Sunday, September 8, 2024
Homeराजनीतिगोवा में फँसी पार्टी को छोड़ यूरोप निकले राहुल गाँधी: इधर अध्यक्ष के लिए...

गोवा में फँसी पार्टी को छोड़ यूरोप निकले राहुल गाँधी: इधर अध्यक्ष के लिए कॉन्ग्रेस की बड़ी बैठक, राष्ट्रपति चुनाव, हिमाचल-गुजरात चुनाव की सरगर्मी

राहुल गाँधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठने के सबसे बड़े कारणों में से एक ये भी है कि महत्वपूर्ण राजनीतिक क्षणों से पहले वो अचानक विदेश दौरे पर निकलते रहे हैं।

राहुल गाँधी एक बार फिर से यूरोप के लिए निकल गए हैं। वो भी तब, जब कॉन्ग्रेस की अहम बैठक होने वाली है। बताया जा रहा है कि ये उनका ‘व्यक्तिगत दौरा’ है। अब जब हिमाचल प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियाँ तेज़ हो रही हैं, इस तरह राहुल गाँधी का विदेश दौरे पर जाना सबको हैरान करने वाला है। हालाँकि, इससे पहले भी वो ऐसे कारनामे करते रहे हैं। ये भी ध्यान देने वाली बात है कि संसद का मॉनसून सत्र भी शुरू होने वाला है।

राहुल गाँधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठने के सबसे बड़े कारणों में से एक ये भी है कि महत्वपूर्ण राजनीतिक क्षणों से पहले वो अचानक विदेश दौरे पर निकलते रहे हैं। फ़िलहाल पार्टी ने उनके ताज़ा दौरे को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। गुरुवार (14 जुलाई, 2022) को पार्टी की एक बड़ी बैठक भी होने वाली है, जिसमें अध्यक्ष के चुनाव को लेकर चर्चा होगी। राहुल गाँधी को भी अध्यक्ष की दौर में माना जा रहा है, लेकिन वो गायब होंगे।

महात्मा गाँधी की जयंती (2 अक्टूबर) से शुरू होने वाली कॉन्ग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर भी इस बैठक में चर्चा होगी। अब राहुल गाँधी के विदेश दौरे से भाजपा को भी नया मुद्दा मिलेगा, जिसका जवाब कॉन्ग्रेस प्रवक्ता अजीबोगरीब ढंग से देते हैं। आपको याद होगा कि मई 2022 की शुरुआत में वो नेपाल की राजधानी काठमांडू में एक शादी समारोह में चीनी महिला राजदूत के साथ दिखे थे। पंजाब और उत्तर प्रदेश में कॉन्ग्रेस के बुरे प्रदर्शन के बाद ये वीडियो वायरल हुआ था।

इसी तरह वो उस समय भी यूरोप के दौरे पर निकले थे। दिसंबर 2021 में वो इटली के लिए निकल गए थे। फिर वो जनवरी आधा वहाँ बिता कर वापस आए थे। इसी साल यूके के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में जाकर उन्होंने भारत विरोधी भड़काऊ बातें की थीं। इधर राज्यसभा चुनाव के लिए कॉन्ग्रेस संघर्ष कर रही थी, उधर उनका नेता विदेश में था। अबकी संसद सत्र में राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति का चुनाव भी होना है। गोवा में कॉन्ग्रेस टूट गई है और पार्टी का बुरा हाल है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -