उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे में एक नया खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है जिस ट्रक से एक्सीडेंट हुआ है, वह समाजवादी पार्टी नेता नंदू पाल के बड़े भाई देवेंद्र पाल का ट्रक है। इस हादसे के बाद से ललौनी थाना क्षेत्र के मुत्तौर गाँव के रहने वाले देवेंद्र पाल के घर पर ताला बंद है। पुलिस ने इस एँगल से जाँच शुरू कर दी है और उनकी खोज जारी है।
हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक फतेहपुर के सपा नेता व पूर्व जिला सचिव नंदू पाल का कहना है कि इस मामले को साजिश बताकर बेवजह तूल दिया जा रहा है। ये महज एक हादसा है। सपा नेता की मानें तो वे कुलदीप सेंगर को जानते तक नहीं हैं, सिर्फ़ नाम सुना है।
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सपा नेता नंदू का अपने बड़े भाई के ट्रक को लेकर कहना है कि जिस दिन हादसा हुआ, उस दिन ट्रक में लदा मोरंग रायबरेली में उतारने के बाद फतेहपुर लौट रहा था। ट्रक को ओती गाँव के निवासी सूरजपाल का सबसे छोटा बेटा आशीष कुमार चला रहा था।
इसके अलावा ट्रक के नंबर प्लेट में कालिख लगाने की वजह पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह सब केवल फाइनेंसर की नजरों से बचने के लिए किया गया था। अगर इसके बाद भी साजिश की आशंका है तो सरकार इसकी सीबीआई जाँच करवा ले, जिससे सच्चाई साफ़ हो जाए।
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मुख्यमंत्री ने दिए CBI जाँच के आदेश
गौरतलब है कि इस हादसे के बाद पीड़िता के परिवार द्वारा सीबीआई जाँच की माँग की जा रही थी, जिसके मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार (जुलाई 29, 2019) को इस मामले में सीबीआई जाँच के लिए सिफारिश दे दी है। इसके संबंध में केंद्र सरकार को एक औपचारिक पत्र भी भेजा गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने भी रात में एसपी की रिपोर्ट, फॉरेंसिक जाँच में की गई अब तक की पड़ताल, हत्या की एफआईआर आदि से जुड़े अन्य दस्तावेज मँगवाए हैं।
MLA कुलदीप सेंगर समेत 10 पर हुआ हत्या का मुकदमा दर्ज
बता दें कि इससे पहले इस रोड एक्सीडेंट मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उनके भाई मनोज सिंह सेंगर और 8 अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी। इस नए खुलासे के बाद मामला संदेह वाली स्थिति बनी हुई है। अब आगे की जाँच में खुलासा होगा कि यह घटना सच में कोई हादसा है या फिर साजिश।
पीड़िता की बहन ने सरकार से माँग की है कि दुर्घटना जाँच सीबीआई से हो। इस बीच रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा ने लिखित तहरीर देते हुए इस मामले को भी मुख्य मामले के साथ जोड़कर सीबीआई को जाँच सौंप देने की अपील की है।https://t.co/KnUFUBnAtH
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लेकिन फिलहाल रेप पीड़िता के चाचा की तहरीर पर कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 नामजद और 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 307, 506, 120B के तहत यह मुकदमा दर्ज किया गया है। FIR में कुलदीप सिंह सेंगर, मनोज सिंह सेंगर, विनोद मिश्र, हरिपाल मिश्र, नवीन सिंह, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेन्द्र सिंह, रिंकू सिंह और एडवोकेट अवधेश सिंह समेत 15-20 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया है।
जानकारी के लिए बता दें कि आरोपित विधायक कुलदीप सेंगर उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। कुलदीप सेंगर ने अपनी राजनीति की शुरुआत कॉन्ग्रेस पार्टी से की थी। लेकिन, वर्ष 2002 में विधानसभा चुनाव के वक्त वो कॉन्ग्रेस का हाथ छोड़कर हाथी (बसपा) के साथ चल दिए। तब बसपा के टिकट पर कुलदीप ने चुनावी मैदान में कॉन्ग्रेस प्रत्याशी को बड़े अंतर से हराया था। 2007 में बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कुलदीप सिंह सेंगर को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। उसके बाद वो 2007 से 2017 तक समाजवादी पार्टी में रहे।