैं। अदालत ने कहा कि कभी-कभी कुछ बातें माहौल बनाने के लिए की जाती हैं, जहाँ उसका कोई अन्य इरादा नहीं होता। जस्टिस चंद्रधारी सिंह ने इस याचिका पर सुनवाई की।

जस्टिस सिंह ने कहा कि जब कोई बात मुस्कराहट के साथ कही जाती है, तब उसमें कोई अपराधिकता नहीं होती, लेकिन किसी चीज को अगर आपत्तिजनक तरीके से कहा जाए तो उसमें अपराधिकता हो सकती है। अदालत ने पूछा कि उक्त भाषण में कोई ‘सांप्रदायिक इरादा’ कहाँ है? पूछा कि क्या वो चुनावी भाषण था या सामान्य समय में दिया गया बयान? हाईकोर्ट ने कहा कि सामान्य समय में ऐसे भाषण दिए जाएँ तो इसका मतलब भड़काने का इरादा हुआ।

लोकतंत्र का हवाला देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि लोगों को बयान देने का अधिकार है। आरोप है कि अनुराग ठाकुर की रैली में ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को’ नारे लगे थे। याचिका में आरोप लगाया गया था कि इसमें तब शाहीन बाग़ में धरने पर बैठी महिलाओं को बलपूर्वक हटाने की ओर इशारा किया गया था और साथ-साथ मुस्लिमों को हत्यारा और बलात्कारी दिखा कर उनके खिलाफ घृणा फैलाने की कोशिश की गई थी।

इस सम्बन्ध में 29 जनवरी को चुनाव आयोग ने अनुराग ठाकुर को ‘कारण बताओ नोटिस’ भी भेजा था। हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या ये भाषण प्रदर्शनकारियों के स्थल के पास दिया गया? हाईकोर्ट ने कहा कि ‘ये लोग’ का मतलब यहाँ कोई खास समुदाय से नहीं है और इसे आप किस रूप में लेंगे? हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या तब दिल्ली में एक ही समुदाय के लोग प्रदर्शन कर रहे थे? अगर ऐसा है, तो फिर उस प्रदर्शन को केवल एक ही समुदाय का समर्थन हासिल था?

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अल्लू अर्जुन के घर पर हमला करने वालों को मिली जमानत, कॉन्ग्रेसी CM रेवंत रेड्डी के साथ तस्वीरें वायरल: तोड़फोड़ के बाद ‘पुष्पा 2’...

बीआरएस नेता ने दावा किया है कि आरोपितों में से एक तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का आदमी था। वहीं कॉन्ग्रेस नेता ने इन आरोपों पर कोई बयान नहीं दिया है।

इस्लामी लुटेरे अहमद शाह अब्दाली को रोका, मुगल हो या अंग्रेज सबसे लड़े: जूनागढ़ के निजाम ने जहर देकर हिंदू संन्यासियों को मारा, जो...

जूना अखाड़े के संन्यासियों ने इस्लामी लुटेरे अहमद शाह अब्दाली और जूनागढ़ के निजाम को धूल चटाया और अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया।
- विज्ञापन -