Sunday, September 8, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकसोशल मीडिया फ़ैक्ट चेकद्रौपदी मुर्मू को 'RSS का मोहरा' बताने के लिए प्रशांत भूषण ने की फोटो...

द्रौपदी मुर्मू को ‘RSS का मोहरा’ बताने के लिए प्रशांत भूषण ने की फोटो से छेड़खानी, पकड़े जाने पर ट्वीट डिलीट किया

प्रशांत भूषण ने एनडीए की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के विरुद्ध माहौल बनाने के लिए उनकी एडिट फोटो शेयर करते हुए दावा किया कि वो एक रबर स्टैंप होंगी जो स्वतंत्र रूप से काम नहीं करेंगी

NDA द्वारा राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू का नाम कई लोगों को अखर रहा है। यही वजह है कि वह एक जनजाति महिला नेता के विरुद्ध सोशल मीडिया पर फर्जी दावे कर रहे हैं। मोदी सरकार के कट्टर विरोधी प्रशांत भूषण इन्हीं लोगों में से एक हैं।

उन्होंने द्रौपदी मुर्मू की एक फोटो शेयर करके दावा किया है कि अगर वह राष्ट्रपति बन गईं तो पीछे से भाजपा और आरएसएस काम करेंगे, उनका केवल ठप्पा होगा। इतना ही नहीं प्रशांत भूषण ने ये भी कहा कि मुर्मू स्वतंत्र रूप से कार्यभार नहीं संभाल पाएँगी।

अपने दावे को साबित करने के लिए उन्होंने एक फोटो शेयर की है। इस फोटो में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और द्रौपदी मुर्मू भारत माता के आगे शीष झुकाते दिख रहे हैं। इस तस्वीर के साथ प्रशांत ने लिखा, “भाजपा की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू मोहन भागवत से मिलने नागपुर में आरएसएस के हेडक्वार्टर गईं! क्या कोई संदेह बचता है कि वो सिर्फ एक मोहरा होंगी और स्वतंत्रत रूप से नहीं काम कर पाएँगी?”

भूषण ने अपने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया। कारण है- इसका फर्जी होना।

दरअसल जो फोटो प्रशांत भूषण ने साझा की है वो एडिटिड है और दो फोटो काटकर एक फोटो बनाई गई है। एक फोटो आरएसएस के ट्विटर पर 11 मार्च 2022 को अपलोड की गई थी। इसमें मोहन भागवत गुजरात के एक कार्यक्रम में माँ भारती को प्रणाम कर रहे थे। उनके साथ दत्तारेया होसबोले भी थे। फोटो में देख सकते हैं कि बैकग्राउंड वही है, कपड़े वही हैं, बस द्रौपदी मुर्मू इसमें नहीं है।

अब सवाल है कि द्रौपदी मुर्मू की यह तस्वीर यहाँ आई कैसे। तो बता दें कि इस तस्वीर को द क्विंट के आर्टिकल में 24 जून 2022 को पब्लिश किया गया था। आर्टिकल में द्रौपदी मुर्मू झारखंड सीएम हेमंत सोरेन का अभिवादन कर रही थीं। वहीं सोरेन भी उन्हें झुक कर नमस्ते कर रहे थे।

इसी तस्वीर को एडिटिड तस्वीर में जोड़ा गया और प्रशांत भूषण ने लोगों को बरगलाने के लिए इसे शेयर भी कर दिया। हालाँकि जब बाद में सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा इस पर ये कहा गया कि ये मैनिपुलेट करने वाला ट्वीट है तब इसे हटाया गया।

अब दोनों तस्वीरों को देख पता लगाया जा सकता है कि कैसे तस्वीर एडिट करने वाले ने द्रौपदी मुर्मू को संघी प्रदर्शित करने के लिए फोटो से छेड़छाड़ कर उसकी मिरर इमेज बनाई और फिर उसे आगे बढ़ाया। प्रशांत भूषण ने भी मुर्मू से जुड़ी फर्जी खबर फैलाने में योगदान दिया और मनगढ़ंत दावा किया।

हकीकत में भूषण लंबे से फर्जी न्यूज फैलाने के लिए कुख्यात रहे हैं। पिछले साल उन्होंने कोविड को लेकर, कोविड वैक्सीन को लेकर, उसके प्रभावों को लेकर, मास्क के विरोध में कई तरह के झूठ फैलाए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -