अफ्रीकी देश नाइजीरिया से इस्लामी हिंसा का मामला सामने आया है। यहाँ सोमवार (23 मई, 2022) को कुछ कट्टरपंथी मुस्लिमों की भीड़ ने एक दर्जन से अधिक वाहनों में तोड़फोड़ की कई दुकानों और घरों को आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा सार्वजनिक संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुँचाया। यह घटना बाउची के वारजी में एक कस्बे की है। बताया जा रहा है कि कुछ मुस्लिमों की हिंसक भीड़ ने कथित ईशनिंदा के आरोप में एक 40 वर्षीय ईसाई महिला को पकड़ने में नाकाम रहने के बाद इस घटना को अंजाम दिया था।
उस ईसाई महिला पर आरोप है कि उसने सोशल मीडिया पर इस्लाम के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की है। इसलिए भीड़ ‘ईशनिंदा’ की आरोपित महिला की पीट पीटकर हत्या करना चाहती थी।
Barely two weeks after Deborah Samuel was killed in Sokoto over alleged blasphemy against Prophet Muhammad (SAW), some youths in Katangan Wargi, headquarters of Warji Local Government Area of Bauchi State have launched a manhunt for another Christian lady.https://t.co/8fuXlWewsA
— The Nation Nigeria (@TheNationNews) May 21, 2022
पिछले हफ्ते, वारजी काउंसिल क्षेत्र में चिकित्सा विभाग की एक कर्मचारी रोडा जटाउ (Rhoda Jatau) ने व्हाट्सएप पर एक वीडियो शेयर किया था। इसमें कथित तौर पर इस्लाम की आलोचना की गई थी। घाना में बनाए गए इस वीडियो को जटाउ द्वारा 20 लोगों के ग्रुप में भेजा गया था, जिनमें 15 मुस्लिम भी थे। उसे कई इस्लामवादियों ने वीडियो हटाने की धमकी दी थी। इसके बाद वारजी के चिकित्सा विभाग के उप निदेशक को मामले में हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
[#ICYMI] Another Christian lady escapes lynching in Bauchi over alleged blasphemy #BBNaijaReunion FCMB Atiku Yorubas Beatrice #Tinubu Kwankwaso NNPP Xhaka 23rd May SOMETHING BIG IS COMING WWIII Goal of the Season PDP and APC TWITTER DATING SHOWhttps://t.co/pR7sEsywLR
— Reuben Abati (@abati1990) May 23, 2022
महिला चिकित्साकर्मी को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद उसके पड़ोसियों ने उसकी सुरक्षा के इंतजाम किए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इलाके में कुछ कट्टरपंथी मुस्लिमों की भीड़ ने हंगामा किया और छह घरों और सात दुकानों को आग लगाकर अपना विरोध जताया। उनके द्वारा की गई आगजनी में कई लोग घायल हो गए थे, लेकिन वे फिर भी रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। क्योंकि वे यहाँ सोशल मीडिया पर इस्लाम की आलोचना वाले वीडियो को शेयर करने वाली महिला को पकड़ने आए थे।
उसे पकड़ने में नाकाम रहने पर उन्होंने जमकर उत्पात मचाया। पुलिस ने कहा कि यह घटना शुक्रवार (20 मई, 2022) शाम करीब 5:45 बजे की है। तब से अधिकारियों ने इस इलाके में सुरक्षा बलों, मोबाइल पुलिस बल और रैपिड रिस्पांस स्क्वॉड (आरआरएस) को तैनात कर दिया है, जिनके संयुक्त प्रयासों से स्थिति अब नियंत्रण में है।
इस्लामिक देशों में ईशनिंदा के आरोप और मॉब लिंचिंग
इस्लाम की किसी भी तरह की आलोचना दुनिया भर के इस्लामिक कट्टरपंथियों को बेहद अपमानजनक लगती है। इसी तरह का एक मामला 10 दिन पहले नाइजीरिया के सोकोतो में आया था। यहाँ भी ईशनिंदा के आरोप में इस्लामिक भीड़ ने डेबोरा सैमुअल नाम की एक ईसाई छात्रा को पीट-पीट कर मार डाला था। बताया गया था कि व्हाट्सएप ग्रुप पर डेबोरा के कुछ मित्रों ने कमेंट किए थे, जिसे इस्लामिक कट्टरपंथियों ने ईशनिंदा मान लिया और इस वारदात को अंजाम दिया। पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसमें देखा जा सकता है कि इस्लामिक भीड़ ने अल्लाहु अकबर जैसे मजहबी नारे लगाते हुए डेबोरा की मॉब लिचिंग की और उसे जला दिया। आरोपितों को वीडियो में माचिस की तीली दिखाते और खुशी मनाते हुए देखा जा सकता है।
मृतक डेबोरा सैमुअल सोकोतो राज्य के शेहू शगरी कॉलेज ऑफ एजुकेशन की छात्रा थीं। दावा है कि एक व्हाट्सएप ग्रुप को डेबोरा अपने दोस्तों के संग मिलकर चला रही थीं। उसी ग्रुप में इस्लामिक पोस्ट शेयर हुए थे, जिस पर डेबोरा ने भी कमेंट किया था, जिसे इस्लामियों ने ‘ईशनिंदा’ मान लिया। कुछ रिपोर्टों के मुताबिक, डेबोरा ने केवल एक कॉलेज व्हाट्सएप ग्रुप में रिलीजियस कंटेंट पोस्ट करने पर आपत्ति जाहिर की थी।
These are the faces of the barbaric creatures that killed Deborah in Sokoto State over religious blasphemy.
— OTUNBA 🇨🇦 (@ManLikeIcey) May 12, 2022
I implore @PoliceNG to do their job and ensure justice prevails. pic.twitter.com/4yvkwRsWdD
बता दें कि इसी तरह वर्ष 2020 में याहया शरीफ-अमीनू नाम के एक नाइजीरियाई गायक को शरिया अदालत ने पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ ईशनिंदा करने के लिए मौत की सजा सुनाई थी। यहाया पर आरोप था कि उसने अपने एक गीत में तिजानिया मुस्लिम ब्रदरहुड के एक इमाम की तारीफ करते हुए उसे पैंगबर से ज्यादा तरजीह दी और उसे मार्च महीने में व्हॉट्सएप के जरिए वायरल भी किया। राज्य के हौसावा फिलिन हॉकी क्षेत्र में एक ऊपरी शरिया अदालत ने यहाया के मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि 22 वर्षीय यहाया शरीफ-अमीन मार्च महीने में व्हाट्सएप के माध्यम से प्रसारित एक गीत के लिए ईशनिंदा का दोषी है।